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यूपी में बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी की तैयारी, ARR दाखिल, जानिए किस रेट से बढ़ेगा बिल

यूपी में बिजली की दरों में भारी बढ़ोतरी की तैयारी है। बिजली कंपनियों ने एआरआर दाखिल कर दिया है। अंतिम दिन 1 लाख 1 हजार करोड़ का एआरआर दाखिल किया गया है। 11 हजार करोड़ से अधिक का घाटा दिखाया गया है।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 30 Nov 2023 04:38 PM
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यूपी में बिजली महंगी करने की तैयारी हो रही है। नये वित्तीय वर्ष में बिजली कंपनियों ने बिजली की दरों में भारी वृद्धि करने की तैयारी कर ली है। प्रदेश की बिजली कंपनियों ने गुरुवार को देर शाम विद्युत नियामक आयोग में दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) इसी ओर इशारा करता है। पहले की तरह बिजली कंपनियों की ओर से बिजली दरों का टैरिफ दाखिल न करते हुए सिर्फ 11 से 12 हजार करोड़ का घाटा दर्शाया गया है। इससे साफ है कि पिछले दरवाजे से बिजली दरों में 30 फीसदी तक बढ़ोत्तरी प्रस्तावित की जा सकती है। 

प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों की ओर से वर्ष 2024-25 के लिए करीब 1 लाख 1 हजार करोड़ का एआरआर दाखिल किया गया है। टैरिफ कानून के तहत गुरुवार को इसे दाखिल करने का अंतिम दिन था। यह प्रस्ताव 13.6 फीसदी लाइन हानियों के आधार पर दिया गया है। वहीं लगभग 1 लाख 45 हजार मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता बताते हुए उसकी कुल लागत लगभग 80 से 85 हजार करोड़ के बीच आंकी गई है। वहीं इसके पहले वर्ष 2023-24 में लगभग 92547 करोड़ का वार्षिक राजस्व आवश्यकता दाखिल की गई थी।

पिछले साल दिखाया था 9124 करोड़ का घाटा
भले ही बिजली कंपनियों ने बिजली दर का प्रस्ताव दाखिल नहीं किया है लेकिन अगर 11 हजार करोड़ के ऊपर का घाटा (गैप) दर्शाते हुए आयोग से निर्णय लेने की बात चोर दरवाजे से बिजली दरों की बढ़ोत्तरी की ओर ही इशारा करती हैं। दरअसल गत वर्ष भी बिजली कंपनियों ने यह घाटा 9124 करोड़ दर्शाते हुए अपना एआरआर दाखिल किया गया था।

नियामक आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष आरपी सिंह के निर्देश पर तब बिजली कंपनियों ने ही बिजली दरों में 15 से 25 फीसदी तक वृद्धि का प्रस्ताव दाखिल किया था। इस बार घाटा पहले से अधिक 11 हजार करोड़ से ज्यादा दर्शाया जा रहा है तो ऐसे में वृद्धि 15 से 30 फीसदी तक प्रस्तावित किए जाने की संभावना है।

पहले उपभोक्ताओं का सरप्लस पैसा दें बिजली कंपनियां: वर्मा
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इसे लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 33122 करोड़ रुपया सरप्लस निकल रहा है। जिसे लेकर उपभोक्ता परिषद ने पहले ही आयोग में अपना जनहित प्रस्ताव दाखिल करते हुए बिजली दरों में कमी का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि कानूनन उपभोक्ताओं का सरप्लस पैसा बराबर किए बिना बिजली दरों में कोई भी वृद्धि नहीं की जा सकती।

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