Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कुशीनगरRaksha Bandhan Celebrated with Auspicious Rituals after Bhadra Period in Padrauna

भद्रा से राखी बंधवाने को करना पड़ा इंतजार, डेढ बजे बाद मना रक्षाबंधन

पवित्र सावन मास के पूर्णिमा दिन सोमवार को रक्षाबन्धन व श्रावणी उपाकर्म जिले भर में मनाया गया। भद्रा होने के कारण भाइयों को राखी बंधवाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। दोपहर बाद शुभ मुहूर्त में बहनों ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरTue, 20 Aug 2024 02:07 AM
share Share

पडरौना, निज संवाददाता। पवित्र सावन मास के पूर्णिमा दिन सोमवार को रक्षाबन्धन व श्रावणी उपाकर्म जिले भर में मनाया गया। दोपहर डेढ़ बजे तक भद्रा होने के कारण भाइयों को राखी बंधवाने के लिए भूखे पेट लंबा इंतजार करना पड़ा। इसके कारण दोपहर बाद रक्षाबंधन का पर्व शुभ मुहूर्त में मनाया गया। बहनों ने भाइयों के कलाई पर राखी बांध कर लंबी उम्र की कामना की तो भाइयों ने बहनों को उपहार आदि भेंट कर आजीवन सुरक्षा का भरोसा दिया।

श्रावण शुक्ल पूर्णिमा 19 अगस्त दिन सोमवार को रात्रि 12.28 बजे तक रहा है। रविवार की रात 2.21 बजे से सोमवार को दिन 1.25 बजे तक भद्रा रहा। अतः भद्रा में रक्षांबधन का पुनीत पर्व नहीं मनाया जायेगा, क्यों कि भद्रा काल में रक्षाबन्धन का पुनीत पर्व वर्जित है। जैसे …भद्रायाम् द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा भद्रा में श्रावणी (उपाकर्म रक्षाबन्धन) व होलिका दहन नहीं होता, चाहे वह कहीं की भी भद्रा हो। अतः सोमवार की दोपहर 1.25 बजे के बाद रक्षाबन्धन का पुनीत पर्व शुभ मुहूर्त में मनाया गया। बहनों ने भाई को रक्षा बांधते समय भगवान श्री गणेश के साथ कुल देवी-देवताओं का ध्यान कर उनसे मंगल की कामना की प्रार्थना की। श्रावणी ( रक्षाबंधन ) का त्योहार सनातन धर्मियों के लिए वर्ष का प्रथम त्योहार है। इस दिन कुल पुरोहित अपने यजमान को तथा बहनें अपने भाई को रक्षा बांध व तिलक लगाकर चिरंजीवी व सर्वत्र विजयी होने की कामना की। बहनों ने भाईयों के लंबी उम्र की कामना की तथा मुंह मीठा कराया, तो भाइयों ने बहनों को उपहार आदि भेंट कर आजीवन सुरक्षा का भरोसा दिया।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें