Notification Icon
Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कानपुरIIT and University of Melbourne Collaborate on IoT-Based Patient Care Modules

बायोसेंसिंग मॉड्यूल व हैंडहेल्ड मेडटेक डिवाइस बनाएगा आईआईटी

आईआईटी कानपुर अब इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित बायोसेंसिंग मॉड्यूल और हैंडहेल्ड मेडटेक डिवाइस विकसित करेगा, जो मरीजों की देखभाल में सहायक होंगे। इस रिसर्च में यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न और अमृता विश्वा...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरThu, 29 Aug 2024 01:29 PM
share Share

-मरीजों की देखभाल के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक आधारित तैयार कर रहे मॉड्यूल -आईआईटी और यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के विशेषज्ञ मिलकर कर रहे रिसर्च

-केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने दिया प्रोजेक्ट, गंगवाल मेडिकल स्कूल में होगा शोध

कानपुर, प्रमुख संवाददाता। आईआईटी अब मरीजों के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित बायोसेंसिंग मॉड्यूल और हैंडहेल्ड मेडटेक डिवाइस विकसित करेगा। जिससे मरीजों की देखभाल के साथ उनका उचित समय पर इलाज किया जा सके। इसका उपयोग ग्रामीण और दुरुस्त इलाकों में रहने वाले मरीजों के लिए लाभप्रद साबित होगा। यह रिसर्च आईआईटी कानपुर के गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी में हो रही है, जिसमें आस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के मेडिसिन, डेंटिस्ट्री और हेल्थ साइंसेज के वैज्ञानिक व प्रोफेसर और कोयंबटूर स्थित अमृता विश्वा विद्यापीठम के विशेषज्ञों की टीम मदद कर रही है।

आईआईटी कानपुर में बन रहे गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी में वैज्ञानिकों की टीम चिकित्सा से जुड़े रिसर्च कर नए उत्पाद व तकनीक विकसित कर रहे हैं। स्कूल में कृत्रिम हृदय पर शोध चल रहा है। उम्मीद है कि वर्ष 2025 में आईआईटी में विकसित कृत्रिम हृदय लोगों की जान बचाना शुरू कर देगा। वहीं, अब स्कूल में चिकित्सा पद्धति को और आसान व सुविधाजनक बनाने पर रिसर्च चल रही है। इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आईआईटी कानपुर को प्रोजेक्ट और बजट प्रदान किया है। इसके तहत तीनों संस्थान के वैज्ञानिक मिलकर रिसर्च कर रहे हैं। इन्हें मुख्य रूप से रिसर्च कर इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) तकनीकी युक्त क्लीनिक, साइकोलॉजिकल एनालाइजर्स, मरीजों की देखभाल के लिए बायोसेंसिंग मॉड्यूल्स, जांच के लिए हैंडहेल्ड मेडटेक डिवाइस (खासतौर पर कैंसर, सेप्सिस, न्यूरोडीजनरेशन) और हेल्थकेयर के लिए मोनोग्राफ ऑन पीओसी डिवाइस को विकसित करना है। आईआईटी ने इस रिसर्च का नोडल केमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर और गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर-इन-चार्ज प्रो. संदीप वर्मा को बनाया है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें