Horoscope guru atichari effect 3 zodiac big effect gochar mithun rashi Guru Atichari: मिथुन राशि में जानें से गुरु हो गए अतिचारी, ज्योतिर्विद से जानें किन 3 राशियों पर असर, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Guru Atichari: मिथुन राशि में जानें से गुरु हो गए अतिचारी, ज्योतिर्विद से जानें किन 3 राशियों पर असर

Horoscope guru atichari: देवगुरु बृहस्पति को धर्म का कारक ग्रह मुख्य रूप से माना जाता है ऐसे में जब देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे तो यह स्थिति उनकी अतिचारी स्थिति कही जाती है।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, ज्योतिवर्विद डॉ दिवाकर त्रिपाठीThu, 15 May 2025 02:15 PM
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Guru Atichari: मिथुन राशि में जानें से गुरु हो गए अतिचारी, ज्योतिर्विद से जानें किन 3 राशियों पर असर

2025 में देवगुरु बृहस्पति का परिवर्तन तीन राशियों में दिखाई देगा । 14 मई 2025 से पहले शुक्र की राशि वृषभ में गोचर हो रहा था । 14 मई 2025 को देवगुरु बृहस्पति वृष राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। जहां पर 14 अक्टूबर 2025 तक रहकर अपना प्रभाव स्थापित करेंगे। 14 अक्टूबर से लेकर 4 दिसंबर के मध्य में कर्क राशि में गोचर करेंगे तथा अपना प्रभाव स्थापित करेंगे। 4 दिसंबर के बाद पुनः मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे इस प्रकार वर्ष 2025 में देवगुरु बृहस्पति वृष, मिथुन एवं कर्क तीनों राशि की यात्रा करेंगे। देवगुरु बृहस्पति को आध्यात्मिक का कार्यक्रम माना जाता है । ज्ञान का कारक ग्रह माना जाता है। शैक्षणिक व्यवस्था का कारक ग्रह माना जाता है। धार्मिक संस्थाओं का कार्यक्रम माना जाता है।

गुरु की अतिचारी स्थिति

देवगुरु बृहस्पति को धर्म का कारक ग्रह मुख्य रूप से माना जाता है ऐसे में जब देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे तो यह स्थिति उनकी अतिचारी स्थिति कही जाती है। जहां पर इनकी तीव्रता में वृद्धि हो जाती है तथा प्रभाव में वृद्धि देखने को मिलता है। अतः मिथुन राशि में गोचर करते हुए देवगुरु बृहस्पति चराचर जगत पर अपना प्रभाव स्थापित करेंगे। मिथुन राशि में गोचर करते हुए देवगुरु बृहस्पति पर राहु की दृष्टि पड़ेगी। राहु की दृष्टि पडने के कारण बृहस्पति के स्वरूप में विकृति आ जायेगी। इस प्रकार धार्मिक संस्थाओं की लेकर तनाव, सांप्रदायिक तनाव, धार्मिक विवाद, विशेषकर पश्चिमी क्षेत्र में ज्यादा दिखाई देगी। धार्मिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्तित्व के लिए नकारात्मक प्रभाव स्थापित हो सकता है। किसी भी धर्म की अगुवाई करने वाले लोगों के लिए बृहस्पति का यह गोचर विशेष करके 14 में से लेकर 14 अक्टूबर 2025 तक विशेष रूप से तनाव एवं क्षति उत्पन्न करेगा। बृहस्पति के इस गोचरीय परिवर्तन का सभी राशियों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

इन तीन राशियों पर ही होगा असर

मेष राशि के लिए बृहस्पति का गोचर भाग्य एवं व्यय भाव का कारक होकर तृतीय भाव में होगा। ऐसे में पुरुषार्थ में वृद्धि। सामाजिक पद प्रतिष्ठा सम्मान में वृद्धि। कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा। राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल रहेगा। कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा। पिता का सहयोग सानिध्य प्राप्त होगा। दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में सकारात्मक सुधार होगा। आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा। व्यापारिक विस्तार का योग बनेगा। वैवाहिक गतिविधियों में सुधार होगा। साझेदारी के कार्यों में लाभ की स्थिति उत्पन्न होगी। अचानक धन लाभ की स्थिति होगी। पैतृक संपत्ति का लाभ प्राप्त होगा। अचानक सामाजिक दायरे में वृद्धि के लिए तथा भोग विलासिता पर खर्च की भी स्थिति उत्पन्न होगी।

वृष राशि के लिए बृहस्पति अष्टम एवं लाभ भाव के कारक होकर धन भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में पारिवारिक कार्यों में प्रगति की स्थिति बनेगी। वाणी दोष में वृद्धि होगा। वाणी के क्षेत्र से जुड़कर कार्य करने वाले लोगों को विशेष रूप से सावधान होकर कार्य करना चाहिए। इससे लाभ ज्यादा मिलेगा । परिवार में मांगलिक कार्यों की संभावना बढ़ेगी। पारिवारिक वृद्धि का सहयोग बनेगा । आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा। व्यापारिक विस्तार का योग बनेगा। पेट एवं पैर की समस्या के कारण तनाव की संभावना बनेगी। शत्रुओं में वृद्धि होगा। अति निकट लोगों से तनाव की स्थिति उत्पन्न होगी। सामाजिक पद प्रतिष्ठा एवं सम्मान में वृद्धि होगा। नौकरी व्यवसाय में परिवर्तन होगा। स्थानांतरण का योग बनेगा। नए दायित्व में वृद्धि का सहयोग बनेगा। राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल रहेगा।

मिथुन राशि के लिए बृहस्पति सुख एवं दांपत्य भाव के कारक होकर लग्न अर्थात एवं शरीर भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में बृहस्पति का पूर्ण प्रभाव देखने को मिलेगा। विशेष करके गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि होगी। जमीन जायदाद से संबंधित कार्यों में प्रगति होगा। माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा। सुख के संसाधनों में वृद्धि होगी। प्रेम संबंधों में सुधार होगा। दांपत्य जीवन में सुधार एवं प्रगति की स्थिति बनेगी। वैवाहिक कार्यों में चल रहे अवरोध समाप्त होंगे। साझेदारी कार्यों से लाभ की प्राप्ति होगी। संतान पक्ष से लाभ प्राप्त होगा। अध्ययन अध्यापन में प्रगति होगी। डिग्री आदि के लिए समय अनुकूल रहेगा। कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा। पिता का सुख सानिध्य प्राप्त होगा। पैतृक संपत्ति के लाभ में वृद्धि होगी। मानसिक विचलन में वृद्धि होगा। सिर में दर्द एवं माइग्रेन की समस्या के कारण तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

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