वर्ष के अंत तक जलेसर डिपो का हो सकेगा संचालन, चार वर्ष में पूरा नहीं हो सका निर्माण
Etah News - एटा में जलेसर बस डिपो का निर्माण चार वर्षों बाद भी पूरा नहीं हुआ है। रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि निर्माण कार्य में बजट की किस्तों में देरी के कारण बाधा आई है। हालांकि, 95% कार्य पूरा हो चुका है और...

एटा। जलेसर वासियों को चार वर्ष पूरे होने के बाद भी रोडवेज बस डिपो की सुविधा नहीं मिल सकी है। रोडवेज अधिकारियों के अनुसार अभी भी साल के अंत तक बस डिपो संचालन के इंतजार करना पड़ेगा। बेहद मंद गति से चल रहे निर्माण के कारण कस्बा क्षेत्र के लोगों को बस सुविधाओं के लिए वंचित होना पड़ रहा है। जनवरी 2021 से बनना शुरू हुआ जलेसर का रोडवेज बस डिपो चार वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अब तक बनकर तैयार नहीं हो सका है। जिसके चलते क्षेत्र के लोगों को अब तक रोडवेज बस संबंधी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल सका है और लोग आज भी बसों की समस्याओं से जूझ रहे हैं। डिपो निर्माण कार्य में देरी होने का प्रमुख कारण है कि निर्माण के लिए शासन से एक या दो बार में नहीं बल्कि कई किस्तों में रुक-रुक कर बजट भेजा गया है। बजट किस्त में देरी होने के कारण निर्माण कार्य में भी निरंतर देरी होती रही है। रविवार को एटा डिपो सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक नरेश चंद्र गुप्ता ने बताया कि जलेसर डिपो के निर्माण के लिए बजट में देरी होने के कारण निर्माण कार्य में विलंब हुआ है। उन्होंने बताया कि जलेसर बस डिपो निर्माण का लक्ष्य मार्च 2025 था। इसके सापेक्ष अभी तक 95 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। निर्माण कार्य के लिए अंतिम किस्त भी मिल चुकी है। जिससे शेष 05 फीसदी निर्माण कार्य पूरा किया जा रहा है। जलेसर डिपो का निर्माण कुल 13 करोड़ से बनकर तैयार हुआ है। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार इस वर्ष के दिसंबर माह तक जलेसर बस डिपो का संचालन प्रारंभ होने की उम्मीद है। जिसके बाद क्षेत्र के लोगों को बस सुविधाओं का लाभ मिलना प्रारंभ हो जाएगा।
50 से अधिक बसों का होगी जलेसर डिपो व्यवस्था
एटा। एटा डिपो सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार जलेसर डिपो से दिल्ली, बरेली, लखनऊ, कानपुर, एटा, आगरा, मैनपुरी, शिकोहाबाद आदि मुख्य रूटों के लिए कुल 50 से 55 बसों की व्यवस्था की जाएगी। बस डिपो में संभवत: एटा डिपो की बसें भेजी जाएगी।
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