Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़tgt bio 2011 recruitment records sold as waste secret revealed before interview officers did this

रद्दी में बिक गए TGT बायो 2011 भर्ती के रिकॉर्ड, इंटरव्‍यू से पहले खुला राज; अफसरों ने किया ये काम

  • उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने साक्षात्कार कराने के लिए रिकॉर्ड खंगालने शुरू किए तो इसकी जानकारी हुई। इसके बाद अफसरों के कान खड़े हो गए। उन्‍होंने आननफानन में उस कंप्यूटर एजेंसी से संपर्क करने के लिए कर्मचारियों की टीम भेज दी जिसने रिजल्ट का काम किया था।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, प्रयागराज। संजोग मिश्रSun, 20 Oct 2024 10:37 AM
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TGT Bio 2011 recruitment records: सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) जीव विज्ञान 2011 भर्ती के रिकॉर्ड रद्दी में बेच दिए गए। हाईकोर्ट के आदेश पर नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने साक्षात्कार कराने के लिए रिकॉर्ड खंगालने शुरू किए तो इसकी जानकारी हुई। इसके बाद अफसरों के कान खड़े हो गए और आननफानन में उस कंप्यूटर एजेंसी से संपर्क करने के लिए कर्मचारियों की टीम भेज दी जिसने रिजल्ट का काम किया था। सूत्रों के अनुसार रिकॉर्ड कंप्यूटर एजेंसी के पास मिल भी गए क्योंकि उसका तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपये बकाया था और फर्म ने सारे रिकॉर्ड स्कैन करके सुरक्षित रखे हुए थे।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी बायो के 83 पदों के लिए 18 नवंबर 2011 में विज्ञापन जारी किया था। हालांकि यूपी बोर्ड में वर्ष 2000 से पहले ही हाईस्कूल स्तर पर जीव विज्ञान की पढ़ाई बंद हो गई थी। इसे लेकर कानूनी विवाद भी हुआ लेकिन बाद में अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर दी और आखिरकार चयन बोर्ड को विज्ञान के पांच साल बाद 17 जुलाई 2016 को लिखित परीक्षा करानी पड़ गई। इस परीक्षा का परिणाम घोषित होने सह पहले चयन बोर्ड ने 12 जुलाई 2018 को टीजीटी बायो 2016 के 304 पदों की भर्ती निरस्त कर दी।

इस फैसले के खिलाफ भी अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं की और न सिर्फ 2016 की परीक्षा हो गई बल्कि भर्ती भी पूरी हो गई। लेकिन टीजीटी बायो 2011 का मामला कानूनी अड़चनों में ही उलझा रहा। अभ्यर्थियों ने फिर से याचिका की तो हाईकोर्ट ने लापरवाही पर खासी नाराजगी जताई। हाईकोर्ट की सख्ती पर चयन बोर्ड ने आठ जनवरी 2023 को टीजीटी बायो 2011 की लिखित परीक्षा का परिणाम तो घोषित कर दिया लेकिन साक्षात्कार नहीं हो सका क्योंकि तब तक चयन बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल का पूरा हो गया था।

इतना समय बीतने के बाद रिक्त 83 पदों का सत्यापन कराने पर 35 ही बचे मिले थे। उधर नए आयोग के गठन के बाद पांच सितंबर को हुई पहली बैठक में ही अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय ने एक कमेटी गठित करते हुए टीजीटी बायो 2011 के साक्षात्कार कराने के संबंध में रिपोर्ट मांगी। कमेटी ने दस्तावेज खंगालने शुरू किए तो पता चला कि भर्ती के रिकॉर्ड तो पहले ही रद्दी में बिक चुके हैं।

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