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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़commissioner secretary summoned for not taking decision on promotion high court asked why not be punished

प्रमोशन पर फैसला न लेने वाले आयुक्‍त-सचिव तलब, हाईकोर्ट ने पूछा-क्‍यों न किया जाए दंडित?

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजस्व निरीक्षक को नायब तहसीलदार के पद पर तदर्थ प्रोन्नति देने के आदेश का कथित अनुपालन नहीं करने पर राजस्‍व आयुक्‍त-सचिव को तलब कर लिया है। अगली सुनवाई 20 सितंबर को है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, लखनऊ। विधि संवाददाताSun, 8 Sep 2024 02:12 AM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लख‍नऊ बेंच ने राजस्व निरीक्षक को नायब तहसीलदार के पद पर तदर्थ प्रोन्नति देने के आदेश का कथित अनुपालन नहीं करने पर राजस्‍व आयुक्‍त-सचिव को तलब कर लिया है। न्यायालय ने राजस्‍व परिषद के आयुक्त- सचिव मनीषा त्रिघाटिया को हाजिर होकर जवाब देने को कहा है कि उन्हें कोर्ट के आदेश की अवमानना के लिए क्यों न दंडित किया जाए। न्यायालय अगली सुनवाई 20 सितंबर को करेगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने जितेंद्र सिंह की अवमानना याचिका पर पारित किया। याची की ओर से दलील दी गई कि उसके खिलाफ कुछ आरोपों को लेकर विभागीय जांच हुई थी, हालांकि जांच में कोई तथ्य नहीं मिलने पर सिर्फ चेतावनी जारी की गई थी। बाद में जिलाधिकारी, लखनऊ ने अपने ही आदेश पर पुनर्विचार कर याची को मेजर पेनाल्टी देते हुए वेतनमान घटा दिया। इस दौरान याची की प्रोन्नति पर भी यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा विचार किया जा रहा था। याची ने जिलाधिकारी के मेजर पेनाल्टी के आदेश को हाईकोर्ट में रिट के माध्यम से चुनौती दी, जिस पर रिट कोर्ट ने जिलाधिकारी के आदेश पर रोक लगाते हुए याची को तदर्थ प्रोन्नति देने का आदेश दिया।

आरोप है कि इसके बावजूद आदेश के आयुक्त और सचिव, राजस्व द्वारा याची को तदर्थ प्रोन्नति नहीं दी गई, उल्टा आयोग को कई बार पत्राचार कर प्रोन्नति पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया। आयोग ने भी प्रोन्नति पर पुनर्विचार का अनुरोध खारिज कर दिया। आरोप है कि इसके बावजूद याची को तदर्थ या नियमित प्रोन्नति देने से इनकार कर दिया गया है।

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