505 दिन बाद हुई रिहाई, हमास लड़ाकों के माथे पर किस करता नजर आया इजरायली बंधक
- टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, ओमर शेम टोव के पिता माल्की शेम टोव ने अपने बेटे के खुशहाल स्वभाव को उसकी पहचान बताया।
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हमास ने छह इजरायली बंधकों को शनिवार को रिहा कर दिया। इन छह लोगों में तीन इजरायली पुरुष शामिल हैं, जिन्हें नोवा संगीत समारोह से पकड़ा गया था, जब सात अक्टूबर, 2023 को हमास के आतंकवादियों ने हमला किया था। छोड़े गए इजरायली बंधकों की पहचान ओमर वेंकार्ट, ओमर शेम टोव और एलिया कोहेन के रूप में हुई है। इन तीनों को हमास ने नुसेरात शहर में एक मंच पर लाकर पेश किया, जहां उन्होंने भीड़ की ओर हाथ हिलाया और अपनी रिहाई के प्रमाण पत्र दिखाए।
रिहाई के दौरान ओमर शेम टोव ने मंच पर मौजूद दो हमास लड़ाकों के माथे पर किस दिया और खुशी जाहिर की। इसके बाद रेड क्रॉस के अधिकारियों ने उन्हें अपनी सुरक्षा में लिया और एक काफिले के जरिए उन्हें वहां से ले जाया गया। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
इस घटना ने दुनिया भर में लोगों का ध्यान खींचा है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे "स्टॉकहोम सिंड्रोम" का उदाहरण बताया, जबकि अन्य ने इसे शांति और मानवता के एक दुर्लभ क्षण के रूप में देखा। इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) के अनुसार, ये तीनों बंधक 505 दिनों तक हमास की कैद में रहे थे। रिहाई के बाद, उन्हें इजरायल की सीमा पार कराई गई, जहां उनकी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक जांच के लिए एक चिकित्सा सुविधा में ले जाया गया। शनिवार को कुल छह बंधकों को रिहा किया गया, जो 19 जनवरी को शुरू हुए संघर्ष विराम समझौते के पहले चरण के तहत अंतिम जीवित बंधक थे।
रिहाई के बाद परिवार की प्रतिक्रिया
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, ओमर शेम टोव के पिता माल्की शेम टोव ने अपने बेटे के खुशहाल स्वभाव को उसकी पहचान बताया। उन्होंने चैनल 12 से वीडियो कॉल पर बातचीत में कहा, "ओमर थोड़ा पतला हो गया है, लेकिन वह खुशमिजाज है, सकारात्मकता से भरा हुआ है। वह हमेशा आशावादी रहता है।" उन्होंने आगे कहा, "हमें अंदाजा भी नहीं था कि वह किस हाल में होगा। लेकिन जब वह बाहर आया और मुस्कुराते हुए हाथ हिलाया, तो यह हमारे लिए हैरान करने वाला था।" ओमर के भाई ने भी उसकी सकारात्मकता की सराहना करते हुए कहा, "वह हमेशा, हमेशा सकारात्मक रहता है।"
बता दें कि आज छोड़े गए बंधकों में से दो को हमास ने लगभग एक दशक तक बंधक रखा था, जब से वे दोनों अकेले ही गाजा में घुसे थे। गाजा में दो अलग-अलग समारोहों में सैकड़ों फिलिस्तीनियों के सामने नकाबपोश, सशस्त्र हमास लड़ाकों द्वारा मंच पर लाकर पांचों को रेड क्रॉस को सौंप दिया गया। बंधकों को रिहा करने के सार्वजनिक प्रदर्शनों के लिए हमास की कड़ी आलोचना की जा रही है। इजराइल, संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस ने कहा है कि यह क्रूर तरीका है और बंधकों की गरिमा का ध्यान नहीं रखा गया।
इजराइल और हमास के बीच बंधकों और कैदियों की रिहाई ऐसे वक्त में हो रही है जब हमास के चरम पंथियों ने अगवा किए गए दो छोटे बच्चों की मां शिरी बिबास के बजाए किसी और का शव सौंप दिया था और इसे लेकर फिलिस्तीन खफा है। हमास ने दो बेटों के शवों के साथ महिला का जो शव सौंपा था वह फलस्तीन की किसी महिला का था, बच्चों की मां शिरी बिबास का नहीं।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे समझौते का ‘‘क्रूर और दुर्भावनापूर्ण उल्लंघन’’ करार दिया था और बदला लेने का संकल्प जताया, वहीं हमास ने कहा कि यह एक गलती थी। शनिवार को रिहा किये गए छह बंधक, संघर्षविराम के प्रथम चरण के तहत रिहा किये जाने वाले अंतिम जीवित व्यक्ति हैं। इथियोपियाई-इजराइली मेंगिस्टू को 2014 में गाजा में बंदी बनाया गया था। मेंगिस्टू के परिवार ने रिहाई पर गीत गाए।
उत्तरी इजराइली गांव माले त्ज़्विया के शोहम अपनी पत्नी के परिवार से मिलने किबुत्ज़ बेरी गए थे तभी सात अक्टूबर 2023 को हमास के चरमपंथियों ने वहां हमला कर दिया था। फिलिस्तीनी कैदियों के मीडिया कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि इजराइल में जेल में बंद 620 फलस्तीनियों को रिहा किया जाएगा।
हमास ने कहा है कि वह अगले सप्ताह चार और शवों को सौंप देगा, जिससे युद्ध विराम का पहला चरण पूरा हो जाएगा। अगर यह योजना लागू होती है, तो हमास के पास करीब 60 बंधक रह जाएंगे, जिनमें से करीब आधे के जीवित होने की संभावना है। हमास ने कहा है कि वह स्थायी युद्धविराम और इजराइल की पूर्ण वापसी के बिना शेष बंदियों को रिहा नहीं करेगा।
(इनपुट एजेंसी)
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