महाकुंभ का प्रलट प्रवाह; वाराणसी में आठवीं तक के स्कूल अब 14 फरवरी तक बंद, डीएम का आदेश
महाकुंभ से लौटने वाले श्रद्धालुओं के कारण पूरी काशी पटी हुई है। इसके कारण एक बार फिर शहरी क्षेत्र के स्कूलों को 14 फरवरी तक बंद कर दिया गया है।
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महाकुंभ के पलट प्रवाह के कारण एक बार फिर वाराणसी में शहर क्षेत्र के स्कूलों को बंद कर दिया गया है। पिछले कई दिनों से बंद चल रहे स्कूल सोमवार को ही खुले थे। मंगलवार से नगर क्षेत्र के कक्षा-8 तक के स्कूल ऑनलाइन मोड में कक्षाएं चलाएंगे। यह व्यवस्था फिलहाल 14 फरवरी तक के लिए की गई है। सोमवार को जिलाधिकारी के निर्देश के बाद बीएसए ने सभी बोर्ड के स्कूलों के लिए आदेश जारी किया है। यह आदेश तीसरी बार स्कूलों को दिया गया है।
श्रद्धालुओं के पलट प्रवाह के मद्देनजर जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से पहले 27 जनवरी से 5 फरवरी तक सभी बोर्ड के कक्षा 12 तक के स्कूलों में भौतिक पठन-पाठन स्थगित कर ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के आदेश दिया गया था। 5 फरवरी के बाद भी भीड़ कम नहीं हुई तो इस आदेश को 8 फरवरी तक बढ़ाया गया। सोमवार को एक दिन के लिए स्कूल खुले और भौतिक कक्षाएं चलीं मगर भीड़ को देखते हुए शाम को तीसरी बार शहरी क्षेत्र के स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने के आदेश दे दिए गए।
स्कूलों में अब तक भौतिक पठन-पाठन कुल 14 दिन ठप हो चुका है। मंगलवार से अगले चार दिन और कक्षाएं ठप रहेंगी। हालांकि ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल और कक्षा-9 से 12 तक के शहरी स्कूलों में भौतिक कक्षाएं ही चलेंगी। सीआईएससीई, सीबीएसई और यूपी बोर्ड की परीक्षा की तैयारी और प्रैक्टिकल को देखते हुए इनका ऑनलाइन संचालन संभव नहीं है। बीएसए डॉ. अरविंद कुमार पाठक ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश के बाद सोमवार से कक्षाएं चार और दिन के लिए स्थगित कर दी गई हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल यथावत चलेंगे। नगर क्षेत्र के स्कूलों के शिक्षकों को भी समय से पहुंचकर विभागीय कार्य करने होंगे।
महाकुंभ तीर्थ यात्रियों से पटी काशी
प्रयागराज से लौट रहे तीर्थयात्रियों से काशी दो दिनों से पटी है। हर सड़क-गली ठसाठस। शहर के सभी प्रवेश मार्गों पर कई किमी तक जाम लगा है। शहर के अंदर पैदल चलना मुश्किल हो गया है। जाम का विकराल रूप सोमवार को भी दिखा। तेलियाबाग, मलदहिया, भगवानपुर मार्ग पर वाहन रेंगत रहे। कई स्कूली बसें और एंबुलेंस फंसी रही।
जाम के कारण समय पर नहीं पहुंचने से कई की ट्रेन और फ्लाइट छूट गई। गोदौलिया चौराहा, मैदागिन, लक्सा, नई सड़क मार्ग भीषण जाम की चपेट में रहा। हालांकि, पुलिस ने चार पहिया और ई-रिक्शा-ऑटो के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद ई-रिक्शा और ऑटो चालक गलियों से होते प्रतिबंधित क्षेत्रों में पहुंच जा रहे थे। इसके कारण गलियां भी चोक हो गई थीं। पुलिस-प्रशासन को जाम समाप्त कराने में पसीने छूट गए।
उधर, शहर को जोड़ने वाले रिंग रोड और हाईवे पर भी कई किमी तक दोनों तरफ वाहन खड़े दिखे। सामने घाट पुल पूरी तरह पैक था। रामनगर से सामने घाट तक लोग जाम से निकले के लिए जूझते रहे।
डाफी टोल पर तीन किमी तक पैक
डाफी टोल प्लाजा से अखरी गांव तक करीब तीन किमी तक जाम रहा। प्रयागराज, चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर समेत विभिन्न जिलों के अलावा बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, बंगाल मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली सहित अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों को डाफी नारायणपुर लौटूबीर मलहिया इलाके में रोक दिया गया था। ऐसे में जिसे जहां जगह मिली वाहन खड़ा कर दिया। रोड किनारे ही कई लोगों को भोजन बनाते देखा गया।
बाहरी वाहनों को रिंग रोड पर रोका गया
सारनाथ। प्रयागराज से आ रही भीड़ के मद्देनजर पुलिस ने बाहरी वाहनों को सिंहपुर स्थित रिंग रोड पर रोक दिया था। यहां से श्रद्धालु ऑटो से काशी दर्शन के लिए शहर जा रहे थे। रिंगरोड चौराहे पर राजातालाब से आने वाली और बाबतपुर आने वाले फोरलेन पर रुक-रुक कर जाम लगता रहा। सुबह से ही छोटे और बड़े वाहन रेंगते रहे थे। जाम छुड़ाने में लगे पुलिसकर्मी बेबस दिख रहे थे। डीसीपी गोमती जोन प्रमोद कुमार भी जाम समाप्त कराते देखे गए।
मोहनसराय में ही रोके गए वाहन
रोहनिया। राजातालाब से मोहनसराय तक जाम रहा। मोहनसराय से बनारस की तरफ वाहनों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। अमरा-अखरी होते डाफी की तरफ वाहन भेजे जा रहे थे। केवल यूपी-65 नंबर वाले वाहनों को ही छूट थी। ऑटो व चाय पान और छोटे दुकानदारों की चांदी रही।