केजीएमयू में लिफ्ट खराब, सीढ़ियों से उतारे गए मरीज
केजीएमयू यूरोलॉजी विभाग की लिफ्ट खराब होने से मरीजों को वार्ड और ओटी तक लाने में असुविधा हो रही है। स्ट्रेचर पर मरीजों को सीढ़ियों से उतारा जा रहा है। 950 करोड़ के बजट के बावजूद आधारभूत सुविधाओं की...
केजीएमयू यूरोलॉजी विभाग की लिफ्ट खराब हो गई। ऐसे में मरीजों को वार्ड और ओटी तक लाने और उतारने में खासी असुविधा हो रही है। सबसे ज्यादा अड़चन वार्ड में भर्ती मरीजों को नीचे उतारने में हो रही है। स्ट्रेचर पर लिटाकर सीढ़ियों से मरीजों को उतारा जा रहा है। यूरोलॉजी विभाग में एक लिफ्ट है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लिफ्ट आए दिन खराब रहती है। शिकायत के बाद भी स्थायी हल नहीं निकाला जा रहा। शनिवार-रविवार को कई बार लिफ्ट खराब हुई, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ। इसमें भर्ती बुजुर्ग मरीज को स्ट्रेचर पर लिटाकर चार लोग सीढ़ियों से नीचे उतारते दिखाया गया। तीमारदार के हाथ में मरीज की दवा आदि भी है। हालांकि अफसरों ने बाद में लिफ्ट ठीक कराने की बात कही है।
मरीजों की जान जोखिम में
मरीज को सीढ़ियों से उतारने के दौरान कोई बड़ा हादसा हो सकता है। सीढ़ियां काफी ऊंचाई पर हैं। कई जगह मोड़ भी हैं। ऐसे में जरा सी चूक मरीज की जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। आरोप हैं कि लिफ्ट संचालक भी अक्सर गायब रहते हैं। यूरोलॉजी विभाग की लचर व्यवस्था की निगरानी तक ठीक से नहीं हो पा रही है।
950 करोड़ के बजट का ये हाल
केजीएमयू में मरीजों को बेहतर इलाज के लिए सरकार ने इस साल करीब 950 करोड़ रुपये बजट जारी किया है। केजीएमयू प्रशासन ओपीडी पंजीकरण, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी समेत अन्य मद में हर साल करोड़ों की कमाई कर रहा है। रिसर्च प्रोजेक्ट और स्वयंसेवी संस्थाएं भी करोड़ों रुपये दे रही हैं। मगर भारी-भरकम बजट के बावजूद मरीजों को आधारभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
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