Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Sambhal Jama Masjid survey report Court Commissioner asked for 15 days time Muslim side expressed objection

संभल जामा मस्जिद सर्वे रिपोर्ट के लिए कोर्ट कमिश्नर ने मांगा 15 दिन का समय, मुस्लिम पक्ष ने जताई आपत्ति

संभल जामा मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट सोमवार को भी अदालत में दाखिल नहीं हो सकी है। कोर्ट कमिश्नर ने अदालत से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 15 दिन का और समय मांगा। कोर्ट कमिश्नर की मांग पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति भी दाखिल की है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, संभलMon, 9 Dec 2024 09:26 PM
share Share
Follow Us on

संभल की शाही जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट सोमवार को भी न्यायालय में दाखिल नहीं हो सकी। कोर्ट कमिश्नर ने स्वास्थ्य संबंधी समस्या के चलते रिपोर्ट तैयार न होने की बात कहते हुए कोर्ट से 15 दिन का समय और मांगा था। वहीं शाही जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने और समय मांगने पर कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई। न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के स्टे के चलते इस पर कोई निर्णय नहीं दिया। हालांकि आवेदन पत्रावली में शामिल कर लिया।

बता दें कि संभल की शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे पर 19 नवंबर को कोर्ट में दायर वाद के बाद सिविल जज सीनियर डिविजन ने 29 नवंबर को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए थे। कोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने पहले 19 नवंबर और बाद में 24 नंवबर को करीब पांच घंटे सर्वे कर फोटो व वीडियो कराई थी। कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव को सर्वे रिपोर्ट 29 नवंबर को न्यायालय में दाखिल करनी थी लेकिन उन्होंने 10 दिन का समय मांग लिया था। उन्हे सोमवार को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करनी थी।

कोर्ट कमिश्नर सुबह दस बजे न्यायालय पहुंचे। उन्होंने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए न्यायालय से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय मांगा। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट तैयार का कार्य अंतिम चरण में है, लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण रिपोर्ट अभी तैयार नहीं हो सकी है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल होनी है। वहीं शाही जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी पक्ष ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय मांगने पर आपत्ति दर्ज कराई। जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट ने इसकी पुष्टि की। उधर, देर शाम तक सिविल जज सीनियर डिवीजन में कोई निर्णय नहीं दिया।

कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने बताया कि छह जनवरी तक इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का स्टे है, इसीलिए निचली अदालत किसी भी प्रकार का निर्णय नहीं दे सकती है। इस दौरान कोई भी आवेदन दिया जाएगा वह पत्रावली में शामिल कर लिया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कोई बाध्यता नहीं है। कभी भी रिपोर्ट दाखिल की जा सकती है। रिपोर्ट तैयार होते ही न्यायालय में दाखिल कर दी जाएगी।

तलाश की बाद ही न्यायालय के अंदर मिला प्रवेश

चन्दौसी। सोमवार को संभल की शाही जामा मस्जिद की रिपोर्ट दाखिल की जानी थी। इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर काफी एहतियात बरती जा रही थी। बिना तलाशी लिए किसी भी आमजन को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था। हालांकि अधिवक्ताओं के लिए कोई रोकटोक नहीं थी। न्यायालय गेट पर काफी पुलिस बल तैनात किया गया था। कोर्ट कमिश्नर के न्यायालय से आने के बाद ही स्थिति सामान्य हो सकी। इस दौरान न्यायालय के बाहर मुंसिफ रोड पर जाम की स्थिति बनी रही।

अगला लेखऐप पर पढ़ें