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मुसलमानों के साथ सौतेला…,यूपी में लाउडस्‍पीकरों पर सियासत तेज; सामने आया मायावती का रिएक्‍शन

  • बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुस्लिम समुदाय के प्रति सौतेले व्यवहार का आरोप लगाते हुए केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। बसपा प्रमुख ने कहा है कि सभी धर्मों के त्योहारों को लेकर प्रतिबंधों और छूट से जुड़े नियम-कायदों को बिना किसी पक्षपात के लागू किया जाना चाहिए।

Ajay Singh लाइव हिन्दुस्तानTue, 4 March 2025 01:03 PM
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मुसलमानों के साथ सौतेला…,यूपी में लाउडस्‍पीकरों पर सियासत तेज; सामने आया मायावती का रिएक्‍शन

Mayawati News: यूपी में धार्मिक स्‍थलों से अवैध लाउडस्‍पीकर उतारे जाने को लेकर सख्‍ती पर बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने कड़ी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है। उन्‍होंने मुस्लिम समुदाय के प्रति सौतेले व्यवहार का आरोप लगाते हुए केंद्र और प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर हमला बोला है। बसपा प्रमुख ने कहा है कि सभी धर्मों के त्योहारों को लेकर प्रतिबंधों और छूट से जुड़े नियम-कायदों को बिना किसी पक्षपात के लागू किया जाना चाहिए।

मंगलवार को सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म 'एक्‍स' पर एक के बाद एक दो पोस्‍ट में बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा- ‘भारत सभी धर्मों को सम्मान देने वाला धर्मनिरपेक्ष देश है। ऐसे में केन्द्र व राज्य सरकारों को बिना पक्षपात के सभी धर्मों के मानने वालों के साथ एक जैसा बर्ताव करना चाहिए, किन्तु अब मुसलमानों के साथ धार्मिक मामलों में भी जो सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है, यह न्यायसंगत नहीं।’

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उन्‍होंने आगे लिखा- ' साथ ही, सभी धर्मों के पर्व-त्योहारों आदि को लेकर पाबन्दियाँ व छूट से सम्बंधित जो नियम-कानून हैं उन्हें बिना पक्षपात एक जैसा लागू होना चाहिए, जो ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है। इससे समाज में शान्ति व आपसी सौहार्द बिगड़ना स्वाभाविक, जो अति-चिन्तनीय। सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।'

सपा ने कही ये बात

इस बीच इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। सपा ने कहा है कि मुसलमानों को मस्जिदों में लाउडस्पीकर का उपयोग करना चाहिए, लेकिन उनकी आवाज़ स्वीकार्य स्तर के भीतर होनी चाहिए। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अमीक जामेई ने भी बसपा प्रमुख की ही बात दोहराते हुए कहा, ‘हम भी काफी समय से यही बात कह रहे हैं। लाउडस्पीकर के सेट डेसिबल के बारे में दिशानिर्देश हैं, लेकिन मस्जिदों में लाउड स्पीकर के संबंध में कुछ भी नहीं कहा गया है। सरकार को औद्योगिक प्रदूषण, यातायात प्रदूषण दिखाई नहीं दे रहा है, न ही वे अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर देख पा रहे हैं। ऐसा लगता है कि सभी दिशानिर्देश केवल मुसलमानों पर लागू किए जा रहे हैं और सरकार मुसलमानों को परेशान करने के तरीके खोजने की कोशिश कर रही है।’

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उन्‍होंने कहा कि 'हमारी पार्टी पहले ही कह चुकी है कि मुसलमानों को रमज़ान का पवित्र महीना बहुत धूमधाम से मनाना चाहिए, लेकिन लाउडस्पीकर की आवाज़ निर्धारित डेसिबल से कम होनी चाहिए। मुसलमानों को किसी भी तरह से लाउडस्पीकर नहीं उतारना चाहिए, अगर कोई आकर उनसे ऐसा करने के लिए कहता है, तो उन्हें इसके लिए आदेश प्रस्तुत करने के लिए कहना चाहिए। अगर उत्पीड़न नहीं रुकता है तो मुसलमानों को अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए।'

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