बोले रुद्रपुर: कल्याणी की सफाई न हुई तो बरसात में फिर मचाएगी तबाही
मानसून के आगमन के साथ, कल्याणी नदी के आसपास के लोग बाढ़ के खतरे से चिंतित हैं। पिछले वर्षों के अनुभवों के कारण, लोग नदी की सफाई में देरी पर नाराज हैं। नदी के किनारों पर अतिक्रमण और गंदगी ने स्थिति को...
गर्मी से राहत पाने के लिए लोग मानसून का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कल्याणी नदी के आसपास बसे लोगों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है। बरसात में कल्याणी नदी अपने उफान पर होती है। इससे जान-माल का खतरा रहता है। लोग अब तक पिछले सालों की बरसात को नहीं भूल पाए हैं। तब लोगों के घरों तक में नदी का गंदा पानी घुस गया था। नदी के बहाव में सामान और लोग तक बह गए थे। लोगों का कहना है कि कल्याणी नदी फिर से अपना कहर बरपाए, उससे पहले उसकी सफाई की जानी चाहिए। जिन विभागों के ऊपर नदी की सफाई का जिम्मा है, उनके अधिकारी फिलहाल नींद की आगोश में हैं।
कल्याणी नदी के किनारों पर दिनोदिन बढ़ते अतिक्रमण के कारण भी बाढ़ की स्थिति पैदा होती है। अतिक्रमण के कारण नदी-नाले में तब्दील हो गई है और नदी का स्वरूप भी बदल गया है। बरसात में कल्याणी नदी का पानी बढ़ने और उसके बाद मचने वाली तबाही को याद करके लोग भयभीत हो जाते हैं। बीते सालों में नदी के उफान में कई लोग बह तक गए थे। इसके अलावा लोगों के मकानों के क्षतिग्रस्त होने, कीमती सामान के खराब और बह जाने से लोगों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि कल्याणी नदी की साफ-सफाई को लेकर मुश्तैदी दिखाई जाएगी, लेकिन मानसून आने की उल्टी गिनती शुरू होने के बाद भी अब तक नदी की सफाई नहीं होने से लोग चिंतित हैं। जगतपुरा, मुखर्जी नगर, कल्याणी व्यू, भूतबंगला आदि के लोगों का कहना है कि नदी की योजनाबद्ध तरीके से सफाई समय से की जानी चाहिए, जिससे लोगों को बाढ़ से बचाया जा सके। लोगों ने कहा कि हर बार नदी की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपयों की बंदरबांट की जाती है, जबकि धरातल में नदी की सफाई कहीं नहीं दिखती है। नगर निगम व जल निगम के पास नदी की साफ-सफाई का जिम्मा है, लेकिन दोनों विभाग अब तक बजट की राह देख रहे हैं। विभागों के अधिकारियों का कहना है कि बजट की उपलब्धता के बाद जल्द नदी की सफाई कराई जाएगी। लोगों का कहना है कि नदी के स्वरूप से लगातार की गई छेड़छाड़ व उसके किनारों पर अतिक्रमण की वजह से बाढ़ का खतरा ज्यादा बढ़ा है। कहा कि पूर्व में लोग नदी का पानी पीते व अन्य उपयोग में लाते थे, लेकिन धीरे-धीरे नदी के आसपास क्षेत्रों में अतिक्रमण करके मकान खड़े कर दिए गए। इसके बाद लोगों ने अपना कूड़ा-कचरा भी नदी में डालना शुरू कर दिया। वर्तमान में शहर के छोटे-बड़े 170 नालों का गंदा पानी व कूड़ा-कचरा भी इसी में डाला जा रहा है। बजट के अभाव में नहीं हो पा रही नदी की सफाई : बजट उपलब्ध नहीं हो पाने से कल्याणी नदी की सफाई में देरी हो रही है। नगर निगम व जल निगम के पास नदी की सफाई का जिम्मा है, लेकिन दोनों ही विभाग के अधिकारी फिलहाल बजट का अभाव बता रहे हैं। उनका कहना है कि बजट मिलने के बाद नदी की सफाई कराई जाएगी। जल निगम के अधिकारियों ने बताया कि नदी की सफाई के लिए जिले से आपदा प्रबंधन के तहत धनराशि आवंटित की जाती है। जल्द धनराशि प्राप्त होने की संभावना है। इसके बाद पोकलेन और जेसीबी लगाकर नदी की सफाई कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि नदी के कुछ हिस्से की सफाई जल निगम व अन्य हिस्से की सफाई नगर निगम की ओर से की जाती है। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक नदी की सफाई के लिए सर्वे कार्य कर लिया गया है और जल्द इसकी सफाई का कार्य शुरू किया जाएगा। इन क्षेत्रों के लोग बाढ़ की आशंका से भयभीत : कल्याणी नदी पंतनगर क्षेत्र से सिडकुल, जगतपुरा, मुखर्जीनगर, कल्याणी व्यू, खेड़ा, भूतबंगला, रम्पुरा आदि होते हुए फाजलपुर मैहरोला की ओर बहती है। ऐसे में इन क्षेत्रों के निवासी बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं। लोगों का कहना है कि अब तक कल्याणी नदी की सफाई नहीं होने से चिंतित होना लाजिमी है। उन्हें इस बार भी बाढ़ का खतरा दिखाई दे रहा है। कहा कि यदि नदी की समय पर और योजनाबद्ध तरीके से सफाई नहीं हुई तो फिर से जान-माल को खतरा हो सकता है। कहा कि जून महीने में मानसून आ जाता है। मानसून आने में अब बहुत कम समय बचा है, इसलिए समय रहते नदी की सफाई की जानी चाहिए। कहा कि सफाई नहीं होने से हल्की बारिश में ही नदी का गंदा पानी व कूड़ा-कचरा उफान मारकर लोगों के घरों में घुस जाता है, जिससे कीमती सामान के खराब होने की आशंका रहती है। कहा कि बीते सालों में नदी का बहाव इतना तेज था कि कई लोग उसमें बह तक गए थे। समय पर नदी की सफाई नहीं होने से यहां-वहां गंदगी का अंबार लग जाता है, जिससे मच्छर-मक्खी के पनपने की आशंका रहती है। अतिक्रमण हटाओ अभियान चढ़ा राजनीति की भेंट : कल्याणी नदी के किनारे किए गए अतिक्रमण को हटाने की पहल पूर्व में की गई थी, लेकिन वह राजनीति की भेंट चढ़ गई। लोगों ने बताया कि लगभग दो दशक पहले तक नदी में पानी का बहाव भी काफी तेज हुआ करता था। तब नदी की चौड़ाई तकरीबन ढाई सौ मीटर के आसपास हुआ करती थी, लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने नदी किनारे अतिक्रमण कर मकान खड़े कर दिए। मकान बनने के बाद लोगों ने नदी में ही कूड़ा-कचरा डालना शुरू कर दिया, जिससे बाद नदी नाले में तब्दील हो गई और उसका स्वरूप बदल गया। बताया कि कल्याणी नदी की वर्तमान बदहाली के लिए प्रशासनिक चूक काफी हद तक जिम्मेदार है और रही-सही कसर वोट बैंक की राजनीति ने पूरी कर दी। कहा कि पूर्व में नदी किनारे किए गए अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया चली। चिह्नित मकानों पर लाल निशान तक लगाए गए, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद उस अभियान पर पूर्ण विराम लगा दिया गया। तब अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए थे कि नदी में अतिक्रमण हटाते हुए संबंधितों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास के लिए आवेदन करवाए जाएं, लेकिन इसके बावजूद आज तक अतिक्रमण नहीं हट पाया। योजनाएं बनीं, लेकिन नहीं हो पाई नदी की सफाई : अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही कल्याणी नदी की सफाई व उसके मूल स्वरूप के लिए कई योजनाएं बनाई गईं, लेकिन इसके बावजूद नदी आज भी प्रदूषित है। लोगों का कहना है कि नदी के कायाकल्प के लिए योजनाएं तो खूब बनीं, लेकिन वह कागजों में ही धरी रह गईं। कहा कि शीर्ष अधिकारियों ने कल्याणी की बायो-मैपिंग से लेकर इसमें वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने की बात कही थी। स्वच्छ भारत अभियान के तहत इसकी सफाई कराने की चर्चा भी हुई। इसके अलावा गंगा की सहायक नदी होने के चलते कल्याणी नदी को केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना में शामिल किया गया। इसके तहत नदी को दीवार या जाल के माध्यम से कवर किया जाना था, जिससे नदी के अंदर लोग गंदगी न डाल सकें। कई सामाजिक संस्थाओं, पर्यावरणविदों व स्कूली बच्चों की टीम ने भी नगर निगम के साथ मिलकर नदी की सफाई का जिम्मा उठाया था, लेकिन नदी के अस्तित्व पर अब तक खतरा मंडरा रहा है। लोगों ने बताया कि कल्याणी नदी को एक पावन नदी का दर्जा दिया गया था। मां अटरिया देवी मंदिर के किनारे से बहने के कारण इसके प्रति लोगों में आस्था थी। कल्याणी में डुबकी लगाए बिना श्रद्धालु मंदिर के दर्शन तक नहीं करते थे। साथ ही, नदी के पानी का उपयोग पीने के लिए भी किया जाता था। बीते 20 सालों में नदी हुई सबसे ज्यादा प्रदूषित : ज्यादातर लोगों का कहना है कि बीते 20 सालों में कल्याणी नदी का जल सबसे अधिक दूषित हुआ है। कहा कि इस दौरान ही सिडकुल की स्थापना हुई थी। लोगों का आरोप है कि सिडकुल स्थित कंपनियों ने अपना दूषित पानी चोरी-छिपे नदी में डालना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से नदी का पानी अब पशुओं के पीने योग्य भी नहीं रह गया है। लोगों ने कहा कि बड़ी कंपनियों ने अपने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए हैं, जिसमें वह पानी को शुद्ध करके उसका इस्तेमाल अन्य कार्यों के लिए कर लेते हैं, लेकिन यहां स्थित ज्यादातर छोटी कंपनियों के पास अपना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है। कहा कि यहां सरकारी ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है, लेकिन लागत ज्यादा आने की वजह से ज्यादातर कंपनियां वहां अपना दूषित पानी शुद्ध करने में रुचि नहीं लेती हैं। इसके अलावा शहर के छोटे-बड़े करीब 170 नालों का गंदा पानी व कूड़ा-कचरा भी कल्याणी नदी में डाल दिया जाता है। बताया कि नदी के उद्गम से करीब 2 किलोमीटर तक की दूरी तक इसका पानी साफ है, लेकिन सिडकुल क्षेत्र में प्रवेश करते ही यह प्रदूषित होने लगती है। और शिकायतें 1-मानसून आने की तारीख नजदीक आ रही है, इसके बावजूद कल्याणी नदी की सफाई नहीं होना चिंता का विषय है। आसपास बसे लोग इसको लेकर परेशान हैं। 2-कल्याणी नदी की बाढ़ से प्रतिवर्ष लोगों को जान-माल का खतरा बना रहता है। ऐसे में नदी की अब तक सफाई नहीं होने से लोगों में नाराजगी है। 3-कल्याणी नदी के आसपास लोगों ने जबरदस्त तरीके से अतिक्रमण कर रखा है। अतिक्रमण हटाने में अक्सर राजनीति की जाती है। 4-कल्याणी नदी की सफाई के लिए अब तक कई योजनाएं बन चुकी हैं, लेकिन अभी भी नदी की सफाई नहीं हो पाई है। इससे लोग चिंतित हैं। 5-सिडकुल की स्थापना के बाद से कल्याणी नदी अत्यधिक प्रदूषित हो गई है। लोगों का आरोप है कि कंपनियों का गंदा पानी नदी में डाला जाता है। सुझाव 1-कल्याणी नदी की समय से सफाई कराने के लिए बजट उपलब्ध कराया जाना चाहिए, ताकि यहां के लोगों को बरसात में जलभराव से मुक्ति मिल सके। 2-कल्याणी नदी की योजनाबद्ध तरीके से सफाई की जानी चाहिए। ऐसे में अब तक नदी की सफाई का कार्य शुरू हो जाना चाहिए था। 3-नदी का अस्तित्व बनाए रखना सभी का कर्तव्य व हित में है। ऐसे में नदी के किनारों पर किए गए अतिक्रमण को हटाने में राजनीति नहीं होनी चाहिए। 4-कल्याणी नदी के लिए कागजों में योजना बनाने तक सीमित रहने की बजाए उसे धरातल पर उतारने की जरूरत है। इसकी सफाई कराई जाए। 5-कल्याणी नदी में सिडकुल स्थित कंपनियों को गंदा पानी डालने से रोका जाना चाहिए। इसके लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। साझा किया दर्द कल्याणी नदी की सफाई जल्द कराई जानी चाहिए। अगले महीने मानसून दस्तक दे देगा। बाढ़ की वजह से लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। -विपुल राय हमारा घर नदी के बिल्कुल समीप है। कल्याणी नदी में बाढ़ आने से घर में भी पानी भर जाता है। काफी सामान खराब हो जाता है। इसकी समय से सफाई की जानी चाहिए। -दीपा देवी जो लोग कूड़ा-कचरा डालकर नदी को दूषित करते हैं, उन्हें अपनी हरकतों से बाज आना चाहिए। नदी को प्रदूषित नहीं करना चाहिए। बाढ़ के कारण परेशानी होती है। -चितरंजन विश्वास जब से सिडकुल बना है, तभी से कल्याणी नदी प्रदूषित हुई है। नगर निगम की कूड़ा गाड़ी आने के बाद भी लोग नदी में कूड़ा डालते हैं। इसे रोका जाना चाहिए। -शुभम कुमार बाढ़ की वजह से कल्याणी व्यू में गलियों तक में गंदा पानी भर जाता है। गंदे पानी में मच्छर आदि पनपते हैं। कल्याणी नदी की समय से सफाई की जानी चाहिए। -गजराज नदी की ठीक से सफाई हो तो लोगों को दिक्कतें नहीं आएंगी, लेकिन खानापूर्ति के लिए सफाई की जाती है। मानसून आने में अब कुछ ही समय बचा है। -संजय हलधर बाढ़ के दौरान बहुत नुकसान होता है। कीमती सामान खराब हो जाता है। पिछली बरसात में कई लोगों के सिलेंडर आदि तक बह गए थे। कल्याणी की अच्छे से सफाई होनी चाहिए। -विपुल गाइन सिडकुल की कंपनियों का गंदा पानी नदी में छोड़े जाने से यह बहुत ज्यादा प्रदूषित हो गई है। कभी लोग इसका पानी पीने के लिए इस्तेमाल करते थे। -सुप्रिया समय से नदी की सफाई होनी चाहिए। बाढ़ के दौरान आम आदमी बहुत परेशान हो जाता है। लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। -शेफाली राय लोगों ने ही नदी को गंदा किया है। इसकी कीमत उन्हें चुकानी ही पड़ेगी। स्वच्छ नदी में कूड़ा-कचरा डालने से बचना चाहिए। नदी के किनारों पर तारबाड़ की जाए। -हरिपद राय नदी की सफाई के लिए विभागों के पास बजट ही नहीं होता है। पूर्व में भी नदी की सफाई को लेकर कई योजनाएं बनी हैं, लेकिन नदी अब भी गंदी है। -गिरीश पाल बाढ़ में लोगों को परेशानी न उठानी पड़े, इसलिए समय पर नदी की सफाई की जानी चाहिए। ठीक मानसून से पहले सफाई से नदी स्वच्छ नहीं हो पाती है। -सविता प्रजापति बोले ईई कल्याणी नदी की सफाई के लिए जिला आपदा प्रबंधन मद में बजट मिलता है। जल्द बजट मिल जाएगा, जिसके बाद पोकलेन और जेसीबी से कल्याणी नदी की सफाई की जाएगी। कल्याणी नदी की सफाई के लिए फिलहाल अन्य योजनाएं नहीं हैं। - भारत सिंह डांगी, ईई, सिंचाई विभाग बोले नगर आयुक्त कल्याणी नदी की सफाई का सर्वे कार्य किया जा चुका है। जल्द ही कल्याणी नदी की सफाई कराई जाएगी। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। - नरेश चंद्र दुर्गापाल, नगर आयुक्त, रुद्रपुर
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