महाकुंभ में ड्यूटी को आए पुलिस वालों की लिखित परीक्षा, फेल हुए तो… क्यों पड़ गई जरूरत?
स्कूल, कॉलेज और प्रतियोगिता के लिए क्लास करने और परीक्षा देने के बाद खाकी वर्दी पहन चुके दारोगा और सिपाहियों ने नहीं सोचा था कि उन्हें अब कभी फिर से क्लास करनी होगी और परीक्षा देनी होगी। लेकिन महाकुंभ की ड्यूटी पर पहुंचने के बाद उन्हें ऐसा ही करना पड़ा है।
स्कूल, कॉलेज और प्रतियोगिता के लिए क्लास करने और परीक्षा देने के बाद खाकी वर्दी पहन चुके दारोगा और सिपाहियों ने नहीं सोचा था कि उन्हें अब कभी फिर से क्लास करनी होगी और परीक्षा देनी होगी। लेकिन महाकुंभ की ड्यूटी पर पहुंचने के बाद उन्हें ऐसा ही करना पड़ा है। स्कूल के दिनों की तरह क्लास करनी पड़ रही है और क्लास में जो कुछ पढ़ाया, सिखाया जा रहा उसकी परीक्षा देनी हो रही है। यही नहीं, फेल होने पर फिर से क्लास करनी पड़ रही है और फिर से परीक्षा में बैठना पड़ रहा है। यह सबकुछ महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में पुलिस वालों को पारंगत बनाने के लिए हो रहा है। यह सब यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार की नई पहल के बाद हो रहा है।
क्लास के बाद प्रशिक्षण सत्रों में आपदा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था, श्रद्धालुओं से व्यवहार और कुंभ के धार्मिक एवं आध्यात्मिक पहलुओं पर गहन जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण के बाद आयोजित लिखित परीक्षा में पुलिसकर्मियों की तत्परता का मूल्यांकन किया जा रहा है, ताकि महाकुंभ के दौरान सुरक्षा और सेवा का सर्वोत्तम मानक सुनिश्चित किया जा सके।
लिखित परीक्षा में प्रशिक्षण के दौरान बताए गए विभिन्न आयामों से संबंधित सवालों को पूछा जा रहा है जिसमें आपदा से बचने, श्रद्धालुओं से व्यवहार और कुंभ के धार्मिक और आध्यात्मिक पहलुओं से संबंधित प्रश्न पूछे जा रहे है। कुम्भ मेला मे आये पुलिस कर्मियों को ड्यूटी के लिए पूरी तरह तैयार करने के लिए उनकी क्लास चलाई जा रही है और उनकी तैयारियों को परखने के लिए उनकी परीक्षा भी कराई जा रही है।
एसएसपी कुम्भ मेला राजेश कुमार द्विवेदी के अनुसार कुम्भ मेला ड्यूटी में आने वाले सभी पुलिसकर्मियों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण क्लास चलाई जा रही है। जो सुरक्षा ,आपदा और व्यावहारिक पहलुओं जैसे विभिन्न आयामों पर आधारित है। इसके बाद क्लास में बताई गई जानकारी के अनुसार उनकी परीक्षा करायी जा रही है जिसमे कुम्भ मेला में आपदा को पहचानना, आपदा की स्थिति में त्वरित समाधान , रास्तो की जानकारी ,कुम्भ की आध्यात्मिक एवं धार्मिक जानकारी, और भौगोलिक स्थितियों से संबंधित सवाल पूछे जा रहे है।
पुलिस उपाधीक्षक प्रशिक्षण संदीप वर्मा ने बताया कि प्रश्नपत्र का प्रारूप बहुविकल्पीय है। 100 नंबर के प्रश्न पत्र में 20 सवाल पूछे जा रहे है। परीक्षा का समय एक घंटे निर्धारित है। परीक्षा में फेल होने पर उनको दोबारा तीन दिनों का प्रशिक्षण क्लास करने और परीक्षा देने का प्रावधान है। जिससे पुलिस कर्मी कुंभ में ड्यूटी करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाए।
कुशीनगर से आए इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद परीक्षा देने से हम लोगों को कुंभ की भली-भांति जानकारी हो गई है। अब पुलिस मेले की ड्यूटी के लिए पूर्णतया तैयार है। ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर संजय कुमार चौबे ने बताया कि यहाँ आने पर महाकुंभ के बारे में नई जानकारियां मिली है, जो ड्यूटी में सहायक होंगी। महिला कांस्टेबल स्वेतलाना मौर्य ने बताया कि पूरे पुलिस फ़ोर्स को इस तरह से ट्रेंड किया जा रहा है, जिससे असली परीक्षा महाकुंभ के शुरू होने पर वे डिस्टेंसन नंबरो से पास हो जाए।
पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश श्री प्रशांत कुमार ने बताया कि महाकुंभ के दौरान पुलिसकर्मियों के लिये सभी तरह की ड्यूटी चुनौती पूर्ण होगी। इसके लिए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण और परीक्षा के माध्यम से हर तरह से तैयार किया जा रहा है, जिससे वो अपनी ड्यूटी से भिज्ञ रहते हुए किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहें ।