फिर टलेगी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा, UPPSC जारी करेगा नई तारीख, RO, ARO पर गतिरोध क्यों?
एक दिन परीक्षा कराने की घोषणा के बाद डीएम ने साफ किया कि परीक्षा की नई तारीख आएगी। नई तारीख पहले वाली तारीख के बाद की ही होगी।
छात्र आंदोलन के कारण पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा दो की बजाय एक दिन में कराने के फैसले के बाद अब यह परीक्षा सात और आठ दिसंबर को नहीं होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार की एक दिन में परीक्षा कराने की घोषणा के बाद जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड़ भी छात्रों के बीच पहुंचे और उनकी शंकाओं का समाधान किया। छात्रों ने जब परीक्षा तिथि के बारे में जानकारी चाही तो डीएम ने साफ किया परीक्षा टलेगी। आयोग की ओर से नई तिथि जारी की जाएगी।
12 जनवरी 2024 को जारी कैलेंडर में आयोग ने पीसीएस प्री 17 मार्च 2024 को कराने का निर्णय लिया था लेकिन आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा का पेपर 11 फरवरी को लीक होने के कारण परीक्षा टालनी पड़ गई। उसके बाद आयोग ने तीन जून को जारी संशोधित कैलेंडर में 27 अक्तूबर को पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा कराने की सूचना दी थी।
हालांकि तमाम कोशिश के बावजूद मानक के अनुसार परीक्षा केंद्र नहीं मिलने के कारण आयोग ने पहले 27 और 28 अक्तूबर को परीक्षा कराने की तैयारी की। समय कम होने के कारण बाद में प्रारंभिक परीक्षा सात और आठ दिसंबर को कराने का निर्णय लिया गया। इस तरह से देखा जाए तो 17 मार्च को प्रस्तावित परीक्षा की तिथि का छात्रों को आठ महीने में बाद भी इंतजार है।
आरओ/एआरओ में अभ्यर्थी अधिक इसलिए बनीं कमेटी
लोक सेवा आयोग ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित कर दिया है। आयोग का कहना है कि परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके। कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद आरओ/एआरओ की परीक्षा तिथि तय की जाएगी।
आयोग के अनु सचिव ओंकार नाथ सिंह की ओर से जारी पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि इस परीक्षा में अभ्यर्थियों की अधिक संख्या 1076004 को देखते हुए कमेटी गठित की गई है। पांच नवंबर को आयोग ने यह परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को कराने का निर्णय लिया था। हालांकि प्रतियोगी छात्र इसे भी एक दिन में ही कराने पर अड़े हैं।
19 जून के शासनादेश में सिर्फ पीसीएस को विशिष्ट श्रेणी में रखा गया था। ऐसे में आरओ/एआरओ पर क्या निर्णय होगा, इसका अभ्यर्थियों को इंतजार है। कुछ छात्रों का मानना है कि आयोग को यह परीक्षा भी एक दिन में करानी पड़ेगी। क्योंकि इससे पहले 11 फरवरी को यह परीक्षा एक दिन में कराई जा चुकी है, तब भी इसमें अभ्यर्थियों की संख्या 10,76,004 लाख ही थी।