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शरीर में ये बदलाव देखें तो तुरंत हो जाएं सावधान, पाइल्‍स नहीं हो सकता है कैंसर

  • मल के साथ खून आने की घटना को पाइल्स मानकर इलाज कराने से परहेज करते हैं। डॉक्टर की सलाह लेने में भी संकोच महसूस करते हैं। यह घातक हो सकता है। यह लक्षण पाइल्स के अलावा कैंसर का भी हो सकता है। इसमें किसी भी तरह कोताही नहीं बरतनी चाहिए।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, वरिष्‍ठ संवाददाता, लखनऊSun, 2 March 2025 09:29 AM
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शरीर में ये बदलाव देखें तो तुरंत हो जाएं सावधान, पाइल्‍स नहीं हो सकता है कैंसर

Blood in the Stool: शरीर में बहुत से बदलावों अक्‍सर हम नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन यदि कभी मल के साथ खून आ जाए तो इसे कतई हल्‍के में न लें। तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और उनकी सलाह लें। इसमें किसी भी तरह कोताही नहीं बरतनी चाहिए। क्योंकि 60 से 70 प्रतिशत लोग मल के साथ खून आने की घटना को पाइल्स मानकर इलाज कराने से परहेज करते हैं। डॉक्टर की सलाह लेने में भी संकोच महसूस करते हैं। यह घातक साबित हो सकता है। यह लक्षण पाइल्स से इतर कैंसर भी हो सकता है। यह बातें केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के डॉ. नसीम अख्तर ने कही।

शर्म-झिझक से बचें

वह शनिवार को शताब्दी भवन-2 में कोलोरेक्टल कैंसर अवेयरनेस प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे। डॉ. नसीम अख्तर ने कहा कि मल के साथ खून आने पर लोग इलाज के बजाए संकोच करते हैं। डॉक्टर से परेशानी साझा करने में शर्म महसूस करते हैं। मल के साथ खून आना गंभीर चिंता का कारण हो सकता है। डॉक्टर की तुरंत सलाह लेनी चाहिए। यह पाइल्स के अलावा आंत व दूसरे पेट के अंगों का कैंसर हो सकता है।

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फास्ट फूड से तौबा करें

डॉ. नसीम ने कहा कि समय पर इलाज से कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकता है। ऑपरेशन कर कैंसर प्रभावित हिस्से को हटाया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर कीमोथेरेपी व रेडियोथेरेपी भी देने की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि कैंसर के खतरों को कम करने के लिए रेशेदार फलों का सेवन करें। हरी सब्जियां खाएं। फास्ट फूड से तौबा करें। धू्म्रपान से परहेज करें। पर्याप्त मात्रा में साफ पानी पिएं।

स्टूल बैग से घबराएं नहीं

डॉ. नसीम ने कहा कि आंत और मलद्वार के कैंसर में ऑपरेशन के बाद कई बार स्टूल बैग लगाना पड़ता है। यह एकदम सुरक्षित और आरामदायक है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने कहा कि स्टूल बैग कई बार अस्थायी होता है। मरीज को बीमारी से राहत मिलने के बाद उसे हटा दिया जाता है। डॉ. शिव राजन ने कहा कि कैंसर को हराने के लिए जागरुकता की जरूरत है। नई दवाओं और ऑपरेशन की नई तकनीक से बीमारी हार रही है।

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एक मिनट की जांच से कैंसर का पता चलेगा

गैस्ट्रोमेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुमित रूंगटा ने कहाकि आंतों की बीमारी का पता लगाने में कोलोनोस्कोप अहम जांच है। यह सुरक्षित है। सटीक जांच की जा सकती है। एक मिनट से कम समय लगता है जांच में। कैंसर व अल्सर समेत दूसरी बीमारी का आसानी से पता लगाया जा सकता है। रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि कैंसर मरीजों के इलाज के लिए कई सरकारी योजनाओं का संचालन हो रहा है। गरीब मरीज योजनाओं का लाभ लेकर पूरा इलाज करा सकते हैं।

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