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संभल हिंसा के पीछे ISI और अलकायदा, खुफिया इनपुट से खलबली, जांच का दायरा बढ़ा

संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच में मिले खुफिया इनपुट ने खलबली मचा दी है। हिंसा के तार आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने की आशंका सामने आई है।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, संभल, कार्यालय संवाददाताSun, 29 Dec 2024 08:44 PM
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संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच में मिले खुफिया इनपुट ने खलबली मचा दी है। हिंसा के तार आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने की आशंका सामने आई है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब आईएसआई व अलकायदा के कनेक्शन की भी जांच कर रही हैं। एसआईटी को शक है कि संभल के दीपा सराय व नखासा में रह रहे आईएसआई व अलकायदा संगठन के लोगों ने बवाल के लिए हथियारों की सप्लाई और फंडिंग की थी।

एसआईटी हिंसा की जांच के दौरान हर पहलुओं पर बारीकि से पड़ताल कर रही है। खुफिया विभाग ने हिंसा के तार आतंकी संगठनों से जुड़े होने का इनपुट दिया है। जिसके बाद एसआईटी ने आतंकी कनेक्शन के शक होने पर जांच शुरू कर दी है। खुफिया विभाग का पहला शक संभल के रहने वाला शारीक साठा पर है जो आतंकी दाऊद की गैंग का सदस्य है। शारिक बड़ा वाहन चोर भी है। दिल्ली, एनसीआर, उत्तराखंड व अन्य राज्यों में 50 से ज्यादा वाहन चोरी व लूट के मामले दर्ज हैं। बताया कि वह जेल से छूटने के बाद फर्जी पासपोर्ट बनवाकर दिल्ली से दुबई भाग गया था। जहां जाली नोट का काम कर रहा है।

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पुलिस को शक है कि 24 नवंबर को हुई हिंसा में शारिक ने फंडिग करने के साथ हथियार भेजे। जिसके बाद उनके गुर्गों ने घटना को अंजाम दिया। इसके अलावा संभल पुलिस के खुफिया विभाग ने पांच और आतंकियों को चिन्हित किया है। जिनका संबंध संभल से है। पुलिस को शक है कि इन पांचों में से ही किसी ने संभल में हिंसा में इस्तेमाल किए गए हथियार और पैसा उन तक पहुंचाया हो। विभाग की रिपोर्ट में संभल से ताल्लुक रखने वाले अन्य पांच आतंकियों के नाम में दो अहम नाम शाहिद अख्तर और उस्मान हुसैन है।

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आशंका है कि शाहिद अख्तर इस वक्त अफगानिस्तान में है और आतंकी संगठन अलकायदा का लड़ाका है। शाहिद अख्तर की तरह उस्मान हुसैन ने साल 1999 में पाकिस्तान जाकर हरकत कल मुजाहिद दिन नाम के आतंकी संगठन में ट्रेनिंग ली थी और साल 2012 में भारत छोड़ने के बाद से संभल के आतंकियों से जुड़ा हुआ है। वहीं, संभल के नखासा का ही रहने वाला शरजील अख्तर साल 2012 से भागा हुआ है।

इस वक्त अलकायदा का एक्टिव आतंकी है। सूत्रों के मुताबिक संभल हिंसा की जांच कर रही एसआईटी का शक संभल के दीपा सराय में रहने वाले मोहम्मद आसिफ और जफर महमूद पर भी है। इन पर भी पूर्व में अलकायदा से जुड़े होने का आरोप था। पुलिस हर एंगल से बारीकि से जांच कर रही है। पुलिस मामले में अब तक 51 लोगों को पकड़कर जेल भेज चुकी है।

हिंसा के बाद मिले थे पाक व अमेरिकी कारतूस

24 नवंबर के हिंसा के बाद एफएसएल की टीम को जांच के दौरान पाकिस्तानी व अमेरिकी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से बने कारतूस हिंसा के स्थान पर मिले थे। जिसके बाद पुलिस की जांच में पाकिस्तान और अफगानिस्तान जाकर आतंकी संगठन ज्वाइन कर चुके संभल के इन युवकों की भी फाइल खोली गई है और जांच में जुटी टीम को शक है कि कहीं पाकिस्तान में जाकर आतंकी बन चुके संभल के इन युवकों ने तो संभल हिंसा में इस्तेमाल हथियार नहीं भेजे थे।

एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के अनुसार खुफिया इनपुट मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। हिंसा में संभल के शारिक साठा समेत पांच अन्य आतंकी कनेक्शन रखने वाले लोगों की भूमिका संदिग्ध है। पुलिस सभी एंगल पर जांच कर रही है। पुलिस लोकेशन पता करने के साथ उनकी गतिविधियों व भूमिकाओं के बारे में पता कर रही है। जल्द ही जांच में सब कुछ साफ हो जाएगा।

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