इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में रिझाएगी केले के रेशे से बनी ज्वैलरी
गोरखपुर की सुनीता मौर्या ने 40 स्वयं सहायता समूहों से 400 महिलाओं को जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने केले के रेशे से आकर्षक ज्वेलरी बनाना सीखा है और इसे नोएडा में होने वाले...
गोरखपुर। मुख्य संवाददाता 25 से 29 सितंबर तक नोएडा में यूपी इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में शिवपुर सहबाजगंज की सुनीता मौर्या की केले के रेशे से बनाई गई ज्वेलरी भी पयर्टकों का रिझाएगी। जिला नगरीय विकास अभिकरण डूडा गोरखपुर की शक्ति वैभव श्री स्वयं सहायता समूह (एरिया लेवल फेडरेशन) का संचालन करने वाली सुनीता ने 40 स्वयं सहायता समूह से 400 महिलाओं को जोड़ कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हैं।
तीन बच्चों की मां सुनीता अपने समूहो में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई तरह के उत्पाद बना रहीं लेकिन डिजाइनिंग में पालिटेक्निक की छात्रा अपनी बिटिया रीतिका मौर्या की प्रेरणा से एक साल पहले केले के रेशे से ज्वेलरी बनाना सीखा। केला कुशीनगर का ‘एक जिला एक उत्पाद है। लिहाजा उसके तने से निकले रेशे से कुशीनगर में तमाम उत्पाद बनाए जा रहे हैं। अब इन्हीं केले के तने के रेशे से सुनीता बेटी रीतिका की मदद से आकर्षक इंको फ्रेंडली ज्वेलरी बना रही हैं। यही वजह है कि जिला उद्यान केंद्र कुशीनगर की ओर से इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का निमंत्रण मिला है।
सुनीता मौर्या कहती है केले का रेशा काफी मजबूत होता है। केले के रेशे से बनी ज्वेलरी से समूह की महिलाएं भी आकर्षित हुईं तो उन्हें भी प्रशिक्षण दिया। फिलहाल विभिन्न स्थानों पर लगने वाली प्रदर्शनी के जरिए वे साल में लाख से डेढ़ लाख की केले के रेशे से बनी ज्वेलरी की बिक्री कर लेती है। नोएडा ट्रेड फेयर से उन्हें काफी उम्मीदें हैं। लिहाजा समूह की महिलाओं के साथ मिलकर केले के रेशे से आकर्षक डिजाइनर ज्वेलरी बनाने में जुटी हैं। सुनीता विभिन्न राज्यों में प्रशिक्षण देने के लिए भी आमंत्रित की जाती हैं। डूडा के परियोजना अधिकारी विकास कुमार सिंह भी सुनीता की लगन से प्रभावित हैं। कहते हैं कि उन्होंने काफी महिलाओं का हौसला बढ़ाकर कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया है।
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