कैफे पहुंच रही हूं... वाराणसी गैंगरेप पीड़िता का चैट, क्या पलट रहा मामला, SIT जांच की क्यों जरूरत पड़ी?
वाराणसी में छह दिनों तक गैंगरेप का आरोप लगाने वाली युवती के मामले में नया मोड़ आता दिखाई दे रहा है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में एसआईटी बना दी है। यह एसआईटी पीड़िता पर लगे आरोपों की भी जांच करेगी।

वाराणसी के जिस गैंगरेप मामले को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी दौरे पर पहुंचते ही यहां के अधिकारियों से अलग से बातचीत की और कई निर्देश दिए। वह मामला क्या पलट रहा है? यह आशंका गुरुवार को वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल की प्रेस कांफ्रेंस के बाद सामने आ रही है। पुलिस कमिश्नर ने इंस्टाग्राम पर पीड़िता के चैट के हवाले से कहा कि उसने खुद कैफे आने की बात लिखी है। पुलिस कमिश्नर ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। एसआईटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट कमिश्नर को देगी। एसआईटी पीड़िता पर लगे आरोपों की भी जांच करेगी। कमिश्नर ने पीड़िता पर आरोपियों के परिवार की तरफ से लगे आरोपों को भी प्वाइंटवार बताया है। इसके साथ ही कमिश्नर ने साफ कर दिया कि गैंगरेप के मामले में अब एसआईटी की रिपोर्ट आने या एसआईटी की मंजूरी के बाद ही कोई गिरफ्तारी होगी।
गौरतलब है कि अप्रैल के पहले हफ्ते में उस समय सनसनी फैल गई थी जब 19 साल की युवती ने छह दिनों तक 23 लोगों द्वारा अपने साथ गैंगरेप का आरोप लगाया था। वाराणसी में कैफे, होटल और यहां तक की सड़क किनारे भी रेप की बातें कहीं थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में इस तरह से किसी युवती से रेप की घटना को विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल किया। मामला इतना ज्यादा सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ कि 11 अप्रैल को पीएम मोदी वाराणसी पहुंचे तो अफसरों से पूरे मामले की खुद जानकारी ली थी। आगे से ऐसी कोई घटना न हो इसकी हिदायत भी दी थी। इसी के बाद अधिकारी फास्ट हुए।
युवती ने 12 नामजद और 11 अज्ञात युवकों के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। पीएम मोदी के निर्देश के एक हफ्ते बाद भी पुलिस को अज्ञात में दर्ज लोगों की जानकारी नहीं मिल पा रही थी। इसी बीच कुछ ऐसे युवकों को पकड़ा गया जिनके परिजनों ने पीड़िता पर ही कई आरोप लगा दिए। पुलिस को कई ऐसे सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के साथ फोटोग्राफ उपलब्ध कराए गए जो पीड़िता के आरोपों पर संदेह पैदा कर रहे थे। इसी के बाद गुरुवार को पुलिस कमिश्नर ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का ऐलान कर दिया।
कमिश्नर ने साफ कर दिया कि आरोपियों के परिवारर की तरफ से पीड़िता पर लगे आरोपों की जांच भी एसआईटी करेगी। कमिश्नर ने आरोपियों की तरफ से पीड़िता पर लगे 13 आरोपों की जानकारी भी दी। कहा कि अब कोई गिरफ्तारी एसआईटी के कहने पर ही हो सकेगी। पुलिस कमिश्नर ने प्वाइंट में यह भी बताया कि एसआईटी क्या-क्या जांच करेगी। इन प्वाइंट से साफ है कि ज्यादातर जांच के बिंदू पीड़िता पर लगे आरोप हैं।
यह हैं जांच के 13 बिंदू
1-पीड़िता 29 मार्च को घर से लापता हो गयी थी तो 4 अप्रैल तक परिजनों द्वारा गायब होने की सूचना 112 नम्बर या स्थानीय पुलिस को क्यों नही दी गयी?
2-जब पीड़िता को पुलिस के द्वारा 4 अप्रैल को उसकी सहेली के घर से बरामद किया गया तो उसने पुलिस को अपने साथ हुए दुष्कर्म की बात क्यों नही बतायी?
3-पीड़िता का 29 मार्च से 4 अप्रैल के बीच बलात्कार किया गया, लेकिन एफआईआर के अनुसार इस दौरान वह दो बार अपनी सहेली के घर पर रही है। इस दौरान उसने अपनी सहेली को दुष्कर्म के बारे में क्यों नही बताया?
4-पीड़िता की कथित अवधि में बलात्कार के दौरान अपनी सहेली के घर 2 बार रही। वहां से पीड़िता का घर केवल 500 मीटर की दूरी पर है। वह अपने घर क्यों नही गयी?
5-पीड़िता के साथ 23 लोगों नें बलात्कार किया तो शरीर पर चोट के निशान क्यों नही पाये गए?
6-एफआईआर के अनुसार 30 मार्च को पीड़िता का परिचित समीर और उसके दोस्त द्वारा हाइवे पर मोटरसाइकिल पर गलत काम किया गया। क्या यह सम्भव है? लोकेशन व सीसीटीवी देखकर सच्चाई पता किया जाए।
7-सीसीटीवी रिकार्ड में पीड़िता 31 मार्च को दानिश, सोहेल व आयुष के साथ हंसी-खुशी जाते दिख रही है। बलात्कार पीड़िता का इस प्रकार घुमना कैसे संभव है।
8-इंस्टाग्राम एकाउन्ट पर दो अप्रैल को पीड़िता ने खुद के कई पोस्ट और फोटो अपलोड किये गये। इसमें वह स्वस्थ एवं खुश दिख रही है, जबकि उसके साथ 29 मार्च से 3 अप्रैल तक दुष्कर्म का आरोप लगाया गया है।
9- इसी तरह 31 मार्च को पीड़िता अपने इंस्टाग्राम एकाउण्ट से अभियुक्त जाहिद खान (जो कन्टिनेन्टल कैफे में काम करता था) को मैसेज किया कि 'हलो मैं आ रही हूँ कैफे तुम्हारे'।
10-आरोपियों के परिजनों द्वारा अपने प्रार्थना पत्र में एक चार्ट बनाकर एफआईआर में वर्णित उन स्थलों का वर्णन किया गया है, जहा पीड़िता के परिचितों/अज्ञात अभियुक्तों ने उसके साथ गलत कार्य कर छोड़ दिया है। 29.03.2025 को हुकुलगंज, 30.03.2025 की नदेसर, 01.04.2025 को होटल के बाहर, 01.04.2025 को ही दुसरे होटल के बाहर, 01.04.2025 को ही सिगरा आईपी माल के पास, 02.04.2025 को अस्सी घाट, 03.04.2025 को सहेली के घर, 03.04.2025 की सायं चौकाघाट, 03.04.2025 को ही पुनः सहेली के घर पीड़िता स्वतंत्र रूप से रही। इन स्थलों पर पीड़िता के साथ कोई अभियुक्त नहीं था, तो पीड़िता द्वारा पुलिस या माता-पिता को गलत कार्य की सूचना क्यों नही दी गयी।
11-एफआईआर के अनुसार 31 मार्च को दानिश नाम के व्यक्ति ने पीड़िता के साथ रेप किया और उसको छोड़ दिया। पीड़िता उसी दानिश के साथ 3 अप्रैल को फिर चली गयी। जहां उसके साथ फिर बलात्कार हुआ। जब पीड़िता के साथ तीन दिन पूर्व दानिश ने रेप किया था तो स्वेच्छा से फिर दानिश के साथ कैसे चली गयी?
12-जब होटल/कैफे में बलात्कार की घटना की गयी तो पीड़िता द्वारा शोर-शराबा क्यों नही किया गया?
13-एफआईआर में 12 अभियुक्त नामजद है, जबकि मा० न्यायालय के समक्ष बयान में पीड़िता ने कुछ नामजद अभियुक्तों के नाम नहीं लिए है। इन अभियुक्तों का नाम क्यों नहीं बताया गया।कैफे पहुंच रही हूं... वाराणसी गैंगरेप पीड़िता का चैट, क्या पलट रहा मामला, SIT जांच की क्यों जरूरत पड़ी?