मेरे साथ दुर्घटना हुई तो जिम्मेदारी एसटीएफ की... योगी के मंत्री आशीष पटेल अब यूपी पुलिस पर बरसे
यूपी की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और अपना दल सोनेलाल के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल खुद पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) पर बरसे हैं।
यूपी की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और अपना दल सोनेलाल के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल खुद पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) पर बरसे हैं। आशीष पटेल ने यहां तक कहा कि मेरे साथ किसी प्रकार का षड्यंत्र हुआ या दुर्घटना हुई तो इसकी सारी जिम्मेदारी एसटीएफ की होगी। आशीष पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सबसे ईमानदार आईएएस अधिकारी एवं तत्कालीन प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा एम देवराज की अध्यक्षता में हुई विभागीय पदोन्नति समिति की संस्तुति और शीर्ष स्तर पर सहमति के आधार पर हुई पदोन्नति के बावजूद राजनीतिक चरित्र हनन के लिए लगातार मीडिया ट्रायल अस्वीकार्य है।
आशीष पटेल पर उनकी ही साली और सपा विधायक पल्लवी पटेल ने पिछले दिनों प्राविधिक शिक्षा विभाग में पौने दो सौ से ज्यादा लेक्चरर को 25-25 लाख रुपए लेकर एचओडी बनाने का आरोप लगाया था। पल्लवी का कहना है कि यह पद लोकसेवा आयोग से सीधी भर्ती के जरिए भरा जाना चाहिए था। इस तरह से प्रमोशन देकर पिछड़ों और दलितों के साथ अन्याय किया गया है।
इसी को लेकर आशीष पटेल लगातार निशाना साध रहे हैं। मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर आशीष पटेल ने लिखा कि पहले भी कहा है और एक बार फिर कह रहा हूं कि माननीय मुख्यमंत्री जी यदि उचित समझें तो बार-बार के मीडिया ट्रायल, झूठ औए फरेब के जरिए किये जा रहे मेरे राजनीतिक चरित्र हनन के इस दुष्प्रयास पर स्थायी विराम के लिए बतौर मंत्री मेरे द्वारा अब तक लिए गए सभी फैसलों की सीबीआई जांच करा सकते हैं I
इतना ही नहीं मैं तो यहां तक कहता हूं कि लगे हाथ अगर उचित समझा जाए तो स्वयं मेरी तथा मेरी पत्नी और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री माननीय अनुप्रिया पटेल जी के सांसद-विधान परिषद सदस्य बनने के बाद अर्जित की गई संपत्ति की भी जांच करा ली जाए।
आशीष पटेल ने अपनी पोस्ट के साथ एक बार फिर प्रोनन्त किए गए लेक्चरर का जातिवार ब्योरा भी दिया है। कहा कि उत्तर प्रदेश का सूचना विभाग झूठ, फरेब एवं मीडिया ट्रायल का यह खेल आगे बढ़कर बन्द कराना चाहिए। यदि यह विभागीय पदोन्नति गलत है तो सूचना विभाग की तरफ से स्पष्टीकरण देना चाहिए।
कहा कि पर्दे के पीछे सामाजिक न्याय की आवाज को कुचलने का खेल जारी है। वास्तव में पदोन्नति के इस मामले में कुछ लोगों के कलेजे में कांटा लगने का कारण उन ओबीसी और वंचित वर्ग को लाभ मिलना है, जिनके अधिकारों की सालों से हकमारी की जा रही थी।
कहा कि पोस्ट के साथ संलग्न पदोन्नति की वर्गवार सूची देंखेंगे तो इसका अंदाजा हो जाएगा। ऐसे लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि इनके कलेजे में भविष्य में भी कांटा चुभता रहेगा। वह इसलिए कि इन झूठे तथ्यों, अफवाहों और मीडिया ट्रायल से अपना दल (एस) की सामाजिक न्याय की लड़ाई बंद नहीं होने वाली। हम अब पहले से भी अधिक शक्ति के साथ सामाजिक न्याय की आवाज बुलंद करते रहेंगे। मैंने पहले भी कहा है कि लौहपुरुष सरदार पटेल का वंशज आशीष पटेल डरने वालों में नहीं बल्कि लड़ने वालों में से है।
डीपीसी में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती:आशीष
मंत्री आशीष पटेल ने सवाल किया है कि इस मामले में सिर्फ मंत्री की शिकायत ही क्यों? विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है। डीपीसी के माध्यम से लिए गए फैसले की पत्रावली सबने देखी है।
मंगलवार को सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट के बाबत बातचीत किए जाने पर मंत्री आशीष पटेल ने कई सवाल खड़े किए और अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि डीपीसी में जब मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है ऐसे में शिकायत में सिर्फ मंत्री का नाम क्यों उछाला जा रहा है? विभागीय प्रोन्नति समिति की अध्यक्षता विभागीय प्रमुख सचिव करते हैं। पत्रावली तैयार होती है तो सभी सक्षम फोरम तक जाती है। डीपीसी के माध्यम से क्या फैसले लिए गए हैं इसकी जानकारी सभी को है।