UP Budget : यूपी में 92 हजार लोगों को मिलेगी नौकरी, बजट के जरिए सीएम योगी का बड़ा वादा
- यूपी सरकार ने गुरुवार को अपने दूसरे कार्यकाल का 9वां बजट पेश किया। बजट में युवा, उद्यमी और महिलाओं का खास ख्याल रखा गया। बजट में 92 हजार लोगों को नौकरी देने का भी वादा किया।
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UP Budget 2025-2026: यूपी सरकार ने गुरुवार को अपने दूसरे कार्यकाल का 9वां बजट पेश किया। बजट में युवा, उद्यमी और महिलाओं का खास ख्याल रखा गया। बजट में 92 हजार लोगों को नौकरी देने का भी वादा किया। सीएम योगी ने प्रेस कान्फ्रेंस के जरिए बजट के बारे में विस्तार से बताया। सीएम योगी ने कहा, आठ साल में यूपी सरकार ने कई बेहतरीन काम किए है। हमारी सरकार का ये 9वां बजट है, जो अब तक का सबसे बड़ा बजट है। बजट में 92 हजार लोगों को नौकरी देने का वादा किया गया। इसके अलावा इस बजट में निर्धन परिवारों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम योगी ने विकास दर में यूपी अब सबसे आगे है। यूपी में उद्योग धंघे बढ़ रहे हैं। इस समय यूपी को अग्रिम श्रेणी में रखा गया है। सीएम योगी ने बताया कि बजट में किसानों को लेकर भी कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं।
सीएम योगी ने बताया कि यूपी के 22089 किसानों को सोलर पंप दिए जाएंगे। इस बार के बजट में प्रदेश में 4 नए एक्सप्रेस बनाने का प्रावधान है। इसके अलावा विंध्य एक्सप्रेस-वे के लिए 50 करोड़, रोड सेफ्टी के लिए 250 करोड़ दिए गए हैं। बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है। सीएम योगी बोले, यूपी में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। साइंस सिटी बनाने पर भी फोकस किया जाएगा। बजट में विधवा महिलाओं की बेटियों की शादी के लिए एक लाख-एक लाख रुपये देने का भी प्रावधान है। इतना ही नहीं बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, और AI को भी सर्वाधिक प्राथमिकता दी गई है। यूपी सरकार प्रदेश में 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी' भी स्थापित करेगी। इसके अलावा 58 नगर निकायों को 'आदर्श स्मार्ट नगर निकाय' के रूप में विकसित किया जाएगा। सीएम योगी बोले, सरकार ने तय किया है कि ‘जीरो पॉवर्टी अभियान’ के तहत गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य। जिला मुख्यालयों में कामगार/श्रमिक अड्डे, मिलेगी कैंटीन, स्वच्छ पेयजल, स्नानागार और शौचालय जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी। सीएम योगी ने यूपी को राष्ट्रीय और वैश्विक निवेश का केंद्र बनाने की दिशा में इस बजट को एक मजबूत कदम बताया है।
मेडिकल छात्रों को मिल रहा एमबीबीएस की 11800 और पीजी की 3971 सीट का लाभ
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने बजट भाषण में कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में राजकीय एवं निजी क्षेत्र के विभिन्न मेडिकल कॉलेज/चिकित्सा संस्थान/ विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की 11,800 सीट तथा चिकित्सा शिक्षा में परास्नातक (पीजी) की 3971 सीट उपलब्ध हैं जिसका लाभ मेडिकल के छात्रों को मिल रहा है। उन्होंने बृहस्पतिवार को बजट भाषण में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कई प्रभावी कदम उठाये हैं जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2017 से पहले 'बीमारू' प्रदेश कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश आज स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के मामले में उत्तम प्रदेश बनकर उभरा है।
'बीमारू' शब्द का इस्तेमाल कभी कथित तौर पर आर्थिक विकास, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य सूचकांकों के मामले में पिछड़े बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को दर्शाने के लिए किया जाता था। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आठ वर्ष पहले प्रत्येक वर्ष प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में संक्रामक रोगों से बड़े पैमाने पर मौतें हुआ करती थीं। उस दौरान प्रदेश में रोगों की पहचान, रोकथाम और इलाज की व्यवस्थाएं जनसामान्य को उपलब्ध नहीं थीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोविड-19 वैश्विक बीमारी का प्रदेश में जिस कुशलता से सामना किया उसकी प्रशंसा विश्व स्तर पर की गई। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का प्रसार जिस तरह से लगातार हो रहा है वह अद्भुत है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज हैं जिनमें 44 राज्य सरकार द्वारा संचालित हैं एवं 36 निजी क्षेत्र में हैं। प्रदेश में दो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), आईएमएस, बीएचयू (वाराणासी) तथा जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ संचालित हैं।
वर्ष 2024-2025 में 13 स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय एवं पीपीपी मोड पर तीन जनपदों-महाराजगंज, सम्भल तथा शामली में नवीन मेडिकल कॉलेज स्थापित किये गये हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-2026 में स्नातक (यूजी), परास्नातक (पीजी) के लिए कुल 10,000 सीट जोड़े जाने की घोषणा की गई है, जिनमें से 1500 सीट उत्तर प्रदेश को प्राप्त होंगी। इसके लिए लगभग 2066 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में सरकारी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी की कुल सीट संख्या 120 थीं, लेकिन शैक्षणिक सत्र 2024-2025 में इन सीट की संख्या को बढ़ाकर 250 किया गया है। बलिया तथा बलरामपुर में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए क्रमशः 27 करोड़ रुपये तथा 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 5.13 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं और आयुष्मान कार्ड बनाने में पूरे देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य इकाईयों को आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के रूप में उच्चीकृत किया जा रहा है और वर्तमान में कुल 22,681 आयुष्मान आरोग्य मन्दिर स्थापित है।
उन्होंने कहा कि उप केन्द्रों से 'टेलीकन्सलटेशन' प्रारम्भ कर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने की शुरुआत जुलाई, 2020 से की गई। प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पोषित पीपीपी मोड पर निःशुल्क डायलिसिस सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत जनपदीय चिकित्सालयों में सीटी स्कैन की निःशुल्क सेवा उपलब्ध करायी जा रही है। खन्ना ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में 2,110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1585 होम्योपैथिक चिकित्सालयों के साथ ही आठ आयुर्वेदिक कॉलेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय, दो यूनानी कॉलेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय तथा नौ होम्योपैथिक कॉलेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय संचालित हैं। वित्त वर्ष 2025-2026 में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना, जनपद अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना, जनपद वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने का लक्ष्य है।