Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़police inspector became third husband of his own wife bride secret was revealed SIT investigation

अपनी ही पत्नी का तीसरा पति बन गया दरोगा, दुल्हन का बैंक एकाउंट देखकर ठनका माथा, SIT ने खोल दी पोल

  • शादी के नाम धोखाधड़ी करने वाली महिलाओं के खिलाफ पुलिस चाहें जितनी कार्रवाई कर ले लेकिन इस तरह के अपराध रुकने के नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन दुल्हन और उसके परिवार के लोगों द्वारा ठगी किए जाने के मामले सामने आ रहे हैं।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, कानपुरTue, 14 Jan 2025 09:33 PM
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शादी के नाम धोखाधड़ी करने वाली महिलाओं के खिलाफ पुलिस चाहें जितनी कार्रवाई कर ले लेकिन इस तरह के अपराध रुकने के नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन दुल्हन और उसके परिवार के लोगों द्वारा ठगी किए जाने के मामले सामने आ रहे हैं। ये लोग बड़ी आसानी से लोगों को शादी के नाम पर अपने चंगुल में फंसा लेते हैं। इन ठगों का शिकार पुलिसकर्मी भी हो चुके हैं। कानपुर जिले से भी कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आ चुका है। यहां ग्वालटोली थाने में तैनात एक दरोगा से भी एक महिला ने शादी कर ली। उस महिला की पहले से ही दो शादियां हो चुकी हैं। इस हिसाब से दरोगा अपनी ही पत्नी का तीसरा पति बन गया। महिला का बैंक एकांउट देखकर दरोगा को शक हुआ। दरोगा की शिकायत पर एसआईटी ने जांच की मामला पूरा साफ हो गया है। एसआईटी की संस्तुति के बाद ग्वालटोली पुलिस ने ‘लुटेरी दुल्हन’ पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। सोमवार को दरोगा इस मामले में पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से मिला और आपबीती सुनाई। ग्वालटोली इंस्पेक्टर दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

यह है मामला

दरोगा की शादी मेरठ की युवती से 17 फरवरी 2024 को हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही दरोगा को पत्नी का मोबाइल फोन और अकाउंट को देखकर शक हुआ। जांच की तो उसके खाते से दूसरों के खातों में लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन मिला। पता चला कि वह अपनी पत्नी के तीसरे दूल्हे हैं। उसकी पहले दो शादियां हो चुकी हैं और कई लोगों पर पत्नी द्वारा कराए गए दुष्कर्म के मुकदमे सामने आए हैं। एसआईटी की जांच में दरोगा की पत्नी दोषी एसआईटी की जांच में दारोगा द्वारा पत्नी पर लगाए आरोप सही मिले थे। उसने अपने खाते से 12 लाख पूर्व पति के खाते में भेजे हैं। एसआईटी को ऐसे कई लाख रुपये के ट्रांजेक्शन महिला के 10 खातों से मिले हैं।

इन धाराओं में मुकदमा

  • 3(5) गैंग बनाकर किए गए अपराध का प्रत्येक व्यक्ति बराबर का दोषी
  • 82(2) पूर्व विवाह को छिपाकर विवाह करना (अधिकतम दस वर्ष तक की सजा)
  • 308(2) जानबूझकर भय में डालना (अधिकतम सात वर्ष तक की सजा)
  • 316(2) आपराधिक न्यासभंग (अधिकतम पांच साल तक की सजा)
  • 318(4) छल से किसी की संपत्ति दूसरे को देना (अधिकतम सात साल तक की सजा)
  • 319(2) छल करना (अधिकतम पांच साल तक की सजा)
  • 336(3) इलेक्ट्रानिक अभिलेखों की कूटरचना (अधिकतम सात साल तक की सजा)
  • 338 लाभ के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करना (अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा)
  • 352 साशय अपमानित करना (अधिकतम दो वर्ष तक की सजा)
  • 356(2) मानहानि (अधिकतम दो वर्ष तक की सजा अथवा सामुदायिक दंड)
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