सर्जरी में पैराथायराइड ग्रंथी में चोट से कैल्शियम की कमी
Varanasi News - वाराणसी में आयोजित संगोष्ठी में डॉ. मदन कापरे ने थायराइड कैंसर की सर्जरी के दौरान आवाज की नस और पैराथायराइड ग्रंथी की सुरक्षा के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि सही सर्जरी और प्रोटोकॉल का पालन करने पर...

वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। थायराइड कैंसर की सर्जरी में आवाज की नस और पैराथायराइड ग्रंथी को चोट नहीं आनी चाहिए। इससे सुनने की क्षमता प्रभावित होने के साथ पैराथायराइड ग्रंथी पर चोट से शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है। यह जानकारी इंडियन सोसाइटी ऑफ थायराइड सर्जन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. मदन कापरे ने दी। वह शनिवार को सुंदरपुर स्थित महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर अस्पताल में थायराइड कैंसर पर हुई संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। डॉ. कापरी ने कहा कि सही से सर्जरी हो और इलाज के बाद मरीज पूरे प्रोटोकॉल का पालन करे तो 97 से 98 फीसदी मरीज स्वस्थ्य हो सकते हैं।
मुख्य अतिथि आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने कहा कि इस तरह के आयोजन होने चाहिए। जिससे लोगों जागरूक होंगे और दूरस्थ क्षेत्र के डॉक्टरों को सीखने को मौका मिलेगा। महामना कैंसर अस्पताल के हेड एंड गला कैंसर विभाग के डॉ असीम मिश्रा ने कहा कि थायरॉयड के कैंसर में रिकवरी अच्छी होती है, बशर्ते इसका इलाज खासकर सर्जरी समय पर और बेहतर तरीके से हो जाए। हमारे यहां हर साल 200 से अधिक उपरोक्त बीमारी के मरीज आते हैं। सर सुंदरलाल अस्पताल के ईएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. विशंभर सिंह ने कहा कि सर्जरी के बाद मरीज रेडियो आयोडीन थेरेपी जरूरी है। इस दौरान सचिव डॉ सुनैना सरकार, डॉ टीपी चतुर्वेदी, डॉ सीमा खन्ना, डॉ एसके गुप्ता, डॉ सीयू पटने ने व्याख्यान दिया।
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