यूपी विधानसभा में गूंजी क्षेत्रीय भाषाएं, भाजपा नेताओं ने ब्रज, भोजपुरी और अवधी में दी स्पीच; अंग्रेजी पर विवाद
यूपी विधानसभा के दूसरा दिन भी आरोप-प्रत्यारोप पर रहा। पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ब्रज भाषा में तो वहीं केतकी सिंह ने भोजपुरी में स्पीच दी। अध्यक्ष सतीश शर्मा ने इसके बाद मनोज कुमार पाण्डेय को अपनी बात रखने का मौका दिया तो मनोज भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने अवधी में संबोधन किया।

‘अध्यक्ष जी..पर जो तुम्हारों प्रयास है यानैं हमारो मन बहुत अच्छो कर दियो। अब सदन में हम सबन के काज हैं ये अधिकार प्राप्त हैगो..हम स्थानीय बोली में अपना वक्तव्य दे सकें हैं। और जो लोग हमें चुनकर भेजो कायें वे जो सुनेंगे तो बिन्नो अच्छो लगोगे..कि हमारो जो लाला हमने चुन कर भेजो काये, ये हमारी बोलिन में बोल रहै हो। वैसे तो हम ब्रजवासी अपने ठाकुर से राधा रानी से लाड लड़ाये हैं पर आज हमारो तुमते लाड लड़ाने को खूब मन कर रहा है। हमारी अवधी, भोजपुरी, बुंदेली को अब खूब सम्मान मिलोगो।
पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में नियम समिति के पहले प्रतिवेदन को सदन में प्रस्तुत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की सराहना करते हुए ये बातें ब्रज भाषा में कहीं। दरअसल, विधानसभा में कार्य-संचालन नियमावली में संशोधन कर विधानसभा में अवधी, ब्रज, बुंदेली और भोजपुरी भाषा के साथ अंग्रेजी को भी संबोधन के लिए मान्यता दी जा रही है।
श्रीकांत शर्मा ने ब्रज भाषा में दिया संबोधन
इसके लिए नियम समिति ने मंगलवार को हुई बैठक में इस नियमावली में बदलाव की सहमति दी थी। श्रीकांत शर्मा ने शून्य काल में इस संशोधन को प्रस्तुत करते हुए ब्रज भाषा में संबोधन किया। वह ब्रजभाषा में बोले, वैसे तो तुमने बहुत अच्छे काम किए पर ई-काम बहुत जोरदार कियो..या काम पे हमारे छोटे-बाल गोपाल जो धीरे-धीरे बड़े हैरे..वो अपनी स्थानीय बोलिन ते जुड़ जाएं। अभी का है कि हम अपने घर में तो अपनी बोलिन में बोलें..पर जैसे ही चौखट से बाहर निकरैं तो हमें बोलबे में थोड़े संकोच करैं। अपनी बोलिये न बोलें...।
हम तो अवधी में ही बोलब
अध्यक्ष सतीश शर्मा ने इसके बाद मनोज कुमार पाण्डेय को अपनी बात रखने का मौका दिया तो मनोज भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने अवधी में संबोधन किया। बोले-हमका तो अचरज भा..और दुख भी भा...हम तो अवधी में ही बोलब..चाहे घरा में रही या फिर बच्चन से या रिश्तेदारन से..चाहे मेहरारू से..। मनोज बोले-कल सदन के बाद तो हमरे पास सौ से ज्यादा फोन आए..लोग पूछत रहे कि आखिर कौन है जो हमरी बोली का विरोध कर रहा है।
जेकरा के न बुझात होई तनि माइकवा लगा लिये
इसके बाद तो बलिया से भाजपा विधायक केतकी सिंह ने सदन में अपनी भोजपुरी से सबका मन जीत लिया। वह बोलीं-अध्यक्षजी व समस्त सदन हम आप सबके प्रणाम करि चाहतनी...। बड़ा गर्व के साथ, हम आपन प्रदेश के मुख्यमंत्री व आपके विशेषकर धन्यवाद करि चाहतनी..ये भैया जेकरा के न बुझात होई तनि माइकवा लगा लिया, अपना बटन दबा लिया..। भोजपुरी इतनी प्यारा भाषा बा हमनी के..इकर विरोध तो छोड़ी हमके तो बुझात रहुइये कि विपक्ष आपका गले लगा लेई..कि कितना बढ़ियां काम किया है। भोजपुरी जहां कहीं भी इंसानियत होई वहां कोई न कोई उत्तर प्रदेश का नागरिक होई और गर्व से अपन भाषा बोलत होई...। जिकरा के सुने में दिक्कत होइ गला पर तलवरवा निखे रखाई, हिन्दी में बोले का हो तो हिंदी में बोले नहीं तो न बोले को हो तो अपने घरे जाई लोग...। केतकी सिंह के इतना कहते ही सदन ठहाकों से गूंज उठा...। अध्यक्ष सतीश महाना बोले-विपक्ष गले लगना तो दूर गले पड़ रहा है।
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने जताई आपत्ति
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि मेरे दल को किसी भी स्थानीय भाषा को शामिल करने का विरोध नहीं है लेकिन हमें अंग्रेजी को संबोधन की भाषा के रूप में शामिल करने पर आपत्ति है। अंग्रेजी को कामकाज की भाषा से हटाने के लिए काफी संघर्ष किया गया है। हम लोग जेल भी गए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कल कहा था कि अगर जोड़ना ही है तो इस क्रम में संस्कृत व उर्दू को भी जोड़ दिया जाए लेकिन सदन में उर्दू पढ़ने वालों को लेकर जो कहा गया उसका हम विरोध करते हैं।