आईएएस अभिषेक प्रकाश मामले में तेज हुई जांच, शासन ने संपत्ति मांगा ब्योरा
आईएएस अफसर अभिषेक प्रकाश मामले में जांच तेज हो गई है। शासन ने की संपत्ति का अलीगढ़ प्रशासन से ब्योरा मांगा है। उधर, अभिषेक प्रकाश के करीबी निकांत जैन के उद्योगपति से रिश्वत मांगने के मामले में शासन के प्रगति पूछते ही एसआईटी ने जांच तेज कर दी है। एसआईटी जेल में बंद निकांत जैन से जल्दी ही पूछताछ करेगी।

आईएएस अभिषेक प्रकाश के निलंबन के बाद मामले में जांच तेज हो गई है। शासन ने निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की संपत्ति का अलीगढ़ प्रशासन से ब्योरा मांगा है। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के पुलिस अधीक्षक ने अलीगढ़ डीएम को पत्र लिखकर जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।
शासन से मांगी गई जानकारी के मुताबिक इनवेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहे अभिषेक प्रकाश मूल रूप से बिहार के सीवान जिले के जीरादोई के निवासी हैं। अलीगढ़ में जिलाधिकारी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने स्वयं या अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर कोई संपत्ति खरीदी है। संपत्ति खरीदी हो तो उसका ब्योरा उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा शासन ने आईएएस अभिषेक प्रकाश के पिता ओम प्रकाश, माता विभा सिन्हा और पत्नी विजय लक्ष्मी के नाम पर जारी हुए शस्त्र लाइसेंस का भी ब्योरा मांगा है। डीएम संजीव रंजन ने बताया कि शासन से जो जानकारी मांगी जाएगी उसको उपलब्ध कराया जाएगा। पत्र के बारे में जानकारी नहीं है।
करीबी निकांत जैन से जेल में होगी पूछताछ
निलंबित अभिषेक प्रकाश के करीबी निकांत जैन के उद्योगपति से रिश्वत मांगने के मामले में शासन के प्रगति पूछते ही एसआईटी ने जांच तेज कर दी है। एसआईटी जेल में बंद निकांत जैन से जल्दी ही पूछताछ करेगी। इसके लिए उसने कोर्ट में अर्जी दी थी। कोर्ट इस मामले में पुलिस की कार्रवाई को लेकर नाराजगी भी जता चुकी है। यही वजह है कि उसने देर से अर्जी देने पर निकांत जैन की रिमाण्ड अर्जी स्वीकार नहीं की थी। एसआईटी के एएसपी विकास चन्द्र त्रिपाठी ने अपनी टीम के साथ निकांत जैन का गोमतीनगर स्थित दफ्तर खंगाला था। इसमें कई लेन-देन का ब्योरा मिला था। पूछताछ में निकांत के परिवारीजन कई जानकारियां नहीं दे सके थे। इसके अलावा कई और बिन्दुओं पर निकांत के बयान जरूरी हो गए।
इसके लिए एसआईटी ने निकांत के जेल में बयान लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी। इस प्रकरण में पुलिस की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में आई थी। एफआईआर दर्ज होने के चार दिन बाद ही कोर्ट ने गोमतीनगर पुलिस से नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने पुलिस से कहा था कि रिश्वत के लिए निकांत जैन का नम्बर देने वाले अधिकारी का नाम स्पष्ट करें। इस पर पुलिस ने कोर्ट को अभी तक इस अफसर का नाम नहीं साफ किया। इस मामले में 20 मार्च को गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी तब निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसी दिन इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश को निलम्बित भी कर दिया गया था।