काशी विश्वनाथ मंदिर में बदली दर्शन की व्यवस्था, अरघा में भक्तों के गिरने के बाद एक्शन में प्रशासन
काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के अरघे में महिला समेत दो श्रद्धालुओं के गिरने की घटना की जांच शुरू हो गई है। घटना के पीछे गर्भगृह में तैनात कर्मचारियों को माना जा रहा है। इसके साथ ही मंदिर प्रशासन ने दर्शन की व्यवस्था भी अगले आदेश तक बदल दी है।
काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के अरघे में महिला समेत दो श्रद्धालुओं के गिरने की घटना की जांच शुरू हो गई है। घटना के पीछे गर्भगृह में तैनात कर्मचारियों को माना जा रहा है। इसके साथ ही मंदिर प्रशासन ने दर्शन की व्यवस्था भी अगले आदेश तक बदल दी है। अब बाबा का दर्शन अरघा लगाकर या झांकी दर्शन से ही होगा। ऐसे में स्पर्श दर्शन की मंशा पूरी होने में परेशानी होगी।
काशी विश्वनाथ मंदिर में सोमवार की शाम स्पर्श दर्शन के दौरान धक्का-धुक्की के कारण एक महिला और एक पुरुष बाबा के अरघे में गिर पड़े थे। पूरे घटना मंदिर की वेबसाइट पर चल रहे लाइव दर्शन में कैद हो गई। इसके बाद यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया। हालांकि अरघे में गिरने की घटना यहां पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले महाशिवरात्रि पर भी ऐसी ही घटना हुई थी। तब संयोग से बनारस के मेयर भी मंदिर परिसर में ही मौजूद थे। तब यहां की व्यवस्था पर मेयर ने भी नाराजगी जताई थी। इसके बाद भी व्यवस्था में कोई खास परिवर्तन देखने को नहीं मिला है।
विसोमवार को वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि गर्भगृह के उत्तरी द्वार से प्रवेश के प्रयास में पहले एक महिला अरघे में गिर जाती है। उसके पीछे खड़ा पुरुष भी अनियंत्रित होकर उसके ऊपर गिर पड़ता है। पुरुष तो किसी तरह खुद अरघे से बाहर आ जाता है लेकिन महिला को अन्य लोग किसी तरह बाहर निकालते हैं।
मंदिर प्रशासन ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। मंदिर प्रशासन की ओर से बताया गया कि काशी विश्वनाथ मंदिर में सायंकालीन आरती सप्तऋषि और श्रृंगार आरती के बीच गर्भगृह के सफाई के वक़्त जब गर्भगृह का कपाट खोला गया तो श्रद्धालुओं के एक साथ अत्यधिक संख्या में प्रवेश करने से गर्भगृह में भीड़ अधिक हो जाने के कारण दो श्रद्धालु असंतुलित होकर गिर गए। इसका पूरा दृश्य काशी विश्वनाथ धाम के लाइव प्रसारण में भी कैद हुआ है, जो अत्यन्त खेद का विषय है। इस प्रकरण में संबंधित दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों को चिन्हित कर उन के खिलाफ कार्यवाही की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है l
इसके साथ ही कहा गया कि काशी विश्वनाथ मन्दिर प्रशासन ने यह भी निर्णय लिया है कि अग्रिम आदेश तक बाबा का दर्शन अरघा लगाकर या झांकी दर्शन से ही होंगा। झांकी दर्शन का अर्थ गर्भगृह के बाहर से ही दर्शन होता है। यानी स्पर्श दर्शन फिलहाल नहीं हो सकेगा।