मानव होना भाग्य, कवि सौभाग्य : ब्रजेश पाठक
कवि कुंभ के उद्घाटन समारोह में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि हिन्दी भाषा नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी। उन्होंने कवियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि सरकार सदैव कवियों के साथ है। तीन दिन...
कवि कुंभ के उद्घाटन समारोह में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि हिन्दी इतनी विशाल हृदय की स्वामिनी है कि वह नित्य नए शब्दों को आत्मसात करती है। आम जनमानस की भावनाओं को आप सभी कवि अपनी पंक्तियों, रचनाओं से गढ़ते रहे हैं। यह कवि कुंभ अद्भुत, अभिनव प्रयास है। यह भारत की संस्कृति को दिशा देगा। भाषा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। मानव होना भाग्य है, कवि होना सौभाग्य। संस्कृति विभाग, हिन्दी साहित्य अकादमी, संस्कार भारती तथा राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शुरू हुए कवि कुंभ में पहुंचे डिप्टी सीएम ने कहा कि महाकुंभ के धनुष की टंकार सुनाई देने लगी है। जनवरी 2025 में पूरी दुनिया कुंभ में डुबकी लगाएगी। इसके आगाज के पहले कवि कुंभ में हम सब शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी के शब्दों की कुछ भी प्रमाणिकता नहीं है। इसलिए अंग्रेजी की डिक्शनरी आज भी उतनी ही मोटी है, जितनी पहले थी। वहीं हिन्दी की डिक्शनरी चार गुना मोटी हो चुकी है। भाषा अपने दिल की बात को दूसरे के दिल तक पहुंचाना है। डिप्टी सीएम ने कहा कि उप्र सरकार सदैव कवियों के साथ है, क्योंकि कवि अपनी कविता से समाज की वस्तुस्थिति से अवगत कराता है। उन्होंने अटल जी को याद करते हुए कहा कि वे राजनेता के साथ महान कवि थे। उन्होंने आम जनमानस को अपनी कविताओं के माध्यम से जोड़े रखा। कविता संप्रेषण का सशक्त माध्यम है।
तीन दिन चलने वाले कार्यक्रम का संयोजन हिन्दी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष सौरभ जैन सुमन कर रहे हैं। कवि कुंभ में पूरे देश से करीब 450 कवि प्रतिभाग करेंगे। पहले दिन 100 से अधिक युवा नवोदित व प्रसिद्ध कवियों ने हिस्सा लिया। अपनी रचनाओं से लोगों में जोश भरा, हंसाया, गुदगुदाया और मार्ग प्रशस्त किया।
पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि हिन्दी की वाचिक परंपरा को जीवित रखने के लिए कवि सम्मेलन जैसी कला को जीवित रखना आवश्यक है। संस्कृति विभाग प्रदेश की मूर्त एवं अमूर्त धरोहरों को संरक्षित व संवर्धित करने के लिए हमेशा की तरह प्रयासरत है। हिन्दी साहित्य अकादमी की संगठन प्रमुख व कवयित्री डॉ. अनामिका जैन अंबर ने अपने कविता पाठ के दौरान कहा कि कविता देश की दिशा और दशा निर्धारित करने की शक्ति रखती है। फिल्मी गीतकार एएम तुराज ने हीरामंडी, पद्मावत एवं बाजीराव मस्तानी के गीतों से श्रोताओं को मुग्ध किया।
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