रातों-रात बस्ती छोड़कर चला गया था परिवार, अरशद के पड़ोसियों ने किए चौंकाने वाले खुलासे
लखनऊ में नए साल पर एक युवक ने मां और चार बहनों की हत्या कर दी। आगरा के इस्लाम नगर में रहने वालों ने बताया कि मोहम्मद बदर का परिवार 18 दिसंबर को आखिरी बार बस्ती में देखा गया था। रातों-रात परिवार बस्ती से चला गया। इसी दिन साइकिल हटाने को लेकर पड़ोसी से विवाद भी हुआ था।
यूपी की राजधानी लखनऊ में नए साल पर एक युवक ने मां और चार बहनों की हत्या कर दी। आगरा के इस्लाम नगर में रहने वालों ने बताया कि मोहम्मद बदर का परिवार 18 दिसंबर को आखिरी बार बस्ती में देखा गया था। रातों-रात परिवार बस्ती से चला गया। इसी दिन मोहम्मद बदर का साइकिल हटाने को लेकर पड़ोसी से विवाद हुआ था। दोपहर को ही परिवार के सभी सदस्य चले गए थे। रात करीब आठ बजे बदर की पत्नी अपनी दो बेटियों के साथ घर आई थीं। एक अनजान व्यक्ति भी साथ था। उसे कभी बस्ती वालों ने नहीं देखा था। वे घर से चार-पांच बैग सामान लेकर गए थे। किसी को यह नहीं बताया था कि कहां जा रहे हैं।
बस्ती वालों को लगा कि उसका परिवार अजमेर शरीफ गया होगा। बदर अकसर वहां जाया करता था। बस्ती में रहने वाले गार्ड सलीम 29 दिसंबर को अजमेर शरीफ गए थे। उन्होंने बस्ती वालों को बताया कि बदर और उसके बेटे को उन्होंने अजमेर में देखा था। आशंका है कि अजमेर से परिवार लखनऊ पहुंचा होगा।
बस्ती वालों को अभी भी एक सवाल परेशान कर रहा है कि आखिर अरशद ने अपनी मां और बहनों को क्यों मार दिया। पिता ने उसे क्यों नहीं रोका। वह बस्ती वालों से इतना ही परेशान था तो 18 दिसंबर से इधर-उधर क्यों घूम रहा था। खुद को कुछ क्यों नहीं किया। बस्ती वालों में आक्रोश है। उनका कहना है कि अरशद और उसके पिता अपने गुनाह छिपाने के लिए दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं। इतना ही बड़ा विवाद हुआ था तो पुलिस को मौके पर कुछ क्यों नहीं मिला था। विवाद तो सिर्फ एक पड़ोसी से हुआ था। बस्ती में हजारों की संख्या में लोग रहते हैं। सभी उस पड़ोसी के साथ तो नहीं थे।
अरशद ने कहा- जलाओ या दफनाओ आपकी मर्जी
लखनऊ के होटल में मां और चार बहनों की बेरहमी से हत्या के बाद अरशद ने वीडियो बनाया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वह कबूल कर रहा है कि उसने ही अपनी मां और बहनों को बेरहमी से मारा है। पिता भी उसके साथ थे। इसके लिए वह बस्ती वालों को जिम्मेदार ठहरा रहा है। बोल रहा है कि लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाने आए थे। वीडियो में उसने सीएम योगी से अपील भी की है।
वीडियो में अरशद ने सामूहिक हत्याकांड की जो वजह बताई है वह बस्ती वालों के गले नहीं उतर रही है। अरशद खुद भी अपनी जान देना चाहता था मगर इससे पहले पुलिस ने उसे पकड़ लिया। वायरल वीडियो में अरशद ने बताया है कि कुछ लोगों के जुल्मों की वजह से वो धर्म परिवर्तन करना चाहता था। इसके बाद भी वो सुकून से नहीं रह पा रहा था। अरशद ने वीडियो में कहा है कि हम बदायूं के रहने वाले हैं। हम पर आरोप लगाते हैं कि बंग्लादेशी हैं। बदायूं में रहने वाली हमारी ताई के पास सारे सबूत मिल जाएंगे कि हम हिंदुस्तानी हैं। आज मेरी सारी बहनें मर रही हैं। मैं भी मर जाऊंगा। पीएम मोदी, सीएम योगी से गुहार लगाते हुए कहा कि हर मुसलमान एक सा नहीं होता है। हिंदुस्तान के अंदर फिर किसी परिवार को ऐसा नहीं करना पड़े। जीते जी नहीं तो मरने के बाद इंसाफ दे दीजिए।
अरशद ने कहा कि बाप के साथ मिलकर बहनों को मारा है। न जाने कितने गरीब लोगों की इन लोगों ने बेटियां उठाकर बेच दीं। बस्ती वालों ने चौकी अपने हाथ में ले रखी है। पुलिसकर्मियों को पैसा देकर बच जाते हैं। अंत में कहा है कि आपकी मर्जी है कि जलाओ या दफनाओ। इनको बेरहमी से मैंने मारा है। हाथ जोड़कर विनती है, इंसाफ दिलाओ। लखनऊ आए थे, आपसे मिलने के लिए। लेकिन मिल नहीं पाए।
सात लाख रुपये में बेची थी 50 गज जमीन
मोहम्मद बदर के नाम 100 गज का प्लाट था। जनवरी 2024 में पचास गज जमीन का सौदा उन्होंने बस्ती में रहने वाले अलीम से किया था। सात लाख रुपये में सौदा हुआ था। पांच लाख रुपये बदर ने खाते में लिए थे। दो लाख रुपये कैश लिया था। कैश देते और गिनते समय मोहम्मद बदर का अलीम ने वीडियो बनाया था। वह वीडियो अभी तक अलीम के परिवार के पास सुरक्षित है। उसी प्लाट के 50 गज के हिस्से में मोहम्मद बदर ने अपना मकान बनाया था।
खामोशी में बदला नए साल का जश्न
लखनऊ में हुए सामूहिक हत्याकांड की खबर ने आगरा पुलिस को भी हिला दिया। सूचना मिलते ही ट्रांसयमुना थाना पुलिस इस्लाम नगर पहुंच गई। अरशद के हत्या के बाद का वीडियो पुलिस को भी मिला। पुलिस ने उसमें लगाए आरोपों की जांच करके लखनऊ पुलिस को अवगत कराया। तीनों आरोपों की पुष्टि नहीं हुई।
इंस्पेक्टर ट्रांसयमुना भानुप्रताप सिंह ने बताया कि वह खुद जांच करने मौके पर पहुंचे थे। घटना के बाद इस्लाम नगर में सन्नाटा पसर गया। बस्ती वाले हैरान थे। बोल रहे थे कि पिता-पुत्र इस हद तक गिर जाएंगे इतनी उम्मीद नहीं थी। दोनों सनकी हैं। पुलिस ने सबसे पहले पड़ोसी आफताब को पकड़ा। उससे पूछताछ हुई। 18 दिसंबर को मोहम्मद बदर का पड़ोसी आफताब से ही विवाद हुआ था। आफताब की परचून की दुकान पुरानी है। मोहम्मद बदर ने कुछ माह पूर्व खोली थी। आफताब ने बताया कि बस्ती वालों से पूछ लीजिए। उसने किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की है। पुलिस भी शिकायत पर मौके पर आई थी। पुलिस ने जांच की। सिर्फ साइकिल हटाने को लेकर तकरार की पुष्टि हुई। मारपीट और पथराव की किसी ने पुष्टि नहीं की।
दूसरा आरोप अरशद ने जमीन कब्जाने का लगाया। पुलिस को 50 गज जमीन खरीदने वाले अलीम ने बैनामा दिखा दिया। 14 फरवरी 2024 को उसने सात लाख रुपये में पचास गज जमीन का बैनामा कराया था। बैनामा के समय कैश दी गई रकम का वीडियो भी पुलिस को दिया। तीसरा आरोप अरशद ने लगाया कि वह दुकान में मंदिर बनाना चाहता था। हिंदू बनना चाहता था। बस्ती वाले इसका विरोध कर रहे थे। इसकी भी पुष्टि नहीं हुई। मंदिर बनाने के लिए अनुमति की जरूरत है। अरशद की तरफ से किसी भी विभाग में किसी अनुमति के लिए कोई प्रार्थनापत्र नहीं दिया गया था। न ही उसने कभी थाने आकर इस तरह की शिकायत की कि उसे मंदिर बनाने से रोका जा रहा है। यह आरोप उसने साजिश के तहत लगाया।