फीस जमा न होने पर कॉलेज प्रशासन ने एग्जाम देने से रोका, नर्सिंग छात्रा ने की आत्मदाह करने की कोशिश
महज दो हजार की फीस के लिए कानपुर के साई नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य ने एक छात्रा का एक साल बर्बाद कर डाला उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया। अपना भविष्य बर्बाद होते देख छात्रा ने आत्मदाह करने की कोशिश की।

यूपी के कानपुर में महज दो हजार की फीस के लिए साई नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य ने किसान की बेटी का एक साल बर्बाद कर डाला उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया। अपना भविष्य बर्बाद होते देख छात्रा ने आत्मदाह करने का प्रयास किया। कॉलेज गेट पर पेट्रोल भरी बोतल ले गई हाथ में माचिस थी। यह देख हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची ने छात्रा को आत्मदाह करने से रोक लिया समझा कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
उत्तरीपुरा के डुडवा जमौली गांव निवासी किसान नीरज कुमार की बेटी आरोही ने नर्सिंग का कोर्स का एडमिशन चौबेपुर के साई नर्सिंग कॉलेज में कराया। 2024 में सेकेंड ईयर की परीक्षा में फीस न जमा न होने से परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। फीस महज दो हजार बकाया थी। छात्रा ने कॉलेज प्राचार्य के सामने हाथ जोड़े। मामला थाने तक पहुंचा था। फाइन के तौर पर पिता ने 20 हजार जमा कर दिए थे। बैक पेपर 2025 में होना था। सभी फार्म भरे गए। 17 अप्रैल को छात्रा का पहला बैक पेपर था। छात्रा स्कूल पहुंची तो उसका एडमिट कार्ड नहीं आया। पता चला खुन्नस के चलते कॉलेज ने उसका बैक पेपर का फाइल सबमिट नहीं की थी। जिसके चलते उसे परीक्षा देने से रोक दिया गया। दूसरा पेपर 22 अप्रैल को था।
पहले बैक पेपर न दे पाने से आहत छात्रा कही से शीशी में पेट्रोल लेकर आई कॉलेज गेट पर हंगामा करने लगी अपने ऊपर पेट्रोल डाल कर जान देने की बात कही जिससे कॉलेज में हड़कंप मच गया। मौके पर पुलिस ने पहुंच कर छात्रा को समझाया। छात्रा बोली कॉलेज प्राचार्य के चलते हमारा एक साल का भविष्य खराब हो रहा है। कॉलेज का मैनेजमेंट से लेकर प्राचार्य बात करने से कतराते रहे। चौबेपुर इंस्पेक्टर ने बताया की तहरीर मिली है छात्रा ने डीएम कार्यालय में तहरीर दी है। मामले की जांच की जा रही है।
बेटे की मौत से फीस जमा करने में हुई देरी
नर्सिंग छात्रा आरोही के भाई आयुष की मौत मौत सड़क हादसे में।कानपुर देहात के रूरा में हो गई थी। जिससे वह समय पर फीस नहीं जमा कर पाई थी। बैक पेपर के लिए पिता ने कुछ दिन बाद कॉलेज पहुंच कर प्राचार्य से संपर्क किया। फाइन के साथ फीस 22 हजार बताई गई। पिता नीरज ने बीस हजार रुपए आन लाइन जमा कर दिए इसके बाद भी दो हजार बकाया रहे। छात्रा लगातार कॉलेज जाकर कहती रही फाइनल परीक्षा से पहले बाकी की फीस जमा कर देगी। थाने में।शिकायत से खुन्नस खाए प्राचार्य ने छात्रा के बैक पेपर का फार्म सम्मिट नही किया। जिससे छात्रा का एक साल का भविष्य खराब हो गया।
साई कॉलेज के प्राचार्य राजेश रावत ने बताया चूक हुई है मामले में समाधान निकालने ला प्रयास किया जा रहा है। सवाल पूछने पर उन्होंने जवाब देने से मना कर दिया। खा देख कर बताऊंगा। इसके बाद फोन भी नही उठाया। छात्रा के भविष्य खराब होने पर बिना कुछ कहे अंदर चले गए।