मुफ्त इलाज के नाम पर खानापूर्ति, 55 दिन में खर्च हुए छह लाख
लखनऊ में केजीएमयू में सरकारी कर्मचारियों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। लखीमपुर पुलिस लाइन के सब इंस्पेक्टर दिनेश मिश्र का इलाज 55 दिनों से चल रहा है, और परिवार ने छह लाख...
-पुलिसकर्मी को केजीएमयू में नहीं मिल रहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना का पूरा लाभ लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता
केजीएमयू में सरकारी कर्मचारियों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। मरीज मुफ्त इलाज के लिए धक्के खा रहे हैं। लखीमपुर पुलिस लाइन में तैनात सब इंस्पेक्टर का इलाज क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में चल रहा है। 55 दिनों में परिवारीजन छह लाख से अधिक रकम खर्च कर चुके हैं। आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान बेटे ने मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल व केजीएमयू कुलपति समेत अन्य अफसरों से लिखित शिकायत की है। बेटे के मुताबिक कम दिनों की दवा मंगाकर कर खानापूर्ति की जा रही है। दवा का आर्डर भेजने में भी लापरवाही बरती जा रही है।
रायबरेली निवासी दिनेश मिश्र लखीमपुर पुलिस लाइन में सब इंस्पेक्टर पद पर तैनात हैं। जुलाई में दिनेश मिश्र को ब्रेन स्ट्रोक हुआ। लखनऊ के एक निजी अस्पताल ने मरीज को दिल की बीमारी बताते हुए केजीएमयू लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग रेफर कर दिया। यहां डॉक्टरों ने वॉल्व में और न्यूरो से जुड़ी गंभीर समस्या बताई। कहा तब तक न्यूरो से जुड़ी परेशानी कम नहीं होगी तब तक वॉल्व का ऑपरेशन संभव नहीं है। लिहाजा मरीज को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराएं। परिवारीजनों ने 18 जुलाई को मरीज को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में मरीज का इलाज चल रहा है। बेटे शिवम मिश्र का आरोप है कि सरकारी मुलाजिम होने के नाते पिता का इलाज पंडित दीनदयाल योजना के तहत मुफ्त होना चाहिए। लेकिन दवा का आर्डर बहुत ही कम दिनों का भेजते हैं। योजना के तहत जो दवा आती है वह दो से तीन दिन में खर्च हो रही है। जबकि इलाज लगातार चल रहा है। इस समय डायलिसिस भी हो रही है। करीब छह लाख रुपये ट्रॉमा में भर्ती के दौरान इलाज पर खर्च हो चुके हैं।
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