यूपी कैबिनेट फैसला: इस क्षेत्र में जमीन की कीमत बढ़ने पर अब देना होगा विशेष सुख सुविधा शुल्क
- यूपी सरकार मेट्रो रेल, लाइट मेट्रो रेल, क्षेत्रीय त्वरित रेल, त्वरित बस सेवा या फिर रोप-वे चलने वाले क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही जमीन की कीमतों को देखते हुए इन भूमियों पर व्यावसायिक भवन बनाने के लिए नक्शा पास कराने वालों से विशेष सुख-सुविधा शुल्क लेगी।
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यूपी सरकार मेट्रो रेल, लाइट मेट्रो रेल, क्षेत्रीय त्वरित रेल, त्वरित बस सेवा या फिर रोप-वे चलने वाले क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही जमीन की कीमतों को देखते हुए इन भूमियों पर व्यावसायिक भवन बनाने के लिए नक्शा पास कराने वालों से विशेष सुख-सुविधा शुल्क लेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ।
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सरकार लोगों की सुविधाओं के लिए तेजी से विकास कर रही है। इसमें मेट्रो रेल से लेकर रोप-वे जैसी सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं। जिस क्षेत्र में ऐसे काम हो रहे हैं, उन क्षेत्रों में जमीन की कीमत में तेजी से इजाफा हो रहा है और वहां पर व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। इसलिए इन क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियां कर लोग इन सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। इसीलिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने विशेष सुख सुविधा शुल्क लेने का फैसला किया है। यह शुल्क व्यवसायिक नक्शा पास कराने वालों से विकास प्राधिकरणों द्वारा वसूला जाएगा।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (संशोधन) अधिनियम-2023 में दी गई व्यवस्था के आधार पर उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (विशेष सुख सुविधा शुल्क निर्धारण वसूली व संग्रहण) नियमावली को मंजूरी दी गई है। आवास विभाग का मानना है कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में गुणवत्ता पूर्ण नगरीय सुविधाएं देने में इससे विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
गाजियाबाद में नई टाउनशिप बसाने के लिए खर्च किए जाएंगे 1366.21 करोड़
यूपी सरकार गाजियाबाद में रहने वालों की आवासीय समस्याओं का समाधान करने के लिए 1366.21 करोड़ रुपये खर्च कर टाउनशिप बसवाने जा रही है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण यह टाउनशिप योजना लाएगा। इसके लिए आवास विभाग पहली किस्त के रूप में 400 करोड़ रुपये देगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। राज्य सरकार मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण नए शहर प्रोत्साहन योजना के तहत प्रदेश में 100 नई टाउपशिप बसाने जा रही है। इसके लिए विकास प्राधिकरणों को इस योजना के तहत पैसा दिया जा रहा है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने इस योजना में 1366.21 करोड़ रुपये की लागत से नई टाउनशिप बसाने का प्रस्ताव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को भेजा था। योजना के अंतर्गत भूमि खरीदने पर आने वाले खर्च का 50 प्रतिशत तक राज्य सरकार द्वारा सीड कैपिटल के रूप में अधिकतम 20 सालों तक के लिए देती है। ए शहरों का समग्र और समुचित विकास मद में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की हरनंदीपुरम योजना में कैपिटल सीड के रूप में 1366.21 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इसमें से पहली किस्त का 400 करोड़ रुपये देने की मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है।
अधिक ऊंचाई तक भवन बनाने के लिए खरीद सकेंगे एफएआर
यूपी सरकार ने शहरों में कम जमीन पर अधिक ऊंची इमारात बनाने की सुविधा दे दी है। बिल्डर पैसे जमा कर अतिरिक्त फ्लोर यानी फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) खरीद सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। आवास विभाग ने बिल्डरों या फिर किसी को भी शासनादेश के आधार पर अतिरिक्त फ्लोर खरीद कर बनाने की सुविधा दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। उसने कहा कि नियमावली बनाने के बाद ही इसकी वसूली की जा सकती है। इसके आधार पर आवास विभाग ने उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम-1973 में दी गई व्यवस्था के आधार पर उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (क्रययोग्य एफएआर शुल्क का निर्धारण व वसूली) नियमावली बनाते हुए कैबिनेट से मंजूरी ली है।