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कैद में अल्टीमेट एंटरटेनमेंट, फरमाइशी गाने सुनते हैं यूपी में इस जेल के बंदी

  • मेरठ जिला जेल के अंदर एफएम रेडियो चैनल शुरू किया गया है। इस पर कैदियों को फरमाइशी गाने सुनने को मिलते हैं।

Ritesh Verma हिन्दुस्तान टीम, संवाददाता, मेरठThu, 16 Jan 2025 11:49 PM
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गुड मॉर्निंग साथियों... आज का दिन आपके लिए शुभ हो। सकारात्मक विचाराें के साथ दिन की शुरुआत करें… आइए सबसे पहले प्रार्थना करते हैं और उसके बाद सुनेंगे आपके मनचाहे गीत। ये लाइन किसी रेडियो जॉकी की नहीं बल्कि जिला कारागार के बंदियों की है। चौंक गए ना आप भी। जी हां, आज हम आपको वेस्ट यूपी की एक ऐसी जेल के बारे में बता रहे हैं, जहां बंदियों की सुविधा के लिए एफएम रेडियो स्टेशन की स्थापना की गई है। बंदी पसंद के गानों की फरमाइश करते हैं। खास बात ये है कि यहां रेडियो जॉकी से लेकर तमाम कर्मी जेल के कैदी हैं।

चौधरी चरण सिंह जिला जेल मेरठ की ओर जेल के अंदर एफएम रेडियो चैनल चालू किया गया है। इसमें रेडियो जॉकी से लेकर बाकी लोग भी जेल के कैदी हैं। इस एफएम रेडियो पर कैदियों की रचनाओं और उनकी पसंद पर फिल्मी गीत सुनाए जाते हैं। बंदियों को उनके काम की जानकारी के साथ-साथ स्वास्थ्य और दूसरी महत्वपूर्ण जानकारी भी दी जाती है। कैदियों को जेल के अपडेट, और दुनिया में क्या हो रहा है, इसकी जानकारी देने के लिए एफएम रेडियो अहम साबित हो रहा है। इस चैनल पर कैदियों की कविताओं और गीतों को भी प्रसारित किया जाता है। ये रेडियो चैनल स्वास्थ्य संबंधी सुझाव भी देता है।

जेल के कैदी रेडियो जॉकी की भूमिका भी निभा रहे

मेरठ जेल के एफएम चैनल के जरिए कैदियों को पता चलता है कि दुनिया में क्या हो रहा है। जेल के अफसरों की मानें तो कैदियों के व्यवहार और जीवन स्तर में बदलाव और उनकी रचनात्मकता परखने के लिए एफएम रेडियो अहम साबित रहा है। इस पहल से कैदियों की मानसिक स्थिति में सुधार हो रहा है। इसके माध्यम से कैदियों को जेल प्रशासन की समय सारणी और लोक अदालत के कार्यक्रम के अलावा कैदियों के केस की सुनवाई के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है।

जेल में बंदी और कैदियों के लिए अहम साबित हो रहा रेडियो एफएम स्टेशन

एफएम रेडियो की फ्रीक्वेंसी पूरे जेल परिसर में उपलब्‍ध है। जेल के एक कक्ष में रेडियो (जेल वाणी) का कंट्रोल रूम बनाया गया है। सभी बैरक में स्पीकर लगे हैं। रेडियो स्टेशन से दिन भर बंदियों की फरमाइश पर गीत बजते हैं।

जेलों में बंदियों के मनोरंजन हेतु स्थापित किये जा रहे हैं रेडियो स्टेशन

यूपी की जेलों में बंद कैदियों के मनोरंजन और शिक्षात्मक सूचना देने के उद्देश्य से जिला कारागारों में कैदियों द्वारा संचालित एफएम स्टेशनों की स्थापना हो रही है। जेल अफसर कहते हैं कि रेडियो स्टेशन स्थापित करने का मकसद जेल के माहौल में बदलाव लाते हुए बंदियों में आत्मविश्वास और शिक्षा की अलख जगाना है।

इन जेलों में भी चल रहे रेडियो एफएम स्टेशन

मेरठ के अलावा मुजफ्फरनगर, मैनपुरी, कानपुर और बिजनौर में बंदियों द्वारा स्थापित एफएम के रेडियो स्टेशन सफलतापूर्वक चल रहे हैं। गोरखपुर जेल में भी बैरक में स्पीकर तथा अन्य उपकरण लगाकर विभिन्न चैनलों को सुनने की सुविधा शुरू हो चुकी है। आगरा में भी रेडियो स्टेशन स्थापित किया गया है। बंदियों को इन चैनलों से मनोरंजन के साथ ही ज्ञान की बातें भी मिलती हैं। बीच-बीच में जेल नियम, अपराध की धाराओं, कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी, मुलाकात के नियमों आदि की जानकारी भी दी जाती है।

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