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यूपी में लाटरी के जरिए बिकेंगी शराब की दुकानें, योगी कैबिनेट ने 12 प्रस्तावों पर लगाई मुहर, जानिए अन्य फैसले

Yogi cabinet: यूपी की योगी कैबिनेट ने मंगलवार को 12 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने नई आबकारी नीति पर भी मुहर लगा दी है। अब शराब की दुकानों का आवंटन लाटरी सिस्टम के जरिए किया जाएगा।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानWed, 5 Feb 2025 09:06 PM
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यूपी में लाटरी के जरिए बिकेंगी शराब की दुकानें, योगी कैबिनेट ने 12 प्रस्तावों पर लगाई मुहर, जानिए अन्य फैसले

Yogi cabinet: यूपी की योगी सरकार ने खजाना भरने के लिए प्रदेश की आबकारी नीति में फिर बदलाव कर दिया है। उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानों के लिए नवीनीकरण की व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त करते हुए नए आवंटन अब हर जिले में ई-लाटरी से किए जाएंगे। इसके साथ ही कंपोजिट शॉप की व्यवस्था भी शुरू की जा रही है। समूह में मिलकर लोग शराब बेचने के लिए कंपोजिट शॉप ले सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार की शाम हुई कैबिनेट की बैठक में 12 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में बजट सत्र 18 फरवरी से बुलाने पर सहमति बनी है और बताया जा रहा है कि 19 को बजट पेश किया जा सकता है। पहले दुकानों का कोटा उठाने की शर्तों के साथ नवीनीकरण कर दिया जाता था।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आबकारी नीति वर्ष 2025-26 को मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार हर साल आबकारी नीति का निर्धारण करती है। वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति में बदलाव कर दिया गया है। नई नीति के मुताबिक इस बार दुकानों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा, उसके स्थान पर ई-लाटरी के माध्यम से दुकानों का आवंटन किया जाएगा। राज्य सरकार ने देशी, अंग्रेजी और बीयर की दुकानों को लेने के लिए राह आसान कर दी है, जिससे किसी एक समूह की मनमानी न चले।

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हर जिले में होगी ई-लाटरी

नीति में प्रावधान किया गया है कि ई लाटरी के जरिये दुकानों का आवंटन किया जाएगा। हर जिले में ई-लाटरी की जाएगी। एक आवेदक को एक ही दुकान दी जाएगी। पूरे प्रदेश में एक व्यक्ति को दो से ज्यादा दुकानें नहीं दी जाएंगी। ई-लाटरी के लिए कोई निजी एजेंसी हायर नहीं की जाएगी। यह काम हर जिले में एनआईसी के जरिये किया जाएगा। आवेदन के समय जमा की जाने वाली फीस नान-रिफंडेबल होगी।

विधानमंडल सत्र 18 से

कैबिनेट की बैठक में विधानमंडल सत्र 18 फरवरी से कराने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। बजट 19 फरवरी को दोनों सदनों में रखे जाने की तैयारी है। इसके साथ की शाहजहांपुर में नया विकास प्राधिकरण गठन संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। शाहजहांपुर विकास प्राधिकरण में करीब 32 गांव होंगे। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किए जाने संबंधी प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी गई है।

उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली- 2025 को भी कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई है। प्रदेश में स्थित राही पर्यटक आवास गृहों में सुमेर सिंह किला इटावा, कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर, शिकोहाबाद फिरोजाबाद, विंध्यांचल मिर्जापुर, झील महल रेस्टोरेंट मऊ और गोपीगंज भदोही को निजी हाथों में देने के लिए प्राप्त टेंडर को कैबिनेट से मंजूरी कराई गई।

प्राचीन धरोहर को संजोने की नीति को मंजूरी

प्रदेश के प्राचीन धरोहर भवनों को सर्वाजनिक पीपीपी मॉडल पर हेरिटेज पर्यटन इकाई के रूप में विकसित करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यासलय लखनऊ में 500 बेड ट्रामा सेंटर के विस्तर एवं पेसेंट यूटिलिटल कॉप्लेक्स निर्माण को मंजूरी दी गई। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान अधिनियम में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।

इससे मौजूदा निदेशक डा. आरके धीमन का कार्यकाल बढ़ जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में बांटने संबंधी प्रसताव को भी मंजूरी भी दे दी गई है। मथुरा में प्रस्तावित 30 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता नई ग्रीन फील्ड डेयरी प्लांट लगाने को भी मंजूरी दी गई। गृह विभाग में 469 नए वाहन खरीदने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।

पीपीपी मॉडल पर बनाए जा रहे बस स्टेशनों की लीज अब नब्बे साल

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा पीपीपी मॉडल पर विकसित किए जा रहे 23 प्रमुख बस स्टेशनों के लिए अनुबन्धित फर्मों की लीज अवधि बढ़ा कर नब्बे साल कर दी गई है। पहले यह अवधि कम थी जिस पर कई फर्म काम करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही थीं। इसके बाद ही परिवहन निगम ने यह प्रस्ताव तैयार किया था।

दो साल पहले पीपीपी मॉडल पर आधुनिक बस टर्मिनल के रूप में 23 बस स्टेशनों को विकसित करने पर सहमति बनी थी। पहले चरण में 11 बस स्टेशनों को ही पीपीपी मॉडल पर विकसित करने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद 12 और बस स्टेशनों को इस श्रेणी में शामिल कर लिया गया था। इसके बाद प्रयागराज, लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद, आगरा, अलीगढ़, अयोध्या, बुलन्दशहर, गोरखपुर, बरेली, वाराणसी, मिर्जापुर,रायबरेली,मथुरा, कानपुर और हापुड़ प्रमुख जिले चिन्हित किए गए थे। यहां के डीएम को बस स्टेशन निर्माण की अवधि में बसों के संचालन के लिए वैकल्पित व्यवस्था कराये जाने के निर्देश भी पहले दिए जा चुके हैं। इन बस स्टेशनों पर आधुनिक यात्री सुविधा, रिटेल आउटलेट्स, मल्टीप्लेक्स समेत कई अन्य सुविधाएं मिलेंगी। इससे बस स्टेशनों पर यात्रियों को और ज्यादा सहूलियतों को मिलेंगी।

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