Hindi Newsपश्चिम बंगाल न्यूज़RG Kar murder case Court frames charges against prime accused Sanjay Roy trial to begin on November 11

कोलकाता रेप एंड मर्डर केस में 87 दिन बाद आरोप तय, रोजाना सुनवाई का भी फैसला

मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को जब सियालदह की अदालत से बाहर ले जाया जा रहा था, तब उसने कहा कि मैंने कुछ नहीं किया है। मुझे इस बलात्कार-हत्याकांड में फंसाया गया है। मेरी कोई नहीं सुन रहा है। सरकार मुझे फंसा रही है और मुंह नहीं खोलने की धमकी दे रही है।

Pramod Praveen भाषा, कोलकाताMon, 4 Nov 2024 08:32 PM
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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का शव मिलने के 87 दिन बाद एक स्थानीय अदालत ने मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सोमवार को आरोप तय किए। अदालत ने घोषणा की कि 11 नवंबर से दैनिक आधार पर मामले की सुनवाई होगी। रॉय पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

रॉय को जब सियालदह की अदालत से बाहर ले जाया जा रहा था, तब उसने कहा, ‘‘मैंने कुछ नहीं किया है। मुझे इस बलात्कार-हत्याकांड में फंसाया गया है। मेरी कोई नहीं सुन रहा है। सरकार मुझे फंसा रही है और मुंह नहीं खोलने की धमकी दे रही है।’’कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को रॉय को गिरफ्तार किया था। उससे एक दिन पहले आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला चिकित्सक का शव मिला था।बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी।

कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के वरिष्ठ नेता अधीर चौधरी ने कहा कि रॉय के दावे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और उसकी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आरोपी के ऐसे दावों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और इसकी जांच होनी चाहिए। हम कहते रहे हैं कि ऐसा अपराध किसी एक व्यक्ति द्वारा संभव नहीं है। यह सामूहिक अपराध है। हमें नहीं पता है कि सीबीआई और कोलकाता पुलिस के बीच कोई गुप्त गठजोड़ है या नहीं। हमें संदेह है।’’

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने कहा कि पुलिस की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए। पिछले महीने पेश प्रारंभिक आरोप पत्र में सीबीआई ने रॉय को मामले में ‘एकमात्र मुख्य आरोपी’ बताया था। इस बीच, आर जी कर अस्पताल में ही भ्रष्टाचार के एक मामले की सुनवाई के दौरान इस सीबीआई ने अलीपुर की विशेष अदालत को बताया कि अपराध के पीछे ‘गहरी साजिश’ है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। इस मामले में घोष को गिरफ्तार किया गया था।

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इस बीच, नागरिक समाज संगठनों ने करुणामयी क्रॉसिंग से साल्ट लेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय तक रैली निकाली और मांग की कि एजेंसी आरजी कर बलात्कार-हत्या मामले की जांच में तेजी लाए। इस मार्च में हिस्सा लेने वाली स्कूल अध्यापिका लिपिका चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘घटना को लगभग तीन महीने हो चुके हैं। सीबीआई क्या कर रही है? उसकी जांच में कोई स्पष्टता नहीं है। हम चाहते हैं कि सीबीआई जल्द से जल्द अपनी जांच पूरी करे।’’

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘‘सीबीआई मामले की जांच कर रही है। हालांकि पुलिस इसमें सहयोग नहीं कर रही है। हमें धैर्य रखना चाहिए।’’ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने अपराध का पता चलने के 24 घंटे के भीतर ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। पूर्व राज्यसभा सदस्य घोष ने कहा, ‘‘सीबीआई ने भी अपने आरोपपत्र में उसे एकमात्र मुख्य आरोपी बताया है। इसलिए, जब जांच चल रही है, तो टिप्पणी करना उचित नहीं है।’’

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