Hindustan Special: मोगली की जंगल बुक से अलग होगी यूपी के जंगल की बुक, जानिए क्या होगा खास
- जंगल बुक का नाम तो सभी ने सुना होगा। मोगली की इस कहानी को किसी ने टीवी पर तो किसी ने फिल्मी पर्दे पर देखा होगा। तमाम लोगों ने इसको किताब में भी पढ़ा होगा। अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व भी अपनी जंगल बुक तैयार करने जा रहा है।
Hindustan Special: जंगल बुक का नाम तो सभी ने सुना होगा। मोगली की इस कहानी को किसी ने टीवी पर तो किसी ने फिल्मी पर्दे पर देखा होगा। तमाम लोगों ने इसको किताब में भी पढ़ा होगा। अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व भी अपनी जंगल बुक तैयार करने जा रहा है। हालांकि इसमें मोगली की कहानी नहीं होगी। उसकी जगह सैलानियों के पर्यटन के दौरान के रोचक किस्से दर्ज होंगे। पीलीभीत टाइगर रिजर्व छह नवंबर को सैलानियों के लिए खुल गया था। तब से लगातार सैलानियों की भीड़ टाइगर रिजर्व में पहुंच रही है।
बराही, माला, महोफ, दियोरिया और हरीपुर रेंज में अब तक करीब 7000 लोग आ चुके हैं। इन लोगों को लगातार बाघ, तेंदुआ, हाथी, हिरन आदि वन्य जीव नजर आ रहे हैं। जंगल में वितरण करते इन वन्य जीवों को देखना अपने आप में एक अनोखा अनुभव होता है। पीटीआर प्रशासन इन अनुभवों को संकलित करने में जुटा हुआ है। इस बार जंगल में कई जगह व्हाइट बोर्ड लगाए गए हैं।
इन पर सैलानी अपनी जंगल यात्रा के अनुभवों को लिख देते हैं। तमाम रोचक तथ्य इसमें सामने आ रहे हैं। इन अनुभवों और रोचक तथ्यों का रोजाना संकलन किया जा रहा है। 15 जून को पर्यटन सत्र समाप्त हो जाएगा। इसके बाद इन अनुभवों और रोचक तथ्यों के आधार पर पीटीआर की पहली जंगल बुक तैयार होगी। इसे लेकर वन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ कर्मचारी भी बेहद उत्साहित हैं। यह लोग पर्यटकों को अपने अनुभव साझा करने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं।
अनुभवों का किया जा रहा संकलन
डीएफओ मनीष सिंह ने बताया, छह नवंबर से लगातार सैलानियों की संख्या बढ़ती जा रही है। नियमित रूप से सैलानियों को जंगल में बाघ और वन्य जीव के दीदार हो रहे हैं।।सैलानियों की तरफ से मिल रहे अनुभव को हम लोग संजो रहे हैं। इस पर काम किया जा रहा है। इसको किताब की शक्ल में प्रस्तुत किया जाएगा।