29 माह में 65 नाबालिग हुए गुमशुदा, 08 का अभी तक नहीं चला पता
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में 29 महीने में 65 नाबालिग गुमशुदा हुए और

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में 29 महीने में 65 नाबालिग गुमशुदा हुए और उसमें से 08 का अभी तक पता नहीं चल पाया। यह सभी लापता किशोरियां हैं। जिन्हें ढूंढ़ने में थाने की पुलिस सुस्ती बरतती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। एसपी की स्पेशल टीमें खासकर लापता किशोरियों को ढूंढ़ेंगी। इसमें सर्विलांस टीम की भी मदद ली जाएगी। जिले में वर्ष 2023 में 36 नाबालिग गुमशुदा हुए और सभी को पुलिस ने बरामद कर लिया। जबकि वर्ष 2024 में 21 लापता हुए और 17 को पुलिस ने ढूंढ निकाला। इसमें सिर्फ एक किशोर लापता हुआ था, जो मिल गया।
शेष सभी किशोरियां हैं। जिसमें से अभी भी 04 किशोरियों का पता नहीं चल पाया है। इसी तरह वर्ष 2025 में अब तक 08 किशोरियां लापता हो चुकी हैं। जिसमें से 04 का पता नहीं चल पाया है। पीड़ित मां-बाप थाने से लेकर एसपी कार्यालय तक प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। उनके फरियाद के अल्फाज दर्द भरे होते हैं। समाज में बदनामी होने की शर्म पीड़ित मां-बाप की आंखों में साफ झलकती है। लापता बेटी के न मिलने की टीस उनके मन तो रहती ही है, साथ में एसपी से फरियाद के बाद उनकी उम्मीदें बेटी के जल्द मिलने की बढ़ जाती हैं। पीड़ित के फरियाद करने के दौरान ही एसपी और संबंधित थाने के एसओ का ऑनलाइन आमना-सामना होता है और केस की वास्तवित स्थिति के साथ पुलिस के माध्यम से लापता किशोरी को ढूंढ़ने के किए गए प्रयास से पीड़ित परिजन भी अवगत हो जाते हैं। अपहृत 36 किशोरियों का अभी तक नहीं लग सका है पता महिला संबंधी अपराधों में त्वरित कार्रवाई का थाने स्तर से सिर्फ दावा ही नहीं चलेगा, परिणाम भी बताना होगा। पुलिस के रिकॉर्ड में वर्ष 2023 और वर्ष 2024 में किशोरियों के अपहरण के कुल 469 मामले दर्ज हुए है। इसमें धनघटा सर्किल में सबसे अधिक प्रकरण हैं। पुलिस ने 165 मामले में अंतिम रिपोर्ट लगाई है। जबकि 258 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया है। अंतिम रिपोर्ट लगाने के पीछे जो वजह बताई गई, उसमें बालिग होने की वजह से पीड़िता अपना बयान आरोपी के पक्ष में दिया जाना है। जिले में अपहृत 36 किशोरियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। संवाद की कमी बन रही कारण मनोवैज्ञानिक डॉक्टर मंजू मिश्रा ने कहा कि अभिभावकों को अपने काम में इतनी व्यस्तता है कि अपने पाल्यों की ओर ध्यान नहीं देते है। हर कोई स्मार्ट मोबाइल का प्रयोग कर रहा है। फेसबुक और इंस्टाग्राम से दोस्ती हो जा रही है। जिसकी वजह से किशोर और किशोरियां गलत कदम उठा ले रहे हैं। संयुक्त परिवार में अनुशासन और संवाद होता था, लेकिन एकल परिवार में यह सब समाप्त हो चुका है। संस्कार की कमी आ रही है। इसी वजह किशोर-किशोरी बहक रहे हैं और घर से भाग जा रहे हैं। एसपी संदीप कुमार मीना ने कहा कि गुमशुदा और अपहृत किशोरियों की तलाश के लिए थाने स्तर से स्पेशल टीमें लगाई गई हैं। इसमें सर्विलांस सेल भी सहयोग करेगा। जहां कहीं किशोरियों का लोकेशन मिलेगा, वहीं पुलिस की टीमें भेजी जाएंगी। उम्मीद है कि जल्द ही गुमशुदा और अपहृत किशोरियों का पुलिस पता लगाकर ढूंढ़ निकालेगी।
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