गंगा की बाढ़ में आ रही कमी, लेकिन किसान परेशान
गंगा के बाढ़ में आ रही कमी, लेकिन नुकसान को लेकर किसान परेशान गंगा के बाढ़ में आ रही कमी, लेकिन नुकसान को लेकर किसान परेशान
गंगा के बाढ़ में गुरुवार सुबह से कमी आ रही है लेकिन बाढ़ के चलते मांडा क्षेत्र के कुछ गांवों के कछार पर स्थित लगभग छह सौ बीघे खेती गंगा में डूबकर खराब हो गयी, जिससे किसानों में काफी चिंता है। हर साल बाढ़ में कछार के किसानों का भारी नुकसान होता है। मांडा के बामपुर, बादपुर, महेवाकला, डेंगुरपुर, उमापुर कला, बेरुका आदि गांवों में कछार पर तमाम किसानों की खेती होती है। गंगा कछार पर सब्जियों की भी अच्छी उपज होती है। बाढ़ के चलते इन गांवों की लगभग छह सौ बीघे खेती गंगा में डूबकर खराब हो गयी। सबसे ज्यादा नुकसान बामपुर गंगाघाट के कछार पर खेती करने वाले किसानों की हुई। किसानों का कहना है कि खतौनी पर तो वे लंबे काश्तकार हैं, लेकिन हर साल बाढ़ और कटान से निरंतर तबाह होते जा रहे हैं। हर साल बाढ़ में खेती नष्ट होने के बाद भी आज तक कभी किसी भी किसान को फसल क्षतिपूर्ति का मुआवजा नहीं मिल पाया। मां गंगा द्वारा की गयी तबाही को आंखों में आंसू भरकर देखने के सिवा क्षेत्रीय किसान कुछ कर भी नहीं पाता। इस वर्ष एक माह में दो बार बाढ़ से खेती नष्ट हुई। किसानों ने स्थानीय प्रशासन, आकलन के बाद क्षतिग्रस्त फसल का उचित मुआवजा दिये जाने की मांग की है।
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