आईआईटी ने 630 महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर
आईआईटी कानपुर गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई का प्रशिक्षण दे रहा है। अब तक 630 महिलाएं रोजगार प्राप्त कर चुकी हैं। संस्थान ने लेदर सिलाई का प्रशिक्षण भी शुरू किया है। इस केंद्र की...
कानपुर, प्रमुख संवाददाता। आईआईटी कानपुर देश को युवा वैज्ञानिकों की फौज देने के साथ ही गांव की महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का भी काम कर रहा है। संस्थान में संचालित रोजी शिक्षा केंद्र की पहल से अब तक 630 महिलाओं को रोजगार दिलाकर आत्मनिर्भर बनाया जा चुका है। इन महिलाओं को जॉब से पहले आईआईटी में अत्याधुनिक मशीनों पर निःशुल्क सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया। अब ये महिलाएं 18 हजार रुपये तक कमाकर अपने परिवार का खर्च उठा रही हैं। आईआईटी में संचालित रोजी शिक्षा केंद्र में गांव की महिलाओं को शिक्षित करने के साथ आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संस्थान के आसपास आर्थिक रूप से कमजोर गांव की महिलाओं को चिन्हित कर सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। केंद्र में तीन माह का प्रशिक्षण शिविर संचालित होता है, जिसमें लगभग 80 से 90 लोगों प्रशिक्षण दिया जाता है। पिछले दो साल से संचालित सिलाई प्रशिक्षण में 90 फीसदी महिलाएं हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
लेदर सिलाई का प्रशिक्षण शुरू
शहर के आसपास लेदर इंडस्ट्री में सिलाई कारीगरों की अत्यधिक मांग है। जिसे देखते हुए आईआईटी में निःशुल्क लेदर सिलाई का प्रशिक्षण भी शुरू किया गया है, जिससे महिलाओं को इस क्षेत्र में भी रोजगार मिल सके। शुरुआती दौर में सिर्फ संस्थान के आसपास गांव की महिलाएं आती थी। लेकिन, अब कानपुर देहात से भी लड़कियां व महिलाएं नानकारी में किराए पर रहकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।
पूर्व छात्र के 14 करोड़ की मदद से शुरू हुआ केंद्र
आईआईटी में बना रोजी शिक्षा केंद्र पूर्व छात्र रणजीत सिंह के दान दिए गए 14 करोड़ रुपये की मदद से शुरू हुआ है। इसका एक अलग भवन बना है। केंद्र का उद्देश्य महिलाओं व युवाओं को शिक्षित करने के साथ आत्मनिर्भर बनाना है। इसके लिए केंद्र में अत्याधुनिक सिलाई मशीन लगाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण प्रो. संदीप संगल और उन्नत भारत अभियान की रीता सिंह की देखरेख में चल रहा है।
वर्जन -
आईआईटी में बने रोजी शिक्षा केंद्र में गांव की महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हर तीन माह में करीब 80 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिसमें सभी को जॉब मिल रही है। पिछले दो वर्षों में करीब 700 से अधिक को रोजगार मिला है, जिसमें करीब 630 महिलाएं हैं।
- रीता सिंह, प्रभारी-उन्नत भारत अभियान, आईआईटी।
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