ताजमहल को स्लीपर सेल से हमले का खतरा, ऑपरेशन सिंदूर के बाद सभी स्मारकों की बढ़ी सुरक्षा
ताजमहल को स्लीपर सेल से हमले का खतरा बताया गया है। इसे लेकर सुरक्षा बल मोर्चा पर हैं। स्मारक में प्रवेश करने वाले हर सैलानी की सघन जांच की जा रही है। साथ ही भ्रमण के दौरान भी पर्यटकों पर नजर रखी जा रही है।

ताजमहल को स्लीपर सेल से हमले का खतरा बताया गया है। इसे लेकर सुरक्षा बल मोर्चा पर हैं। स्मारक में प्रवेश करने वाले हर सैलानी की सघन जांच की जा रही है। साथ ही भ्रमण के दौरान भी पर्यटकों पर नजर रखी जा रही है। यहां तक कि एएसआई के कर्मचारियों की भी जांच हो रही है।
ताजमहल की प्रसिद्धि दुनियाभर में है। यहां किसी भी गतिविधि की पूरी दुनिया में चर्चा होती है। सोशल मीडिया पर भी वीडियो तुरंत प्रसारित हो जाते हैं। यहां टिकट लेकर कोई भी पर्यटक प्रवेश कर सकता है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि स्लीपर सेल सक्रिय किए जा सकते हैं। इन पर नजर रखना जरूरी है। इसी वजह से पर्यटकों की जांच के बाद भी उनकी गतिविधियों पर सुरक्षा बलों द्वारा विशेष निगरानी रखी जा रही है। स्मारक में लगे सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि रिकॉर्ड की जा रही है।
कंट्रोल रूम में लगातार कैमरों की निगरानी की जा रही है। ताजमहल को खतरे से बचाने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान पूरी मुस्तैदी से डटे हैं। मॉक ड्रिल भी कराई जा चुकी है। इसमें बम डिस्पोजल स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड को शामिल किया गया था। मॉक ड्रिल उस समय कराई गई जब पर्यटक बाहर निकल रहे थे। इससे पर्यटकों में संदेश गया कि वे जिस स्मारक का भ्रमण कर रहे हैं वह सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से पूरी तरह सुरक्षित है। सुरक्षा बलों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। रात में निगरानी बढ़ाई जाएगी। सुरक्षा बलों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं। जो जवान अवकाश पर थे उन्हें भी तत्काल ड्यूटी पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं।