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BJP के मंसूबों पर कैसे फिरा पानी? पहले राउंड की 7 सीटें हार गई, सिर्फ एक पर मिल पाई जीत

Lok Sabha election 2024: पहले चरण में यूपी की जिन आठ सीटो पर चुनाव हुआ था उनमें से सात पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को निराशा हाथ लगी। सिर्फ एक पीलीभीत की सीट पर जितिन प्रसाद कमल खिला पाए।

Ajay Singh लाइव हिन्‍दुस्‍तान, लखनऊWed, 5 June 2024 02:30 AM
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BJP in Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव-2024 के पहले चरण में यूपी की जिन आठ सीटो पर चुनाव हुआ था उनमें से सात पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को निराशा हाथ लगी। सिर्फ एक पीलीभीत की सीट पर जितिन प्रसाद कमल खिला पाए। यूपी की सभी 80 और हर चरण की सारी सीटें जीतने के दावे के साथ मैदान में उतरी भाजपा ने नई सीटें जीतना तो दूर 2019 मुजफ्फरनगर और कैराना की सीट भाजपा ने गंवा दी। अब राजनीति के जानकार हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं। कुछ जानकार इसके पीछे राजपूतों की नाराजगी, पार्टी की अंदरुनी राजनीति और अखिलेश यादव द्वारा पीडीए का नारा दिए जाने के बाद यूपी में हुई जातीय गोलबंदी को वजह बता रहे हैं। 

मुजफ्फरनगर सीट से केन्द्रीय मंत्री डा.संजीव बालियान की हार ने सबको चौंका दिया। चौंकाने वाला नतीजा कैराना से सपा की इकरा हसन की जीत का भी रहा। मुजफ्फरनगर सीट पर सपा के हरेन्द्र मलिक ने 24,672 वोटों के अंतर से भाजपा के डा.संजीव बालियान को पराजित कर चौंका दिया। इसी तरह कैराना में इकरा हसन ने भाजपा के प्रदीप चौधरी को 69,116 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। नगीना में तो आसपा के चंद्रशेखर ने प्रारंभ से अंत तक बढ़त बनाकर 151473 वोटों के अंतर से भाजपा के ओम कुमार को हराकर धमाकेदार जीत दर्ज की।

इस बार पहले चरण में 19 अप्रैल को जिन आठ सीटों सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में मतदान हुआ था। 2019 में इनमें से पांच में सपा-बसपा गठबंधन ने जीत दर्ज की थी। सहारनपुर, बिजनौर और नगीना बसपा के खाते में थी जबकि रामपुर और मुरादाबाद सपा ने जीती थी। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी डॉ संजीव बालियान को चौबीसी में ठाकुरों की नाराजगी भारी पड़ गई। दो बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान 24,672 वोटों से गठबंधन प्रत्याशी हरेंद्र मलिक से हार गए। हार के पीछे भाजपा के पूर्व विधायक संगीत सोम से चल रही तनातनी और क्षत्रिय समाज को भी कारण माना जा रहा है।

2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर रालोद और सपा के साथ गठबंधन किया था, लेकिन इस बार बसपा ने यहां से अपना प्रत्याशी उतारा, जो करीब एक लाख 33 हजार वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे और भाजपा को नुकसान पहुंचा गए। मुजफ्फरनगर सीट पर हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ संजीव बालियान को हार का सामना करना पड़ा। उनकी हार के पीछे सबसे बड़ा कारण सरधना चौबीसी में उनके खिलाफ ठाकुरों के विरोध को माना जा रहा है। मुजफ्फरनगर लोकसभा पर चौबीसी के 24 गांव ठाकुर बाहुल्य हैं और यहां करीब सवा लाख के आसपास ठाकुर बताए जाते हैं। चौबीसी में भाजपा के पूर्व विधायक संगीत सोम का प्रभाव है।

चुनाव से पहले संजीव बालियान और पूर्व विधायक संगीत सोम के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई थी। क्षत्रिय समाज को टिकट में कम हिस्सेदारी के चलते भी भाजपा को विरोध का सामना करना पड़ा। इसी को लेकर क्षत्रिय समाज ने कई पंचायत की और संजीव बालियान का विरोध शुरू कर दिया था। पंचायत में लोटा नमक लेकर संकल्प लिया गया और संजीव बालियान को वोट नहीं देने का ऐलान किया गया। इसी का नतीजा रहा कि वोटिंग वाले दिन चौबीसी में वोटिंग प्रतिशत काफी कम रहा। यहां चौबीसी में जिन बूथों पर कभी 65 से 75 प्रतिशत मतदान होता था, वहां मात्र 32 से 40 प्रतिशत ही मतदान हुआ।

कैराना लोकसभा सीट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में इकरा हसन ने पांचवीं बार महिला सांसद बनी है। इससे पहले चार बार कैराना से महिला सांसद चुनी जा चुकी है। जिनमें से दो बार सांसद बनने का श्रेय इकरा हसन की मां तब्बसुम हसन के नाम है। अब तक सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड भी महिला सांसद अनुराधा चौधरी के नाम है।  इकरा हसन की जीत में जहां उनके समर्थकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही, वहीं दूसरी ओर सपा कार्यकर्ताओं ने भी उनको जिताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। प्रदीप चौधरी को टिकट दिए जाने का विरोध और उनके द्वारा विधानसभा में समर्थकों को महत्व नहीं दिए जाने का आरोप उन ऐसा चस्पा किया कि उसने उनका आखिर तक पीछा नहीं छोड़ा। सबसे अधिक राजपूत समाज की नाराजगी उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से झेलनी पड़ी। इसके बाद उनके अपने ही समाज के लोगों ने उन पर यह आरोप चस्पा किया और मतदाताओं का रुझान ऐसा बदला कि हवा का रुख उनके विपरीत हो गया।

चौकाने वाला नतीजा पिछली बार बसपा के कब्‍जे वाली नगीना सीट पर भी आया। वहां आसपा के चंद्रशेखर ने प्रारंभ से अंत तक बढ़त बनाकर 151473 वोटों के अंतर से भाजपा के ओम कुमार को हराकर धमाकेदार जीत दर्ज की। वहीं, बिजनौर सीट पर रालोद के चंदन सिंह चौहान ने सपा के दीपक सैनी को 37,508 वोटों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की। सपा के दीपक सैनी को 3,66,985 वोट और रालोद के चंदन चौहान को 4,04,493 वोट मिले।  मुरादाबाद में सपा प्रत्याशी रुचिवीरा भाजपा के सर्वेश सिंह को हराकर पहली महिला सांसद बन गईं है। वहीं रामपुर सीट पर दिल्ली में पार्लियामेंट के पास स्थित मस्जिद के इमाम मोहिब्बुल्लाह ने आखिरकार रामपुर का सियासी समर जीत लिया। सर्वाधिक 4.81 लाख वोट पाकर वह रामपुर के सांसद बन गए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी एवं निवर्तमान सांसद घनश्याम सिंह लोधी को 87434 वोटों से पराजित किया है। सहारनपुर सीट पर कांग्रेस के इमरान मसूद ने 64542 वोटों के अंतर से भाजपा के राघव लखनपाल को पराजित किया। इमरान मसूद को 5,47,967 वोट मिले। राघव लखनपाल को 4,83,425 वोट मिले। बसपा के माजिद अली 1,80,353 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।

पहले चरण में सिर्फ पीलीभीत में खिला कमल

पीलीभीत लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी जितिन प्रसाद ने 1,64,935 मतों के भारी अंतर से सपा के उम्मीदवार भगवत सरन गंगवार को पराजित किया। जितिन प्रसाद को 6,07,158 वोट मिले। 

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