मेरे जीते जी बसपा में कोई उत्तराधिकारी नहीं; आकाश को जमीन पर ‘पटकने’ के बाद बोलीं मायावती
- खुद को बसपा के मूवमेंट के लिए पूरी तरह समर्पित और इसके लिए रिश्ते-नातों को महत्व न देने की बात करते हुए मायावती ने आकाश आनंद को लेकर अपने फैसले के पीछे की वजह भी बताई। मायावती ने आकाश आनंद के ससुर को उनका राजनीतिक करियर बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार ठहराया।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को एक बार फिर अपने उत्तराधिकार और पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने साफ कर दिया है कि अब जीते जी उनका कोई उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया जा जाएगा। खुद को बसपा के मूवमेंट के लिए पूरी तरह समर्पित और इसके लिए रिश्ते-नातों को महत्व न देने की बात करते हुए मायावती ने आकाश आनंद को लेकर अपने फैसले के पीछे की कुछ वजह भी बताई। भतीजे पर भड़कीं मायावती ने आकाश आनंद के ससुर को उनका राजनीतिक करियर बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
रविवार को बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद जारी प्रेस विज्ञाप्ति में मायावती ने कहा कि अशोक सिद्धार्थ ने आकाश आनंद का राजनीतिक करियर बर्बाद किया। उन्होंने अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकालने की वजह बताते हुए कहा कि उन्हें निकालने के बाद भी आकाश आनंद पर अशोक सिद्धार्थ की बेटी, यानी अपनी पत्नी का प्रभाव था जो पार्टी हित में नहीं था।
उन्होंने कहा कि अशोक सिद्धार्थ को पार्टी और मूवमेंट के हित में पहले ही बाहर कर दिया गया था। उसने यूपी सहित पूरे देश में पार्टी को दो गुटों में बांटकर इसे कमजोर करने का अति घिनौना काम किया है जो कतई भी बर्दाश्त करने लायक नहीं है। यह सब उनकी लड़के की शादी में भी देखने को मिला।
मायावती ने कहा कि जहां तक आकाश आनंद का सवाल है तो आपको मालूम है कि अशोक सिद्धार्थ की लड़की के साथ इनकी शादी हुई है। अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकालने के बाद उनकी लड़की पर अपने पिता का कितना प्रभाव पड़ता है और आकाश पर भी उनकी लड़की (पत्नी) का कितना प्रभााव पड़ता है तो यह भी अब हमें काफी गंभीरता से देखना होगा। जो अभी तक कतई भी पॉजिटिव (सकारात्मक) नहीं लग रहा है। ऐसे में पार्टी और मूवमेंट के हित में आकाश आनंद को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया है। जिसके लिए पार्टी नहीं बल्कि पूर्ण रूप से उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ ही जिम्मेदार है जिसने पार्टी को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ आकाश आनंद के पॉलिटिकल (राजनीतिक) करियर को भी खराब कर दिया है।
भाई पर भरोसा कायम
मायावती ने जहां भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है वहीं अपने भाई आनंद कुमार पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। उन्होंने आनंद कुमार को बसपा के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर पद की जिम्मेदारी सौंपी है। उनके साथ सांसद (राज्यसभा) राम जी गौतम को भी नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया गया है। इससे यह तो साफ है कि मायावती का गुस्सा आकाश आनंद और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के खिलाफ ही है, भाई पर उनका भरोसा कायम है। बसपा की विज्ञप्ति में आनंद कुमार का जिक्र करते हुए मायावती की ओर से कहा गया है कि अब इनके (आकाश आनंद) के स्थान पर पूर्व की तरह ही आनंद कुमार ही पार्टी के सभी कार्य करते रहेंगे। और यह पहले की तरह ही अभी भी मेरे लखनऊ से बाहर दौरे के दौरान पार्टी के सभी कार्य करते रहते हैं जिससे अभी तक किसी भी मामले में मुझे निराश नहीं किया है। अर्थात् इन्होंने पार्टी और मूवमेंट को अभी तक कोई नुकसन नहीं पहुंचाया है।
कांशीराम का हवाला दे बताई ऐक्शन की वजह
बसपा की ओर से जारी विज्ञप्ति में मायावती ने पार्टी के संस्थापक कांशीराम का हवाला देते हुए आकाश आनंद के खिलाफ लिए गए ऐक्शन की वजह साफ की है। मायावती ने कहा है कि कांशीराम जी ने अपने रिश्तेदारों को पार्टी में काम करने के लिए कभी मना नहीं किया था। वह कहते थे कि मेरे रिश्तेदार भी पार्टी में बाकी लोगों की तरह काम कर सकते हैं। लेकिन यदि इसकी आड़ में जिस दिन वे मेरे नाम का दुरुपयोग करके पार्टी और मूवमेंट को नुकसान पहुंचाएंगे तो उसी दिन मैं उनको पार्टी से तुरंत ही निकाल कर बाहर कर दूंगा। मायावती ने कांशीराम का उदाहरण देते हुए मायावती ने आकाश आनंद पर ऐक्शन लिया और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। मायावती ने कहा कि कांशीराम जी के पद चिन्हों पर चलकर ही मैंने उनकी एक ईमानदार और निष्ठावान शिष्या और उत्तराधिकारी होने के नाते अशोक सिद्धार्थ को जो आनंद के ससुर भी हैं को भी पार्टी और मूवमेंट के हित में पार्टी से बाहर निकाला है।
अशोक पर पहले ही लिया था ऐक्शन
बसपा प्रमुख मायावती ने अशोक सिद्धार्थ पर पहले ही ऐक्शन लिया था। इस साल फरवरी में 'एक्स' पर एक ट्रवीट के जरिए मायावती ने अशोक के साथ-साथ उनके करीबी नितिन सिंह को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इस ऐक्शन के कुछ समय पहले ही अशोक सिद्धार्थ के बेटे की शादी हुई थी। यह शादी आगरा में हुई थी और इसमें आकाश आनंद भी शामिल हुए थे। अपनी पोस्ट में मायावती ने लिखा था- 'बीएसपी की ओर से ख़ासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डा अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद व श्री नितिन सिंह, ज़िला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।'
कौन हैं अशोक सिद्धार्थ
अशोक सिद्धार्थ सरकारी नौकरी छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे। वह पेशे से डॉक्टर हैं। बसपा ने उन्हें पहले एमएलसी बनाया फिर साल 2016 में राज्यसभा का सदस्य बनाया। अशोक साल-2022 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। उनकी पत्नी भी बसपा सरकार के समय यूपी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं। किसी समय में अशोक सिद्धार्थ की गिनती मायावती के करीबियों और बसपा के कद्दावर नेताओं में होती थी। अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा की शादी मायावती के भतीजे आकाश आनंद से हुई है।