बोले प्रयागराज : गंगा किनारे बसेरा, 15 नलकूप, फिर भी हजारों घरों को नहीं मिलता पर्याप्त पानी
Prayagraj News - शिवकुटी गंगा किनारे बसा एक ऐसा मोहल्ला जहां शिव की कचहरी है। 250 से अधिक शिवलिंग वाले इस मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों लोग दर्शन करने आते हैं। महाकुम्भ क
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। शिवकुटी और गोविंदपुर में एक दर्जन से अधिक नलकूप होने के बावजूद तटीय मोहल्लों (अंतिम छोर) के घरों में सुबह-शाम दो घंटे भी पानी नहीं मिलता। दर्जनों परिवारों के लिए हैंडपंप ही विकल्प बन गया है। जलापूर्ति बंद होते ही लोग हैंडपंप पर पहुंचने लगते हैं। गर्मी के दिनों में तो लगभग आधा दर्जन मोहल्लों में पानी का संकट विकराल हो जाता है। ऐसे में नलकूप खराब हो जाए तो प्रभावित मोहल्लों के लोग गंगा स्नान करते हैं। पीने और अन्य कामों के लिए पानी खरीदना पड़ता है।
क्षेत्र में पानी का संकट दूर करने के लिए चार साल पहले गोविंदपुर पीडीए आवास योजना में भूमिगत जलाशय का निर्माण किया गया। जलाशय तैयार होने के बाद भी क्षेत्र के हजारों परिवारों को जरूरत का पानी मिलने के इंतजार में चार साल बीत गए। हजारों घरों को पानी के संकट से राहत देने के लिए बनाया गया जलाशय आज भी सूखा है। जल निगम ने जलाशय का ढांचा खड़ा कर दिया, लेकिन इसे नलकूप और सप्लाई पाइप से नहीं जोड़ा गया।
आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान की टीम शनिवार को क्षेत्र में पानी संकट की जानकारी लेने पहुंची। क्षेत्र के लोगों ने समस्या पर अपनी पीड़ा व्यक्त की। जलाशय से आपूर्ति शुरू करने के लिए पार्षद और क्षेत्र के लोग अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं। अधिकारियों से सभी को आश्वासन मिल रहा है। प्रतिदिन घरों में पानी संकट से जूझ रही महिलाओं ने अपना दर्द बयां किया। सभी का एक सवाल था, करोड़ों रुपये खर्च कर जलाशय बनाया गया तो इसे चालू करने में कौन सी अड़चन है।
साढ़े नौ करोड़ में बनाया गया भूमिगत जलाशय
जल निगम के द्वितीय खंड ने चार साल पहले साढ़े नौ करोड़ 49 लाख 36 हजार रुपये खर्च कर अमृत योजना-फेज 2 के तहत भूमिगत जलाशय का निर्माण किया। जल निगम ने 15 अगस्त 2019 में इसका निर्माण शुरू किया था। जलाशय की क्षमता तीन लाख 70 हजार किलो लीटर पानी स्टोर करने की है। जलाशय के साथ इसमें दो ट्रांसफॉर्मर लगाए गए। घरों तक पानी पहुंचाने के लिए 10-10 हॉर्स पॉवर के तीन पंप लगाए गए हैं। पंपों के संचालन के लिए अलग रूम है। जलाशय ओवरफ्लो होने पर पानी निकासी के लिए मोटा पाइप भी लगा है।
टूट गया गेट, अंदर गंदगी का अंबार
गोविंदपुर स्थित प्रयागराज विकास प्राधिकरण की आवासीय योजना में चार साल पहले बनाए गए भूमिगत जलाशय को लावारिस छोड़ दिया गया है। जलाशय का गेट टूट गया है। महाकुम्भ में पूरा शहर चमकाया गया, लेकिन जलाशय परिसर की सफाई नहीं हुई। इसकी चौहद्दी के अंदर गंदगी का अंबार है। परिसर के दोनों ट्रांसफॉर्मर पर भी गंदगी की भरमार है। पंप चलाने के लिए स्टार्टर रूम खुला रहता है।
पार्क में बनाया गया है जलाशय
गोविंदपुर आवास योजना में जिस स्थान पर भूमिगत जलाशय बनाया गया है, वहां पार्क था। आवास योजना के लोग पार्क में टहलते और बच्चे खेलते थे। जलाशय बनने के बाद पार्क का वजूद समाप्त हो गया। शिवकुटी के पार्षद कमलेश तिवारी बताते हैं कि पहले शिवकुटी में जलाशय बनाने की योजना थी। शिवकुटी में जमीन नहीं मिली तो आवास योजना के पार्क में जलाशय बनाने का निर्णय लिया गया।
क्षेत्र की आबादी : दो लाख से अधिक
शिवकुटी और गोवंदपुर में नलकूप : 15
इन मोहल्लों में है पानी का संकट
महावीरपुरी, भुलई का पूरा, शिवकुटी कोयला-काड़ी की गली, सीताराम धाम, चिल्ला मलिन बस्ती
हमारी भी सुनें
चार साल से जलाशय बना हुआ है। लोगों के घरों तक पानी की सप्लाई ठीक से नहीं हो पा रही है। विभाग को पत्र भी लिखा गया, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
- विनोद गुप्ता
सरकार ने शुद्ध जल पहुंचाने के लिए पैसा खर्च किया। अब गर्मी शुरू हो गई है। इस साल भी बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर होना पड़ेगा।
- वेद प्रकाश मिश्रा
जब पाइप लाइन बिछा रहे थे तो बहुत खुशी हुई कि जरूरत का पानी मिलेगा। काम पूरा होने पर भी यह सपना पूरा ना हो सका। आज भी हैंडपंप का पानी पीने को विवश हैं।
- अरुण
क्षेत्र में पानी की समस्या बहुत पुरानी है। जलापूर्ति बढ़ाने की मांग करते-करते थक गए। हैंडपंपों से पानी लाकर काम चलाते हैं। एक हैंडपंप गर्मी से पहले खराब हो गया।
- रामबाबू
कई साल से पानी की समस्या बनी हुई है। नलकूप खराब हो जाए तो मोहल्ले में टैंकर से काम चलाना पड़ता है। किनारे के घरों में तो कभी-कभी पानी मिलता ही नहीं है।
- सुनीता
पानी के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता है। कई साल से यही समस्या बनी हुई है। सप्लाई का पानी आता है तो प्रेशर न के बराबर रहता है। ऐसे में हैंडपंप ही सहारा बनता है।
- पुष्पा
घर के काम-काज के लिए हैंडपंप और टैंकर से भरकर पानी लाते हैं। पीने के लिए पानी खरीद कर लाना पड़ता है। घर तक सप्लाई नहीं मिलने से परेशानी होती है।
- सोनी
पानी की सप्लाई केवल 15 से 20 मिनट होती है। ऊंचाई पर होने से पानी घर तक ठीक से नहीं पहुंच पाता है। मोटर लगाकर किसी तरह पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है।
- माधुरी
घर से दूर जाकर पानी लाना पड़ता है। हैंडपंप में जंग लग चुका है। पानी की बोतल महंगी पड़ती है। टंकी चालू हो जाती तो पानी का संकट दूर हो जाता।
- गुड्डी
कनेक्शन भी ले लिया, पाइप न जुड़ने से सप्लाई नहीं मिल पा रही है। एक किलोमीटर दूर पुरानी टंकी से पानी भरकर लाना पड़ता है। कनेक्शन ही दे दें।
- प्रभा देवी
पानी बहुत गंदा आता है। पानी खरीदने के लिए इतने पैसे नहीं हैं। घर से दूर बनी टंकी से पानी लाकर काम चलाते हैं। पानी की समस्या दूर हो जाए अच्छा रहेगा।
- चुन्नी देवी
जिस जगह काम करने जाती हूं वहीं से पानी भरकर लाना पड़ता है। कई दिन बगैर नहाए भी रहना पड़ता है। पीने के पानी के लिए बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है।
- संगीता
घर तक पानी की सप्लाई नहीं मिल पा रही है। काफी दूर जाकर पानी भरकर लाते हैं। बच्चों को भी वहीं पर ले जाकर नहलाना धुलाना पड़ता है।
- रमा देवी
पानी की समस्या बहुत दिनों से बनी हुई है। जिम्मेदार भी समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। घर से दूर लगे हैंडपंप से पानी भरकर लाना पड़ता है। हैंडपंप खराब होने पर बहुत परेशानी होती है।
- सत्यम कुमार
मोहल्ले में कोरोना के पहले से ही पानी सप्लाई की समस्या बनी हुई है। सप्लाई का पानी घरों तक नहीं पहुंचता। जिम्मेदार सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
- स्नेहा सिंह
बोले जिम्मेदार----
लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचने से चिल्ला, मलिन बस्ती में पानी की विकट समस्या है। समस्या के प्रति पत्र के जरिए जल निगम के मुख्य अभियंता, नगर आयुक्त, नगर निगम, महाप्रबंधक जलकल को अवगत कराया गया, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं हो सका। अधिकारी सिर्फ आशवासन दे रहे हैं। आश्वासन सुनते-सुनते दो साल बीत गया।
- कमलेश तिवारी, पार्षद, शिवकुटी
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गोविंदपुर आवास योजना का भूमिगत जलाशय चालू करने की लगातार मांग हो रही है। जलाशय को लेकर जल निगम के परियोजना प्रबंधक से बात हुई। महाकुम्भ के कारण जलाशय को चालू करने पर आगे का काम नहीं हो सका है। जलाशय को नलकूप और सप्लाई पाइप से जोड़ना है। जल निगम के परियोजना प्रबंधक से जलाशय के क्रियान्वयन को लेकर फिर बात करेंगे।
- कुमार गौरव, महाप्रबंधक, नगर निगम जलकल प्रयागराज
सुझाव
क्षेत्र में नए नलकूपों का निर्माण हो।
पुराने नलकूपों को रिबोर किया जाए।
घरों में गंदे पानी की आपूर्ति से निजात मिले।
नलकूप खराब होते ही तुरंत मरम्मत हो।
नलकूपों की बिजली सप्लाई दुरुस्त रखें।
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