झूंसी स्टेशन पर ट्रेन से गिरकर सब इंस्पेक्टर की मौत
भदोही में तैनात सब इंस्पेक्टर अजय त्रिपाठी की ट्रेन से उतरते समय झूंसी रेलवे स्टेशन पर हादसे में मौत हो गई। शुक्रवार रात पटना सिकंदराबाद ट्रेन से उतरते समय उनका हाथ और पैर कट गया। अस्पताल में इलाज के...
भदोही में तैनात सब इंस्पेक्टर अजय त्रिपाठी शुक्रवार रात झूंसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरने के दौरान हादसे का शिकार हो गए। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। जानकारी पर परिवार में कोहराम मच गया। झूंसी पुलिस ने बताया कि गाजीपुर सादात थाना क्षेत्र के रिस्ति गांव निवासी 55 वर्षीय सब इंस्पेक्टर अजय त्रिपाठी की वर्तमान में भदोही जिले में एसपी कार्यालय के विधि प्रकोष्ठ में तैनाती थी। शुक्रवार को सरकारी काम से प्रयागराज आ रहे थे। पुलिस ने बताया कि रात करीब 9:30 बजे पटना सिकंदराबाद ट्रेन से स्टेशन से उतरने के दौरान हादसे का शिकार हो गए। उनका एक हाथ और एक पैर ट्रेन से कट गया। अत्यधिक खून बहने लगा। इस हादसे से वहां खलबली मच गई। जीआरपी व स्थानीय पुलिस की मदद से उन्हें अस्पताल भेजा गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शनिवार को पुलिस ने उनके पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया। जिसके बाद उनका झूंसी के छतनाग घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें, सब इंस्पेक्टर अजय त्रिपाठी यहां पुलिस मुख्यालय में एडीजी पीएचक्यू के चार्टर्ड अकाउंटेंट के अलावा आईजी कार्यालय में लंबी अवधि तक सेवा की थी। वह झूंसी के त्रिवेणीपुरम में परिवार के साथ रहते थे।
ट्रेन का स्टॉपेज नहीं तो कैसे उतरे
सब इंस्पेक्टर अजय त्रिपाठी पटना सिकंदराबाद सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से जख्मी हुए थे। झूंसी रेलवे स्टेशन मास्टर ने बताया कि इस ट्रेन का स्टॉपेज झूंसी स्टेशन पर नहीं है। शुक्रवार रात भी ट्रेन यहां पर रुकी नहीं थी। अब सवाल यह है कि अगर ट्रेन का स्टॉपेज नहीं था तो सब इंस्पेक्टर अजय त्रिपाठी कैसे ट्रेन से उतरे। कैसे हादसे का शिकार हो गए। क्या वह चलती ट्रेन से कूद गए या उतरने की कोशिश की और ट्रेन की चपेट में आ गए। स्टेशन पर कोई ऐसा प्रत्यक्षदर्शी नहीं मिला जो यह बता सके कि क्या हुआ था। पुलिस को जख्मी हालत में स्टेशन पर मिले थे।
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