आकाश आनंद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस पर बहुजन मूवमेंट के अपमान का आरोप लगाते हुए उदित राज को पार्टी से बाहर करने की मांग की। आकाश आनंद ने यहां तक कहा कि संसद में शोर करने और दलित छात्रों के साथ फोटो खिंचवाने से राहुल गांधी दलितों के हितैषी नहीं बन सकते हैं।
साथ आने के बयान पर राहुल गांधी को बसपा प्रमुख ने मायावती ने शुक्रवार को फिर जवाब दिया है। मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि किसी पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में भी जरूर झांकना चाहिए।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने छात्रों से संवाद की शुरुआत संविधान से की। कुर्सी पर बैठे राहुल उनके बीच पहुंचे और टेबल पर बैठ गए। बोले, दलित नहीं होते तो संविधान नहीं होता। कहा कि यूपी में दलितों के उत्थान की नींव कांशीराम ने रखी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये बजट व्यापक जनहित और जनकल्याण के हित में रहता तो बेहतर होता। भाजपा सरकार का बजट भी मीडिल क्लास के तुष्टीकरण वाला है।
मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने भी उदित राज को अरेस्ट करने की मांग की है। इसके अलावा सतीश चंद्र मिश्रा ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने इस पर कुछ नहीं कहा है। इससे उनकी मानसिकता भी उजागर होती है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार को FIR करनी चाहिए और आरोपी पूर्व सांसद उदित राज को अरेस्ट किया जाए।
कांग्रेस नेता उदित राज द्वारा बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर की गई विवादित टिप्पणी पर यूपी में सियासी पारा चढ़ गया है। आकाश आनंद ने उदित राज को 24 घंटे में गिरफ्तार करने की मांग की है। मायावती की भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।
कांग्रेस नेता उदित राज ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती को लेकर विवादित टिप्पणी की है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि दिल्ली चुनाव भी दो पार्टियों के बीच ज्यादातर ''राजनीतिक द्वेष व चुनावी छलावा'' ही बनकर रह गया, जिसके चलते वहां के बहुजनों की स्थिति सुधरने वाली नहीं लगती है। मायावती ने सोमवार को दिल्ली और हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा की।
पहले अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाला जाना और अब बसपा का उत्तराधिकारी बनने के लिए योग्यता बताते हुए भतीजे आकाश आनंद को एक तरह से चेताना, अपने आप में बहुत कुछ इशारा कर रहा है। अब यह साफ हो गया है कि अंदरखाने में सब कुछ ठीक नहीं है।
बसपा सुप्रीमो मायावती सबसे विश्वासपात्र समधी अशोक सिद्धार्थ को हटाकर कार्यकर्ताओं का बड़ा संदेश दिया है। मायावती का संदेश साफ है कि पार्टी सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करेगी। चाहे वह कोई पदाधिकारी-नेता और काडर से या कोई नाते-रिश्तेदार हैं।