Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़There is no map of these villages of Gonda UP land disputes are increasing, Lekhpal- are raising their hands

यूपी में इन गांवों का नक्शा ही नहीं, बढ़ रहे भूमि विवाद, लेखपाल-कानूनगो खड़े कर रहे हाथ

  • यूपी गोंडा जिले में कई गांवों का नक्शा ही नहीं है। मानचित्र मौजूद नहीं होने परेशानी बढ़ गई है। भूमि विवाद भी बढ़ गए हैं। भू-मानचित्र न होने की बात कहकर लेखपाल व कानूनगो हाथ खड़े कर देते हैं।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, गोंडा। सीपी तिवारीWed, 19 Feb 2025 10:53 AM
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यूपी में इन गांवों का नक्शा ही नहीं, बढ़ रहे भूमि विवाद, लेखपाल-कानूनगो खड़े कर रहे हाथ

यूपी के गोंडा जिले के 1820 राजस्व गांवों में से 114 गांवों के भू-मानचित्र करीब एक दशक से कटे-फटे या जीर्ण-शीर्ण है। यही नहीं 41 गांवों के मानचित्र मौजूद ही नहीं है। इससे भूमि विवाद व सरकारी कामकाज निपटाने में राजस्वकर्मियों को परेशानी होती है। साथ ही दबंग के चंगुल से निर्बल व कमजोर वर्ग के लोगों का अपनी जमीनों को सुरक्षित रख पाना मुश्किल साबित हो रहा है। यह स्थिति करीब एक दशक से बताई जा रही है। भू-मानचित्र न होने की बात कहकर लेखपाल व कानूनगो हाथ खड़े कर देते हैं।

भू-मानचित्र न होने से कमजोर वर्ग के लोगों की जमीन पर दबंग नजर गड़ाए हुए हैं। करनैलगंज तहसील के राम अछैबर गौड़, राजित राम, रामेश्वर यादव आदि ने बताया कि भूमि पर जबरन कब्जा करने की शिकायत करके पैमाइश की मांग की जाती हैं। भू-मानचित्र न होने की बात कहकर लेखपाल व कानूनगो हाथ खड़े कर देते हैं। पीड़ित तहसील का चक्कर लगाने के बाद थक हार कर बैठ जाता है। राजस्व कर्मियों ने बताया कि जिन ग्राम पंचायतों के भू मानचित्र नहीं हैं वहां सटीक पैमाईश हो पाना असंभव होता है। कभी कभी दोनों पक्षों द्वारा अपने दावे को सही बताया जाता है जिसे लेकर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।मामला पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी शांत नहीं होता है।

वहीं सात गांवों का मैप हुआ स्कैन-अभिलेखपाल ने बताया कि जिले की सात ग्राम पंचायतों का भूलेख स्कैन हो चुका है। जिसमें सकरौरा ग्रामीण, कुंदुरखा, खम्हरिया, बनकटी सूर्यबली सिंह, इस्माइलपुर एहतमाली व कटरा भोगचंद एहतमाली, लौव्वा टेपरा, फिरोजपुर, बेलगडिया व मधुपुर चिरैया शामिल हैं। 14 गांवों को मिला नया भूलेख -हथियागढ, मिरजापुर तप्पा हथिनी, देवरहना, जनकपुर, केशवनगर ग्रंट पूर्वी, कूकनगर ग्रंट पूर्वी, कूकनगर ग्रंट पश्चिमी, सेमरी खुर्द, बेलभरिया, भीटी पटखौली, परसा सोहसा, नौबरा, नरायनपुर माफी व गरिबाजोत का भूलेख राजस्व परिषद द्वारा प्राप्त हो चुका है।

चकमार्गों पर दबंगों का कब्जा नहीं हो रही पैमाइश

तहसील करनैलगंज के राम पियारे, सोमई आलोक तथा तरबगंज के हरिनरायन सिंह, अशोक सिंह ने बताया कि चक मार्ग खाली कराने के लिए कई प्रार्थना पत्र दिया लेकिन लेखपाल यहकर पल्ला झाड लेते हैँ कि मानचित्र ही नहीं है तो पैमाइश कैसे करें। अभिलेखपाल सुशील कुमार ने बताया कि जिले में कुल 1820 राजस्व गांव के भू-मानचित्रों में से 155 गांव ऐसे हैं जिनमें से कुछ गांवों के भू-मानचित्र कटे फटे व जीर्ण शीर्ण तथा कुछ के उपलब्ध ही नहीं हैं। जिसके कारण भू-मानचित्रों का मुआयना कराने व जरूरतमंदों को नकल देने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। भू-मानचित्रों का मुआयना करने आने वाले वकीलों व भू-स्वामियों को जब उनके गांव का मानचित्र नहीं मिलता है अथवा कटा फटा व जीर्ण शीर्ण होता है तो वह लोग असंतुष्ट हो जाते हैं। जिससे कभी कभी विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है।

इन गांव के नहीं उपलब्ध हैं भू-मानचित्र

अभिलेखपाल ने बताया कि जिले के 41 गांवों के भू-मानचित्र अभिलेखागार में नहीं उपलब्ध हैं। जिनमें अमदही, गुलरिहा, गंगापुर, गौनरिया, गौरवाजानीपुर, दत्त नगर विशेन, परसदा, बालपुर , बेलवाभान, बेनीपुर, हरसौपट्टी, बभनी कानूनगो, भौरहा पूरे गंगा, माझा तरहर, मधईपुर, मिश्रौलिया कानूनगो, राजापुर (लखनऊ रोड), लक्ष्मनपुर जाट, जलालपुर, बक्सरा आज्ञा राम, अल्लीपुर खंडेराय, उतरौला, कुम्हार गढ़ी, कुड़ियांव, डेहरास, डोमा अहलाद ,धौरहरा, नकार, पुरैना, भौरी गंज, मधईपुर कुर्मी, मोहम्मद पुर कमियार, राजापुर, संरैया चौबे, चकसेनियां, जिगिनियां, बांसगांव, बालपुर हजारी, भटनैया, भैरमपुर, मैजापुर, रामगढ़, सिंह पुर गांवों के भू-मानचित्र अनुपलब्ध हैं।

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करनैलगंज तहसील की स्थिति सबसे खराब

इनमें सबसे ज्यादा खराब स्थिति करनैलगंज तहसील की है। जहां पर अधिकांश गांवों के भू-मानचित्र कटे फटे व जीर्ण शीर्ण हैं। जो न तो पढ़ने में आते हैं और घिसे पिटे होने के कारण उनकी नकल भी नहीं जारी की जा सकती है। इसके अतिरिक्त तेइस गांवों का भू-मानचित्र ही नहीं उपलब्ध है। इसी तरह तहसील तरबगंज में चार गावों के भू-मानचित्र कटे फटे व जीर्ण शीर्ण तथा एक अनुपलब्ध है। तहसील सदर में अट्ठावन गांवो के भू-मानचित्र कटे फटे व जीर्ण शीर्ण तथा पंद्रह अनुपलब्ध हैं। तहसील मनकापुर में पांच गांवों के भू-मानचित्र कटे फटे व अस्पष्ट तथा एक अनुपलब्ध हैं।

सीआरओ महेश प्रकाश ने बताया कि जिले में अधिकांश गांवों के भू-मानचित्र लगभग तैयार हो गए हैं। नीतिगत निर्णय लेने के लिए राजस्व परिषद को पत्र भेजा गया है। वह शीघ्र ही मानचित्रों के संबंध में क्या करना है सूचित करेगा। इसके बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

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