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VIDEO: महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ के शिवलिंग पर ही गिरे कई भक्त, बनारस के मेयर ने भी झेली धक्कामुक्की

महाशिवरात्रि पर पूरी काशी बम-बम कर रही है। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए हुजूम उमड़ पड़ा। भक्तों की सुविधाओं के दावे ठीक बाबा के विवाह के समय धराशाई दिखाई दी। कई भक्त शिवलिंग पर ही गिर गए।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, वाराणसीSat, 9 March 2024 08:12 AM
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महाशिवरात्रि पर पूरी काशी बम-बम करती रही। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए हुजूम उमड़ा रहा। दस लाख भक्तों के आने की उम्मीद थी, दावा है कि उससे कुछ ज्यादा आए लेकिन अव्यवस्थाओं से श्रद्धालु परेशान हो गए।कई-कई घंटे लाइन में लगने के बाद भी हजारों भक्तों को एक सेकेंड के लिए भी बाबा को निहारने का मौका नहीं मिला। देर रात पहले प्रहर की आरती के समय तो गर्भगृह के पास की सभी व्यवस्थाएं जैसे धराशाई हो गईं। आरती खत्म होते ही भक्त गर्भगृह के अंदर घुस गए और कई शिवलिंग पर ही गिर गए। इस दौरान बनारस के मेयर अशोक तिवारी भी दर्शन के लिए पहुंचे थे। उन्हें भी गर्भगृह के पास धक्कामुक्की का शिकार होना पड़ा। इससे वह मौके पर मौजूद अधिकारियों पर नाराज भी हुए। सुरक्षा में लगे अधिकारियों को खूब लताड़ा भी। जैसे-तैसे उनके लिए दर्शन की व्यवस्था बनी। 

रात 10.30 पर प्रथम प्रहर की आरती शुरू हुई थी। पूरे दो घंटे तक आरती चली और झांकी दर्शन होता रहा। रात पौने एक बजे के करीब एक तरफ अर्चक बाहर निकलने लगे तो दूसरी तरफ कुछ खास भक्त गर्भगृह के अंदर पहुंच गए। इससे बाहर घंटों से इंतजार कर रहे श्रद्धालु भी धक्का देते हुए अंदर पहुंचने की कोशिश करने लगे। इससे कई शिवलिंग के अरघे में ही गिर पड़े तो कुछ ने किसी तरह खुद को बचाया।

यह पूरा नजारा बाहर लगे बड़े स्क्रीन पर लोग देखते रहे और व्यवस्था को कोसते रहे। यह वह लोग थे जो घंटों से लाइन में इंतजार कर रहे थे। अंदर का नजारा टीवी स्क्रीन पर देख कई लोग लाइन में से निकल-निकलकर बिना दर्शन किए ही वापस भी जाने लगे। खासकर परिवार के साथ आए लोग वापस हो लिए। जब यह सब हो रहा था गर्भगृह के पास ही बनारस के मेयर भी दर्शन का इंतजार कर रहे थे। अंदर औऱ बाहर की धक्कामुक्की देख वह भी नाराज हो गए। काफी देर तक यह सब नहीं रुका तो बिना दर्शन किए जाने की बात कहते हुए मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर भड़क गए। किसी तरह उनके लिए अधिकारियों ने व्यवस्था बनाई।

इससे पहले अधिकारियों ने दावा किया कि शाम सात बजे ही पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए। भोर में चार बजे मंगला आरती के बाद शुरू हुए दर्शन पूजन में शाम सात बजे तक 8 लाख 11 हजार 396 भक्त पहुंच चुके थे। रात 12 बजे यह आकड़ा 10 लाख 7 हजार 190 पहुंच गया। गुरुवार की शाम से ही भक्तों की कतार विश्वनाथ मंदिर परिसर से लेकर सड़कों तक दिखाई देने लगी थी। रात में भी भक्तों पर मंदिर प्रशासन की तरफ से पुष्प वर्षा भी की गई।  

भोर में चार बजे मंगला आरती के बाद आम लोगों के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए। सुबह छह बजे तक ही एक लाख 78 हजार 561 भक्त मंदिर पहुंच चुके थे। सुबह नौ बजे तक यह संख्या दोगुनी हो गई। सुबह दस बजे तक 4 लाख 53 हजार 270 और दोपहर एक बजे तक 5 लाख 98 हजार 11 लोग यहां दर्शन पूजन कर चुके थे। शाम चार बजे भक्तों की संख्या सात लाख को पार करते हुए 7 लाख 26 हजार 123 पहुंच गई। अब तक किसी भी अवसर पर इतनी बड़ी संख्या में शाम तक ही दर्शनार्थी नहीं पहुंचे थे।

एक दिन पहले से तैयारियां
महादेव और मां पार्वती के विवाह के उत्सव की इस पावन बेला को यादगार बनाने के लिए भक्त एक दिन पहले से ही तैयारियों में जुट गए हैं। मणिकर्णिका स्थित महाश्मशान नाथ मंदिर में बाबा का भव्य शृंगार किया जाएगा। तैयारी गुरुवार को ही दिखने लगी। सिल-बट्टे पर कोई भांग पीसता नजर आया तो कोई ठंडई बनाने में जुटा है। वहीं महाशिवरात्रि के दिन तड़के बाबा के जलाभिषेक के लिए भक्तों का जुटान मंदिर परिक्षेत्र में देर शाम से ही हो गया। मैदागिन से ज्ञानवापी के बीच लगाई गई बैरिकेडिंग में भक्तों ने स्थान सुरक्षित कर लिया है। कुछ ऐसा ही नजारा ललिता घाट के आसपास भी दिखा।

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