आकाश आनंद की वापसी पर उठ रहे सवाल के बचाव में उतरी मायावती
Lucknow News - - किसी को निकालना व वापस लेना पार्टी का अपना फैसला लखनऊ, विशेष संवाददाता

बसपा सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद की पार्टी में उठ रहे सवाल पर उसके बचाव में उतरते हुए जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि अनुशासनहीनता व परिपक्वता के साथ काम न करने पर लोगों को पार्टी हित में निकालना पड़ता है। गलती का अहसास होने या फिर उनके समझ में आने पर पार्टी में किसी को वापस लेने पर कांग्रेस, भाजपा व अन्य विरोधी पार्टियां इसे आया राम व गया राम की संज्ञा देकर, पार्टी की छवि धूमिल करने की कोशिश करते हैं। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।
मायावती ने कुछ महीने पहले भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकाल दिया था और हाल ही में वापस लिया है। इसी तरह पूर्व सांसद गिरीश चंद्र जाटव को भी पार्टी में वापस लिया है और बसपा में मंत्री रहे दद्दू प्रसाद हाल ही में सपाई हो गए हैं। इसको लेकर पार्टियां बसपा पर तंज कर रही हैं। मायावती ने इस पर सोमवार को कहा है कि बसपा देश के दलित व अन्य उपेक्षितों के हितैषी डा. भीमराव आंबेडकर के कारवां को सत्ता की मंजिल तक पहुंचाने में लगी है। बसपा कार्यरत लोगों के आने-जाने में कुछ भी निजी नहीं बल्कि यह पार्टी व मूवमेंट के हित पर पूर्णतः निर्भर है।
उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों के षड्यंत्र के तहत पार्टी के कुछ लोग, उनके बहकावे में आकर अपनी खुद की पार्टी को कमजोर करने में लग जाते हैं। तब मजबूरी में निकालने जैसा कदम उठाना पड़ता है। निकालने और वापस लेने का काम जब विरोधी पार्टियां करती हैं, तब उसे वे पार्टी हित का मामला कह कर टाल देती हैं। बसपा के मामले में ये पर्टियां किस्म-किस्म की संज्ञा देकर इस पार्टी की छवि को खराब करने की कोशिश करती हैं। यह सब इनका दोहरा मापदंड है।
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