गंगा के अपस्ट्रीम में दिख रहा जून सा नजारा
Varanasi News - वाराणसी में गंगा की स्थिति में तेजी से नकारात्मक परिवर्तन हो रहा है। गर्मी में रेत के टीलों का उभरना पहले ही शुरू हो गया है। इस वर्ष गंगा की मध्य धारा में रेत का उभार तेजी से बढ़ रहा है, जो सामान्यतः...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। काशी में गंगा की स्थिति और परिस्थिति दोनों में ही तेजी से नकारात्मक परिवर्तन हो रहे हैं। साल दर साल गर्मी में रेत के टीलों के उभरने का क्रम समय से पहले ही आरंभ हो जा रहा है। यही नहीं रेत का स्थान परिवर्तन भी देखने को मिल रहा है। इस वर्ष तो रेत का आकार कुछ ज्यादा ही विकराल है। इस वर्ष काशी की गंगा के अपस्ट्रीम में मई के दूसरे पखवारे की शुरुआत से पहले ही जून जैसा नजारा दिखने लगा है। गंगा की मध्य धारा में रेत के उभरने का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है।
यूं तो गंगा में रेत के उभार का क्रम जून में रामनगर किले के सामने पश्चिमी तट से शुरू होता था लेकिन इस बार गर्मी में यह नजारा सामने घाट से विश्वसुंदरी पुल के बीच मध्यधारा में दिखने लगा है। सामने घाट पुल के उत्तर में मध्य गंगा में दूर तक रेत का उभार हो चुका है। ऐसी स्थित प्राय: जून के अंतिम सप्ताह के आसपास दिखा करती थी। माझियों की मानें तो सामने घाट से अस्सी के बीच उस पार नाव ले जाने के लिए थोड़ी सी जगह ही बची है। सामने घाट पुल के उत्तर में हाईटेंशन तार ले जाने के लिए बनाए गए पिलर के आसपास से नाव से उस पार नहीं जाया जा सकता। यही स्थित रही तो काशी में भी अदलपुरा जैसी स्थिति होगी। अदलपुरा क्षेत्र में जून में स्थिति यह हो जाती है कि लोग पैदल चल कर गंगा पार कर लेते हैं।
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