रेलवे में नौकरी के नाम पर 36 लाख की धोखाधड़ी करने वाला रिटायर्ड सूबेदार गिरफ्तार
कंकरखेड़ा पुलिस और आर्मी इंटेलीजेंस ने रेलवे में नौकरी का झांसा देकर छह लोगों से 36 लाख की ठगी करने वाले पूर्व सैन्यकर्मी को गिरफ्तार किया। आरोपी ने फर्जी ट्रेनिंग और ज्वाइनिंग लेटर देकर लोगों से मोटी...
कंकरखेड़ा पुलिस और आर्मी इंटेलीजेंस ने रेलवे में नौकरी का झांसा देकर छह लोगों से 36 लाख की ठगी करने वाले एक पूर्व सैन्यकर्मी को पंजाब से गिरफ्तार किया है। आरोपी मोटी रकम वसूलकर लोगों को रेलवे का फर्जी ट्रेनिंग व ज्वाइनिंग लेटर थमा देता था। तीन वर्ष से पुलिस आरोपी की तलाश कर रही थी। पिछले आठ माह से आरोपी आर्मी इंटेलीजेंस के रडार पर भी था, जिसे शुक्रवार को दबोच लिया गया। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। यह था पूरा मामला
कंकरखेड़ा कासमपुर निवासी पूर्व सूबेदार विदीप पाल मयाल की जनवरी, 2019 में जबलपुर पोस्टिंग के दौरान सूबेदार प्रताप कुमार से मुलाकात हुई। अक्सर दोनों की मुलाकात होने लगीं। इसी दौरान प्रताप कुमार ने बताया कि उनका बड़ा भाई रेलवे में अफसर है। वह अपने भाई के जरिए कई लोगों की नौकरी लगवा चुका है। सूबेदार प्रताप कुमार ने उन्हें अपने जाल में फंसा लिया और सभी संबंधित दस्तावेज भी प्राप्त कर लिए। इसके अलावा छह लाख रुपये भी एक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए। कुछ दिन बाद उनके बेटे का मेडिकल का पत्र आ गया। बेटा कोलकाता गया, जहां उसकी डाक्टरी अकरम नाम के व्यक्ति ने कराई। कुछ दिन बाद ज्वाइनिंग लेटर भी आ गया और उन्होंने अपने बच्चे को बजबज रेलवे स्टेशन कोलकाता भेज दिया। बाद में पांच बच्चों से छह-छह लाख रुपये लेकर उन्हें भी इसी तरह मेडिकल व ज्वाइनिंग लेटर उपलब्ध करा दिए। सभी की छह माह की ट्रेनिंग हुई, जिसके बाद वह दो माह की छुट्टी पर आ गए। तब से इनके पास कोई पोस्टिंग लेटर नहीं आया। अकरम से बात की तो एक दिन दो बच्चों के खाते में 15250 रुपये आ गए, जिसे वेतन बताया गया। लेकिन जांच में वह भी फर्जी पाया गया। इसके बाद प्रताप कुमार और अकरम के फोन बंद आ गए और उन्होंने 25 दिसंबर, 2021 को मुकदमा दर्ज करा दिया।
मुख्यमंत्री के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
विदीप पाल मयाल ने इस मामले की शिकायत कंकरखेड़ा पुलिस से की लेकिन पुलिस ने सेना से जुड़ा मामला बताकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। करीब एक साल तक वह अपना शिकायती पत्र लेकर भटकते रहे। तमाम प्रयास के बाद भी जब मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो पीड़ित विदीप पाल मयाल गोरखपुर पहुंच गए। वहां जनता दरबार में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष पूरा मामला रखा, जिनकी फटकार के बाद यहां कंकरखेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज हो गया।
आर्मी इंटेलीजेंस ने जुटाए मजबूत साक्ष्य
पुलिस मामले को टालती आ रही थी। जनवरी में विदीप पाल मयाल ने आर्मी इंटेलीजेंस से संपर्क किया। आर्मी इंटेलीजेंस ने उन्हें मदद का भरोसा दिलाया और काम शुरु कर दिया। उन्होंने आरोपी प्रताप कुमार और अकरम द्वारा की गई धोखाधड़ी से जुड़े समस्त साक्ष्य जुटाने शुरु कर दिए। साक्ष्य जुटाने के बाद उन्होंने उसकी लोकेशन ट्रेस करनी शुरु कर दी। इस दौरान दोनों ने करीब तीन से चार नंबर भी बदले, लेकिन आर्मी इंटेलीजेंस से नहीं बच पाए। आर्मी इंटेलीजेंस ने पंजाब के होशियारपुर में थाना तलवाडा अंतर्गत ग्राम दतारपुर में प्रताप कुमार के घर पर दबिश दी और उसे दबोच लिया।
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