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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Ram temple in Ayodhya How much has been spent so far on construction of ledger revealed in trust board meeting

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर अब तक कितना हुआ खर्च? ट्रस्ट बोर्ड की बैठक में सामने आया बही खाता

  • श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की त्रैमासिक एक दिवसीय बैठक गुरुवार को मणिराम छावनी के सभागार में हुई। इस बैठक में विभिन्न विषयों के अलावा वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया। इसके आधार पर संस्था का इनकम टैक्स रिटर्न भरा जाएगा।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तानThu, 22 Aug 2024 05:31 PM
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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की त्रैमासिक एक दिवसीय बैठक गुरुवार को मणिराम छावनी के सभागार में हुई। इस बैठक में विभिन्न विषयों के अलावा वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया। इसके आधार पर संस्था का आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) सितम्बर माह में भरा जाएगा। इसके अनुसार इस वित्तीय वर्ष में राम मंदिर सहित इंफ्रास्ट्रक्चर व राजस्व मदों में मंदिर निर्माण पर अब तक 18 सौ करोड़ खर्च हो चुके है। इस वित्तीय वर्ष में कुल वास्तविक खर्च 676 करोड़ बताया गया है जिसमें मंदिर निर्माण पर 540 करोड़ व 136 करोड़ का व्यय अन्य मदों में किया गया है। इसके पहले राम मंदिर निर्माण पर 12 सौ करोड़ के खर्च की जानकारी दी गई थी।

इस बैठक में स्वीकृत बजट की जानकारी देते हुए तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने बताया कि एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच कुल खर्च का अनुमान 850 करोड़ है। उन्होंने बताया कि इस अनुमानित खर्च में 670 करोड़ का व्यय मंदिर निर्माण व 180 करोड़ अन्य मद में खर्च हो सकते हैं। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच 676 करोड़ कुल खर्च की जानकारी दी। बताया कि इसमें 540 करोड़ मंदिर निर्माण पर व्यय हुआ जबकि 136 करोड़ अन्य मद में खर्च किए गये। यह भी बताया गया कि अन्य मदों में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर किया गया व्यय भी सम्मिलित हैं।

तीर्थ क्षेत्र को बैंकों से ब्याज के रूप में हुई 204 करोड़ की आमदनी:

तीर्थ क्षेत्र महासचिव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल आय 363 करोड़ 34 लाख की हुई है जिसमें सर्वाधिक आमदनी बैंकों से ब्याज के रूप में शामिल हैं जो कि करीब 204 करोड़ है। इसी तरह से तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय के काउंटर पर नकदी व चेक के रूप में कुल 58 करोड़ प्राप्त हुए। वहीं दानपात्र में 24 करोड़ 50 लाख के चढ़ावे की गिनती कराकर धनराशि बैंक में जमा की जा चुकी है। इसी तरह देश भर से तीर्थ क्षेत्र के खातों में श्रद्धालुओं द्वारा आनलाइन 71 करोड़ की धनराशि जमा कराई गई। इसके अतिरिक्त तीन वर्ष की समय सीमा के बाद वैधानिक रीति से खोले गये एफसीआरए के खाते में दस करोड़ 43 लाख की धनराशि जमा हुई। बताया गया कि यह धनराशि विदेशों में रह रहे भारतीयों ने भेजी है।

तीर्थ क्षेत्र ने वैधानिक दस्तावेज के साथ मिंट को सौंपी नौ कुंतल चांदी:

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को बीते चार साल में श्रद्धालुओं ने करीब 13 कुंतल चांदी व 20 किलो सोना स्वेच्छा से समर्पित किया है। तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने बताया कि इसमें शुद्ध धातु कितनी है, यह जांच से पता चलेगा। इसके लिए भारत सरकार की संस्था सिक्योरिटी एण्ड प्रिंटिंग कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (मिंट) को अनुबंधित किया गया है। बताया गया कि इस संस्था को नौ कुंतल चांदी वैधानिक दस्तावेज के साथ सुपुर्दगी में दे दिया गया है। यह संस्था सितम्बर 2024 में हैदराबाद की टकसाल में इसका परीक्षण करेगी। बताया गया कि परीक्षण की तिथि निर्धारित होने पर तीर्थ क्षेत्र के दो प्रतिनिधि वहां जाएंगे और उनके सामने परीक्षण के साथ रिपोर्ट दी जाएगी।

राम मंदिर के प्रथम तल पर टाइटेनियम के राम दरबार की भी होगी स्थापना:

राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। यहां श्वेत संगमरमर से राम दरबार की प्रतिष्ठा की जानी है। राम दरबार के इस विग्रह का निर्माण जयपुर में किया जा रहा है। उधर तीर्थ क्षेत्र ने पहले टाइटेनियम (पनडुब्बी आदि में जिसे सुरक्षा उपकरणों में प्रयोग किया जाता है) से राम दरबार निर्माण का निर्णय लिया था लेकिन बाद में सर्व सम्मति मार्बल के पक्ष में होने के कारण इस विचार को त्याग दिया गया। फिर भी टाइटेनियम के विग्रह का निर्माण प्रयोग के तौर पर किसी श्रद्धालु की ओर से कराया गया है और इसे गुरुवार को तीर्थ क्षेत्र को सौंप भी दिया गया। इस टाइटेनियम के विग्रह के बारे में ट्रस्टीज ने निर्णय लिया है कि यह विग्रह उत्सव विग्रह के रूप में प्रथम तल पर स्थापित किया जाए जिससे विशेष उत्सव में उन्हें शामिल किया जाए। बताया गया कि राम दरबार का यह विग्रह डेढ़ फिट लंबा व एक फिट चौड़ा व सवा फिट ऊंचा है और वजन भी कम है जिससे आसानी से इधर-उधर ले जाया जा सकता है।

बैठक में ये हुए शामिल

तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की बैठक में न्यासी कामेश्वर चौपाल गंभीर बीमारी के कारण अनुपस्थित थे। टस्ट्रीज ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की मंगलकामना की है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य गृह सचिव संजय प्रसाद भी अनुपस्थित थे। इसके अलावा 15 सदस्यीय टस्ट्रियों में महासचिव समेत ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि के अलावा नृपेन्द्र मिश्र, महंत दिनेंद्र दास, अयोध्या नरेश विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, डा. अनिल मिश्र, जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह व आमंत्रित सदस्य गोपाल राव मौजूद रहे। वहीं पांच न्यासी गण वर्चुअल रीति से शामिल हुए।

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